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"PM घमंड में थे, BJP राम मंदिर पर बम..." सत्यपाल मलिक के वो 5 बयान, जिन पर मच चुका है बवाल

इससे पहले Satyapal Malik ने कहा था कि चुनाव जीतने के लिए BJP अपने किसी प्रमुख नेता की हत्या करवा सकती है या Ram Mandir पर बम फिंकवा सकती है.

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Satyapal Malik Vs Narendra Modi
सत्यपाल मलिक ने PM मोदी पर गंभीर आरोप लगाए थे. (फाइल फोटो: इंडिया टुडे)
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22 फ़रवरी 2024 (Updated: 22 फ़रवरी 2024, 14:59 IST)
Updated: 22 फ़रवरी 2024 14:59 IST
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सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) के घर और दफ्तर पर CBI का छापा पड़ा है. जम्मू-कश्मीर में किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट के लिए आवंटित 2200 करोड़ रुपये के कथित भ्रष्टाचार केस में मलिक से जुड़ीं जगहों पर CBI की छापेमारी चल रही है. जांच एजेंसी ने मलिक के दिल्ली, गुरुग्राम और बागपथ स्थित आवास और दफ्तर की तलाशी ली है. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में भी 30 जगहों पर छापा मारा है. 

मलिक अगस्त 2018 से अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर के गवर्नर रहे. उनके कार्यकाल में 14 फरवरी 2019 को पठानकोट हमला हुआ. फिर उन्हीं के कार्यकाल में 5 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने राज्य से अनुच्छेद 370 हटा लिया. जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के पद से हटने के बाद वो अपने बयानों से BJP सरकार पर लगातार गंभीर आरोप लगाते रहे हैं.

अप्रैल 2023 में मलिक ने मीडिया संस्थान द वायर को एक इंटरव्यू दिया. इंटरव्यू में उन्होंने मोदी सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए. उनके बयानों की खूब चर्चा हुई. सुर्खियां भी बनीं.

मलिक ने इस इंटरव्यू में कहा था कि पुलवामा में CRPF के काफिले पर हमला हमारे सिस्टम और विशेष रूप से गृह मंत्रालय की लापरवाही का परिणाम था. उन्होंने तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह पर आरोप लगाया था. कहा था कि CRPF ने अपने जवानों को ले जाने के लिए विमान की मांग की थी. लेकिन गृह मंत्रालय ने मांग को ठुकरा दिया था.

Satyapal Malik with Rahul Gandhi
मलिक का इंटरव्यू लेते राहुल गांधी. (तस्वीर: X प्रोफाइल/राहुल गांधी, अक्टूबर 2023)
PM मोदी पर लगाया था आरोप

उन्होंने बताया था कि जिस रास्ते से CRPF को जाना था, उसका सैनिटाइजेशन प्रभावी ढंग से नहीं किया गया था. इतना ही नहीं उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने PM मोदी के सामने ये मुद्दा उठाया तो प्रधानमंत्री ने उनसे इस बारे में चुप रहने और किसी को नहीं बताने की बात कही थी.

‘साइन करने के बदले 300 करोड़’

हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं हुआ था जब सत्यपाल मलिक अपने बयानों के कारण चर्चा में थे. उन्होंने 17 अक्टूबर 2021 को राजस्थान में एक कार्यक्रम में भी ऐसा ही बयान दिया था. कहा था कि जब वो जम्मू और कश्मीर के गवर्नर थे तो दो फाइलों पर साइन करने के लिए उन्हें 300 करोड़ रुपये के रिश्वत का ऑफर दिया गया था.

ये भी पढ़ें: कौन हैं सत्यपाल मलिक, जिनके माथे जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग करने का दाग लगा

इस बयान से अंबानी, RSS, BJP और महबूबा मुफ्ती की पार्टी PDP का नाम जुड़ा. मलिक ने कहा था,

“कश्मीर जाने के बाद मेरे सामने दो फाइलें (साइन करने के लिए) लाई गईं. एक अंबानी और दूसरी RSS से जुड़े व्यक्ति की थी, जो महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली तत्कालीन पीडीपी-भाजपा सरकार में मंत्री थे और प्रधानमंत्री के बहुत करीबी थे.”

उन्होंने बताया कि सचिवों ने उनको इस बात की जानकारी दी थी कि एक फाइल पर साइन करने के लिए 150 करोड़ रुपये मिलेंगे. उन्होंने दावा किया कि फाइलों पर साइन नहीं किए गए. मलिक ने बताया कि तब उन्होंने अपने सचिवों से कहा था कि वो पांच जोड़ी कुर्ता-पायजामा लेकर आए थे और केवल वही लेकर वापस चले जाएंगे.

उनके इस बयान के आधार पर CBI ने दो FIR दर्ज कीं. 14 जगहों पर छापेमारी की गई. जांच एजेंसी ने मलिक को अपने दफ्तर बुलाया था और पूछताछ की थी.

इसके बाद मई 2023 में इसी मामले में पूर्व राज्यपाल के करीबियों के घर पर CBI का छापा पड़ा था. मलिक के एक मीडिया सलाहकार के यहां भी CBI ने छापा मारा था.

