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मैक्रों के पुराने और भरोसेमंद साथी सेबेस्टियन लेकोर्नू होंगे फ्रांस के नए प्रधानमंत्री

France New PM Sebastien Lecornu: नए प्रधानमंत्री के सामने सबसे बड़ी चुनौती 2026 का बजट पास कराना है. पिछले प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बेयरू को बजट में भारी खर्च कटौती की योजना के कारण पद छोड़ना पड़ा था.

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Sebastien Lecornu Will Be New Prime Minister of France
फ्रांस के नए प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नु. (फोटो- AP)
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रिदम कुमार
10 सितंबर 2025 (Published: 08:09 AM IST)
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सेबेस्टियन लेकोर्नू (Sebastien Lecornu) फ्रांस के नए प्रधानमंत्री होंगे. राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने उन्हें इस पद पर नियुक्त किया है. अब तक वह फ्रांस के रक्षा मंत्री की भूमिका अदा कर रहे थे. लेकॉर्नू मैक्रों के पुराने और भरोसेमंद साथी माने जाते हैं. उन्हें यह जिम्मेदारी ऐसे समय में दी गई है जब फ्रांस की सरकार अल्पमत में है और देश के आर्थिक सुधार एजेंडे को लेकर काफी विरोध हो रहा है. लेकिन इससे उनके लिए राजनीतिक मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं क्योंकि संसद में उन्हें दक्षिणपंथियों पर निर्भर रहने की जरूरत पड़ सकती है. 

कौन है सेबेस्टियन लेकोर्नू

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 39 साल के लेकोर्नू ने बहुत कम उम्र में राजनीति में कदम रखा था. वह 18 साल की उम्र में नॉरमैंडी के एक छोटे से शहर के मेयर बन गए थे. 22 की उम्र में वे पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी के सबसे युवा सलाहकार बने.

लेकोर्नू 2017 में मैक्रों के राष्ट्रपति पद के चुनाव में उनके समर्थन के बाद से ही उनके करीबी रहे हैं. हाल ही में वह रक्षा मंत्री के रूप में काम कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने यूक्रेन को लेकर यूरोपीय सुरक्षा नीतियों को आकार देने में अहम भूमिका निभाई और रक्षा खर्च में इजाफा करवाया.

क्या है चुनौती?

लेकॉर्नू के सामने सबसे बड़ी चुनौती 2026 का बजट पास कराना है. पिछले प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बेयरू को बजट में भारी खर्च कटौती की योजना के कारण पद छोड़ना पड़ा था. फिलहाल फ्रांस का बजट घाटा यूरोपीय यूनियन की तय सीमा (GDP का 3%) से लगभग दोगुना है. इसके अलावा, सरकार की नीतियों के विरोध में 10 सितंबर को देशभर में “सब कुछ रोको” नाम से बड़े प्रदर्शन की तैयारी हो रही है.

राजनीतिक जोखिम

लेकॉर्नू की नियुक्ति यह संकेत देती है कि मैक्रों सोशलिस्ट पार्टी जैसी वामपंथी पार्टियों के साथ समझौता नहीं करेंगे. वह अपने मौजूदा आर्थिक एजेंडे पर कायम रहना चाहते हैं. सोशलिस्ट पार्टी ने रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने और अमीरों पर टैक्स कम करने जैसे फैसलों को पलटने की मांग की है.

अब यह संभावना जताई जा रही है कि मैक्रों को संसद में समर्थन के लिए दूर-दराज की दक्षिणपंथी पार्टी नेशनल रैली (RN) पर निर्भर रहना पड़ सकता है. RN नेता मरीन ले पेन ने संकेत दिए हैं कि अगर सरकार टैक्स नहीं बढ़ाती तो वह लेकोर्नू को पीछे से समर्थन दे सकती हैं. लेकॉर्नू पहले RN नेताओं से निजी तौर पर मिल चुके हैं.

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