क्या मोदी सरकार ने अग्नि-5 मिसाइल की क्षमता घटा दी है?
कांग्रेस सेवा दल के दावे पर लोग मजे क्यों लेने लगे?
Advertisement

अग्नि-V को बुधवार 28 अक्टूबर को ओडिशा के एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से शाम 7:50 बजे लॉन्च किया गया था.
भारत ने बैलिस्टिक मिसाइल Agni-V का सफल परीक्षण कर लिया है. बुधवार 28 अक्टूबर को ओडिशा के तट पर एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से शाम 7:50 बजे इस मिसाइल को लॉन्च किया गया. टेस्ट सक्सेसफुल रहा. बताया गया है कि ये मिसाइल 5000 किलोमीटर दूर तक किसी भी टार्गेट को निशाना बनाने में सक्षम है. इसे लेकर कई लोगों ने खुशी जताई तो कुछ ने मिसाइल की रेंज को लेकर मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की. कांग्रेस के सेवा दल ने दावा किया कि मोदी सरकार ने इस मिसाइल की रेंज 500 किलोमीटर कम कर दी है. क्या ऐसा सच में हुआ है?
सोशल मीडिया के दावे और सच्चाई
अग्नि-5 की क्षमता पर सवाल खड़े करने की शुरुआत हुई महाराष्ट्र के कांग्रेस सेवा दल के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के एक वायरल ट्वीट से. इसमें लिखा गया,
"अग्नि-5 का पहला सफल परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को 5500 किलोमीटर की मारक क्षमता के साथ किया गया था. मोदी सरकार ने इसकी रेंज 500 KM कम कर दी."ये ट्वीट आया और लोग कूद पड़े. कुछ ने कांग्रेस को ही मिसाइल ज्ञान दे दिया तो कुछ ने खूब मजे लिए. पुरु शाह नाम के यूज़र ने मिसाइल के फीचर्स से जुड़ी जानकारी शेयर की. साथ में कांग्रेस सेवा दल के ट्वीट का ये जवाब दिया- ज़रा पढ़ लो गंवारों.
नीतीश सिंह नाम के एक यूज़र ने लिखा,Padhlo zara.. gawaro pic.twitter.com/jV68T0qztc
— Puru shah (@Purushah_04) October 27, 2021
"अगर मैं राहुल गांधी को एक सलाह दे सकता हूं, तो मैं उनसे एक निजी जांच एजेंसी किराए पर लेने और कांग्रेस की एसएम विंग के लिए काम करने वाले सभी लोगों की जांच करने का आग्रह करूंगा. ये लोग ठीक वही करते हैं जो बीजेपी उनसे कराना चाहती है, या तो उन्हें बीजेपी से रुपए मिलते हैं या इससे भी बदतर, वे मुफ्त में बीजेपी के लिए काम करते हैं."
If I could give 1 advice to Rahul Gandhi, I would urge him to hire a private investigating agency and investigate all the people working for Congress SM wing. These guys do exactly what BJP wants them to do,either they get paid by the BJP or worse, they work for the BJP for free. — Nitish Singh (@mishri_vrtt) October 27, 2021
अब मजेदार ट्वीट भी देख लीजिए.
Kitna bhi propaganda chala lo, aise tweets se kabhi nai election jeet paoge
— Neha (@solankineha) October 27, 2021
Congress: pic.twitter.com/ZSzJ9oM7sd
— Tejas (@IITejas) October 27, 2021
टोंटी से कंपीटीशन कर रहे हो कांग्रेसियों pic.twitter.com/N0ATMo2pqmअग्नि-5 की खूबियां अग्नि-5 एक इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है. आसान शब्दों में ऐसे समझ सकते हैं कि ये मिसाइल अन्य महाद्वीपों तक हमला करने में सक्षम है. बताया गया है कि अग्नि-5 अफ्रीका और यूरोप के कुछ हिस्सों सहित अन्य महाद्वीपों के देशों तक पहुंचने की क्षमता रखती है.
— दलीप पंचोली (@DalipPancholi) October 27, 2021
आधिकारिक तौर पर एक ICBM मिसाइल की रेंज या मारक क्षमता कम से कम 5500 किमी होनी चाहिए. अग्नि-5 इसके काफी करीब है. इसलिए इसे ICBM श्रेणी की मिसाइल कहा जा सकता है. इस मिसाइल में तीन ग्रेड वाले सॉलिड ईंधन का इंजन है. जिसकी बदौलत ये बहुत सटीकता के साथ टार्गेट पर प्रहार कर सकती है.
5000 किलोमीटर की मारक क्षमता होने के चलते इस मिसाइल की रेंज के अंदर लगभग पूरे चीन की सीमा आती है. मिसाइल लगभग 1500 किलो वजन का लोड ले सकती है और इसमें परमाणु बम भी लगाया जा सकता है. ये खूबियां इसे देश की सबसे शक्तिशाली मिसाइलों में से एक बनाती हैं. साथ ही ये इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है कि हाल में हाइपरसॉनिक मिसाइलों का परीक्षण करने वाला चीन भी इस बात से बखूबी वाक़िफ़ है कि भारत के पास एक सक्षम ICBM मिसाइल है.
तो इसका क्या मतलब हुआ, क्या अगर कभी युद्ध होता है तो भारत इसका किसी पर भी इस्तेमाल कर सकता है?
ऐसा नहीं है. अग्नि-5 का सफल परीक्षण भारत की घोषित परमाणु नीति के तहत किया गया है जो "क्रेडिबल मिनिमम डेटरेन्स" पर आधारित है. मतलब भारत इसका पहले इस्तेमाल नहीं कर सकता है. लेकिन अगर कोई और देश इसका इस्तेमाल भारत पर करता है तो भारत भी ऐसा कर सकता है.

अग्नि-V की फ़ाइल फ़ोटो.
सरकार के मुताबिक़ अग्नि-5 की अधिकतम सीमा लगभग 5000 किमी है. लेकिन रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी DRDO की कई रिपोर्टों से पता चलता है कि ये 8000 किमी तक भी पहुंच सकती है. DRDO के मुताबिक़ अग्नि-5 को अब तक 10 से भी ज़्यादा बार लॉन्च किया जा चुका है. 19 अप्रैल 2012 को जब इसे पहली बार लॉन्च किया गया था, तब मिसाइल ने 5000 से भी ज़्यादा किलोमीटर की दूरी तय की थी. लेकिन 18 जनवरी 2018 को हुए परीक्षण में इस मिसाइल ने 4900 किलोमीटर की दूरी तय की थी.
रिपोर्टों के मुताबिक मिसाइल रेंज कम होने के पीछे तकनीकी कारण भी होते हैं. मसलन मिसाइल की रेंज इस बात पर भी निर्भर करती है कि इस पर पेलोड यानी कि कितना वजन है. जितना ज़्यादा वजन, उतनी कम रेंज.
बहरहाल, भारत ने अग्नि-5 का परीक्षण ऐसे समय में किया है जब हाल में चीन द्वारा हाइपरसॉनिक मिसाइलों का परीक्षण किए जाने की रिपोर्ट ने पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय में हलचल मचाई हुई है. बताया गया है कि इन मिसाइलों की मारक क्षमता 4000 किलोमीटर से लेकर 12 हजार किलोमीटर तक है. यानी उनकी पहुंच भारत से लेकर अमेरिका तक है.