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सहारनपुर का साथी कारोबारी करोड़ों रुपए लेकर विदेश भाग गया, बुरी तरह फंस गए थे सौरभ, अब खुली कहानी!

UP के Saharanpur का ये मामला है. जिन लोगों से सौरभ ने पैसा उठाया था, वो उन पर पैसे लौटाने का दबाव बना रहे थे. लोग उनसे पैसा और सोना मांग रहे थे. पर सौरभ कुछ भी लौटाने की स्थिति में नहीं थे.

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जिंदगी समाप्त करने से हरिद्वार में पहले सौरभ-मोना ने सेल्फी ली थी (फोटो-इंडिया टुडे)
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मानस राज
14 अगस्त 2024 (Updated: 14 अगस्त 2024, 09:57 AM IST) कॉमेंट्स
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सहारनपुर के सर्राफा कारोबारी सौरभ और उनकी पत्नी मोना की मौत ने लोगों के बीच सवाल खड़े कर दिए हैं. सवाल ये कि क्या इस कपल ने सिर्फ कर्ज के दबाव में आकर अपनी जिंदगी समाप्त कर ली? आखिर सौरभ-मोना ने बिजनेस में 10-15 करोड़ का कर्ज कैसे ले लिया?

सौरभ और मोना सर्राफा (जूलरी) के कारोबार से जुड़े थे. इसके अलावा सौरभ एक गोल्ड कमेटी भी चला रहे थे. इस गोल्ट कमेटी में करीब 1 हजार लोगों ने पैसा जमा करवाया था. ये काम सौरभ काफी बार कर चुके थे. स्कीम में लगे कई लोगों के पैसे उसने वापस भी किये थे.

कारोबारी के बेटे का धोखा

सौरभ और मोना साथ मिलकर ये बिजनेस कर रहे थे. इस काम में सहारनपुर का एक बड़ा कारोबारी उनकी मदद कर रहा था. पर इसी कारोबारी के बेटे ने सौरभ को धोखा दे दिया. दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक सौरभ ने हमेशा की तरह इस बार भी सोना देने के लिए लोगों से पैसे जमा करवाए. ये रकम 6 से 7 करोड़ के आसपास थी. ये सारी रकम सौरभ ने उसी बड़े कारोबारी के पास जमा की थी. पर करीब 20 दिन पहले कारोबारी का बेटा ये सारी रकम लेकर दुबई चला गया.

सौरभ ने इस पर कारोबारी से जमा पैसे वापस मांगे. लेकिन कारोबारी ने रकम लौटाने से इंकार कर दिया. सौरभ इससे सदमे में आ गए. जिन लोगों से उन्होंने पैसे उठाए थे, वो उन पर पैसे लौटाने का दबाव बना रहे थे. लोग उनसे पैसा और सोना मांग रहे थे. पर सौरभ कुछ भी लौटाने की स्थिति में नहीं थे. वो ये दबाव झेल नहीं पाए, लिहाजा उन्होंने और उनकी पत्नी ने जान दे दी. 

दैनिक भास्कर से बात करते हुए सौरभ के एक क्लाइंट अनिल कुमार बताते हैं,

"सौरभ गोल्ड की कमेटी चलाते थे. हमने सोना दिया था, जिसकी वैल्यू करीब 70 हजार रूपये थी. सौरभ ने कुछ पैसा हमें दिया था, सोने के लिए कहा था कि कुछ दिन बाद ले लेना. अब फोन आया कि उन्होंने हरिद्वार में जान दे दी."

सौरभ की ऐसी खराब स्थिति देखकर उनकी दुकान पर काम करने वाला गोलू सैलरी तक नहीं मांगता था. पर सौरभ उसे सैलरी दे दिया करते थे. गोलू को अंदाजा था कि भैया-भाभी परेशान हैं. उनपर काफी कर्ज हैं. पर किसी को अंदाजा नहीं था कि सौरभ और मोना ऐसा कदम उठा लेंगे.

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