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शिवाजी की मूर्ति गिरने पर पुलिस का पहला एक्शन, दो पर FIR, नौसेना भी हुई एक्टिव

Maharashtra के Sindhudurg जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची एक प्रतिमा 26 अगस्त को ढह गई. इस मामले पर पुलिस की तरफ से एक्शन लिया गया है. नेवी क्यों एक्टिव हो गई?

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शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने पर पुलिस ने लिया एक्शन (फोटो: सोशल मीडिया)
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रविराज भारद्वाज
27 अगस्त 2024 (Published: 09:48 AM IST) कॉमेंट्स
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महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग (Sindhudurg Statue collapse) जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची एक प्रतिमा 26 अगस्त को ढह गई (Shivaji Maharaj statue collapse). इस मूर्ति का अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस के अवसर पर किया था. मूर्ति के ढहने के बाद विपक्षी पार्टियां सरकार पर हमलावर हो गईं और घटना की जांच की मांग करने लगीं. अब इस पूरे मामले पर पुलिस की तरफ से एक्शन लिया गया है. सिंधुदुर्ग पुलिस ने इस मामले में दो लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है. वहीं पूरी घटना को लेकर भारतीय नौसेना (Indian Navy on Murti collapse) की तरफ से भी बयान आया है.

सिंधुदुर्ग पुलिस ने प्रतिमा ढहने को लेकर ठेकेदार जयदीप आप्टे और स्ट्रक्चरल कंसलटेंट चेतन पाटिल के खिलाफ FIR दर्ज की है. दोनों आरोपियों की कंपनी को ही शिवाजी महाराज का पुतला बनाने और लगाने का काम दिया गया था. स्थानीय पुलिस ने दोनों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 109,110,125,318 और 3(5) के तहत FIR दर्ज की है.

ये भी पढ़ें: PM मोदी शिवाजी की जिस विशाल मूर्ति के अनावरण के लिए गए थे, वो गिर गई

इस घटना को लेकर भारतीय नौसेना की तरफ से भी बयान जारी किया गया है. नौसेना ने इस घटना के कारण की तुरंत जांच करने और जल्द से जल्द मूर्ति की मरम्मत के लिए लिए एक टीम की नियुक्ति की है. नौसेना की तरफ से जारी बयान में कहा गया,

“इंडियन नेवी 4 दिसंबर, 2023 को नौसेना दिवस पर अनावरण की गई छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के ढहने पर गहरी चिंता व्यक्त करती है. राज्य सरकार और संबंधित एक्सपर्ट्स के साथ नौसेना ने इस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना के कारणों की तुरंत जांच करने और जल्द से जल्द मूर्ति की मरम्मत और दोबारा स्थापना के लिए एक टीम नियुक्त की है.”

मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश

वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस मामले को लेकर जांच के आदेश दे दिए हैं. सीएम शिंदे ने कहा,

“ये घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. छत्रपति शिवाजी महाराज महाराष्ट्र के पूज्य देवता हैं. यह प्रतिमा नौसेना द्वारा बनवाई गई थी. उन्होंने ही इसे डिजाइन भी किया था. PWD और नौसेना के अधिकारी घटनास्थल का दौरा करने वाले हैं. ये अधिकारी प्रतिमा गिरने के पीछे के कारणों की जांच करेंगे. हम इस घटना के पीछे के कारणों का पता लगाएंगे और महाराष्ट्र के आराध्य छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को उसी स्थान पर दोबारा से स्थापित करेंगे.”

राजकोट किले में बनी इस प्रतिमा का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस के अवसर पर किया था. पीएम मोदी किले में आयोजित समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे थे. 26 अगस्त को दोपहर करीब एक बजे प्रतिमा गिर गई. अटकलें लगाई जा रही हैं कि तेज हवा के चलते मूर्ति गिरी है. लेकिन अधिकारी ने बताया कि एक्सपर्ट्स की टीम प्रतिमा के ढहने के वास्तविक कारणों का पता लगाएगी. घटना के बाद विपक्षी दलों ने राज्य सरकार की आलोचना की. कांग्रेस, NCP (SP) और शिवसेना (यूबीटी) ने आरोप लगाए कि सरकार ने काम की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया.

वीडियो: तारीख: कोल्हापुर के विशालगढ़ किले की कहानी, छत्रपति शिवाजी महाराज से क्या संबंध है?

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