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शाहजहां शेख के लिए सुप्रीम कोर्ट गई ममता सरकार को बहुत सुनाया गया

शाहजहां शेख के खिलाफ जमीन हथियाने और यौन उत्पीड़न के आरोपों से जुड़े मामलों को कलकत्ता हाई कोर्ट ने CBI को सौंपा था. इसी के खिलाफ बंगाल सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई.

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Sandeshkhali case Mamata Banerjee
पश्चिम बंगाल सरकार पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल खड़े किए. (फोटो- पीटीआई)
29 अप्रैल 2024
Updated: 29 अप्रैल 2024 19:46 IST
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सुप्रीम कोर्ट ने संदेशखाली केस में CBI जांच का विरोध करने पर पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगाई है. 29 अप्रैल को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा कि राज्य सरकार TMC से निलंबित नेता शाहजहां शेख के खिलाफ जांच का विरोध क्यों कर रही है. शेख के खिलाफ जमीन हथियाने और यौन उत्पीड़न के आरोपों से जुड़े मामलों को कलकत्ता हाई कोर्ट ने सीबीआई को सौंप दिया था. इसी के खिलाफ ममता बनर्जी की सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई.

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने राज्य सरकार पर कई सवाल खड़े किए. बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकार की तरफ से सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से दो से तीन हफ्ते का समय मांगा था. इसी पर कोर्ट ने पूछा,

"किसी प्राइवेट (व्यक्ति) के खिलाफ आरोपों की सीबीआई जांच के खिलाफ राज्य सरकार याचिका क्यों दाखिल कर रही है? इसे हम ऐसे भी स्थगित कर रह हैं. इसे चुनाव के बाद सुनना ही ज्यादा सही रहेगा."

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, इस पर पश्चिम बंगाल सरकार के एक और वकील जयदीप गुप्ता ने जवाब दिया कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के खिलाफ टिप्पणी की थी. जवाब में जस्टिस संदीप मेहता ने कहा कि आप जाइए और हाई कोर्ट में इसे हटवाइए, यहां क्यों आए हैं? इस टिप्पणी के बाद बेंच ने मामले को जुलाई के लिए स्थगित कर दिया.

इस साल 5 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक टीम कथित राशन (PDS) घोटाले की जांच के लिए नॉर्थ 24 परगना के संदेशखाली पहुंची थी. शाहजहां शेख के घर पर. लेकिन वहां पहुंचते ही 100 से ज्यादा लोगों ने अफसरों और अर्धसैनिक बलों को घेर लिया था. स्थानीय लोगों की भीड़ ने ईडी और केंद्रीय बल की गाड़ी पर हमला कर दिया. गाड़ियां तोड़ दीं. हालांकि शाहजहां शेख वहां से फरार हो गया था.

ये भी पढ़ें- ग्राउंड रिपोर्ट: संदेशखाली की असली कहानी!

ED पर हमले की घटना के कुछ समय बाद ही शाहजहां शेख के खिलाफ संदेशखाली में प्रदर्शन शुरू हो गया. वहां के कई महिलाओं ने शेख पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया. उस पर जमीन हड़पने का भी आरोप लगा. इन सबके बीच मामला कोर्ट पहुंचा. 28 फरवरी को कलकत्ता हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि शाहजहां शेख को सीबीआई, ईडी या राज्य पुलिस, कोई भी गिरफ्तार कर सकती है. इसके एक दिन बाद, 29 फरवरी को पश्चिम बंगाल पुलिस ने शेख को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद टीएमसी ने भी शाहजहां शेख को 6 साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया.

शेख के खिलाफ यौन उत्पीड़न और जमीन हथियाने के मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने कई जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की. 10 अप्रैल को हाई कोर्ट ने सीबीआई को जांच का निर्देश दिया था. इसके बाद 25 अप्रैल को जांच एजेंसी ने केस दर्ज किया था.

5 मार्च को हाई कोर्ट ने संदेशखाली में ED अधिकारियों पर हुए हमले का मामला भी सीबीआई को ट्रांसफर करने का आदेश दिया था. हाई कोर्ट के दो बार आदेश जारी करने के बाद बंगाल पुलिस ने शाहजहां शेख को सीबीआई के हवाले किया था.

वीडियो: संदेशखाली हिंसा का मुख्य आरोपी शाहजहां शेख अरेस्ट, बंगाल पुलिस ने कैसे पकड़ा?

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