अमित शाह का जवाब

ये मामला यहीं नहीं थमा. मलिक के आरोपों पर गृह मंत्री अमित शाह का जवाब आया. उन्होंने कहा कि मलिक जो भी बोल रहे हैं, वो राज्यपाल रहते हुए क्यों नहीं बोला था. शाह से पूछा गया कि उनकी सरकार की आलोचना करने वालों के खिलाफ जांच एजेंसियां कार्रवाई करने लगती हैं. इसपर शाह का जवाब था कि ये सच नहीं है. शाह ने कहा था कि मलिक ने जो कहा है, उसके अलावा कुछ सबूत मिले होंगे तो बुलाया गया होगा. उन्होंने कहा था कि उनके खिलाफ बोलने के कारण बुलाया गया है, ये सच नहीं है.

Amit Shah with Satyapal Malik
अमित शाह के साथ मलिक. (फाइल फोटो: इंडिया टुडे)
नूंह हिंसा सुनियोजित

जुलाई 2023 में हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा को लेकर भी सत्यपाल मलिक ने BJP सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे. अगस्त 2023 में उन्होंने कहा था कि ये हिंसा अनायास नहीं थी. उन्होंने दावा किया कि सांप्रदायिक भेदभाव पैदा करने के लिए सात से आठ अलग-अलग जगहों पर सुनियोजित तरीके से हमले किए गए थे.

मलिक दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में बोल रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर इन लोगों पर काबू नहीं पाया गया तो पूरा देश मणिपुर की तरह जल जाएगा. उन्होंने आरोप लगाया कि 2024 के चुनाव तक ऐसे हमले और बढ़ेंगे.

PM मोदी ने पुलवामा का फायदा उठाया

मलिक ने यहां भी PM मोदी को पुलवामा के मुद्दे पर घेर लिया था. कहा था कि पुलवामा अटैक के बाद PM मोदी ने इस त्रासदी का फायदा उठाया और लोगों से कहा कि जब वो वोट दें तो पुलवामा को याद रखें. मैं जनता से एक बार फिर कहता हूं कि इस बार वोट करते समय पुलवामा के शहीदों को याद रखें.

‘राम मंदिर पर बम फिंकवा सकती है BJP’

इसी कार्यक्रम में बोलते हुए पूर्व गवर्नर ने भाजपा को लेकर एक और बड़ा बयान दिया था. कहा था,

“चुनाव जीतने के लिए भाजपा अपने किसी प्रमुख नेता की हत्या करवा सकती है या निर्माणाधीन राम मंदिर पर बम फिंकवा सकती है.”

PM मोदी को बताया था ‘घमंडी’

जनवरी 2022. मलिक तब मेघालय के गवर्नर थे. किसानों के मुद्दे पर उनके कई बयान आ रहे थे. इसी दौरान उन्होंने PM मोदी को ‘घमंडी’ बता दिया था. कहा था कि उन्होंने किसानों के विरोध प्रदर्शन पर चर्चा करने के लिए उन्होंने PM मोदी से बात की थी. लेकिन PM घमंड में थे. इस वजह से उनकी PM से बहस भी हो गई थी.

Narendra Modi with Satyapal Malik
PM मोदी के साथ सत्यपाल मलिक. (फाइल फोटो: X प्रोफाइल/PMOIndia)

मलिक ने दावा किया था कि पांच मिनट में ही उनकी और PM मोदी की लड़ाई हो गई थी. उनके बयान कुछ इस तरह थे,

"वो (PM) बहुत घमंड में थे. जब मैंने उनसे कहा, हमारे 500 लोग मर गए. (PM ने कहा) तुम तो *** मरती है तो चिट्ठी भेजते हो. मेरे लिए मरे हैं? मैंने कहा आपके लिए ही तो मरे थे, क्योंकि आप उनकी वजह से राजा बने हुए हो, इसको लेकर मेरा उनसे झगड़ा हो गया.”

मलिक के मुताबिक PM ने इसके बाद उनसे अमित शाह से मिलने को कहा. उन्होंने दावा करते हुए कहा था,

"अमित शाह ने कहा सत्यपाल इनकी अक्ल मार रखी है लोगों ने, तुम बेफिक्र रहो, तुम आते रहो हमसे मिलते रहो..."

4 राज्यों के राज्यपाल रह चुके हैं मलिक

सत्यपाल मलिक 2004 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुएथे. 2012 में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने. इसके बाद 2017 से लेकर 2020 तक 4 राज्यों के राज्यपाल बनाए गए. 2017 में बिहार, 2018 में जम्मू-कश्मीर, 2019 में गोवा और 2020 में मिजोरम के राज्यपाल बने.

अप्रैल 2023 में अमित शाह से पूछा गया था कि क्या सत्यपाल मलिक को राज्यपाल पद के लिए चुनने के बाद कभी ऐसा लगा कि गलत व्यक्ति को चुना है? शाह का जवाब था कि वे सिर्फ इतना कहना चाहते हैं कि मलिक काफी लंबे समय से काम कर रहे हैं. अब समय-समय पर कोई अपना रुख बदल ले तो उसका क्या कर सकते हैं. जनता को ऐसे लोगों को पहचान लेना चाहिए.

वीडियो: नूह हिंसा और राम मंदिर पर सत्यपाल मलिक ने क्या दावा कर बीजेपी को घेर लिया?

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