The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Salwan Momika accused of burni...

कुरान जलाने वाले सलवान मोमिका मौत की अफवाह के बाद सामने आए, बोले, 'मैं जिंदा हूं और...'

बीती 1 अप्रैल को मोमिका की मौत की अफवाह उड़ी थी. इस पर उन्होंने कहा कि उनकी मौत की खबर उन लोगों को डराने के लिए फैलाई गई जो इस्लाम की आलोचना करते हैं.

Advertisement
Salwan Momika
नॉर्वे पुलिस की गिरफ्त में हैं सलवान मोमिका. (Salwan Momika/X)
pic
सौरभ
12 अप्रैल 2024 (Published: 20:37 IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

कुरान जलाने वाले सलवान मोमिका की मौत की अफवाह फैलने के एक हफ्ते बाद उनका बयान आया है. उन्होंने बताया कि वो जीवित हैं. सलवान इस्लाम धर्म के आलोचक हैं. वो चर्चा में तब आए जब उन्होंने पिछले साल ईद के मौके पर स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम की सबसे बड़ी मस्जिद के सामने मुस्लिम धार्मिक ग्रंथ कुरान का अपमान किया और उसे जलाया.

मोमिका ने एक्स पर पोस्ट किया और बताया कि वो जीवित हैं. उन्होंने कहा-

"मेरे दोस्तो, मैं ठीक नहीं हूं. मैं आजादी की कीमत और सत्य शब्द की कीमत चुका रहा हूं. पूरी दुनिया मेरे खिलाफ है और नॉर्वे ने आजादी के मतलब की धज्जियां उड़ा दी हैं."

बीती 1 अप्रैल को मोमिका की मौत की अफवाह उड़ी थी. इस पर उन्होंने कहा कि उनकी मौत की खबर उन लोगों को डराने के लिए फैलाई गई जो इस्लाम की आलोचना करते हैं. मोमिका ने कहा,

"नॉर्वे में मेरी मौत की खबर प्रकाशित करने वाले अखबार और समाचार वेबसाइट झूठे हैं. और उनका लक्ष्य इस्लाम की आलोचना करने वाले हर शख्स को डराना है. इसलिए, मैं कहता हूं, आपकी अफवाहें और झूठी मीडिया हमें नहीं डरा पाएंगी."

मोमिका ने बताया कि नॉर्वे में कदम रखते ही उन्हें पकड़ लिया गया था. उन्होंने कहा कि नॉर्वे के अधिकारियों के अन्याय के बावजूद वो आत्मसमर्पण नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि वो जैसे ही यहां पहुंचे, उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया और फोन भी छीन लिए गए.

कौन है सलवान मोमिका?

वैसे तो मोमिका के इतिहास के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन इराक में एक मिलिशिया नेता के रूप में उनकी तस्वीरें और वीडियो मौजूद हैं. एक पुराने वीडियो में मोमिका ने खुद को इराक में एक ईसाई मिलिशिया के प्रमुख के रूप में पेश किया था.

फ्रांसीसी मीडिया फ्रांस24 के मुताबिक, उनका संगठन, इमाम अली ब्रिगेड्स के अंतर्गत आता है. ये संगठन 2014 में बनाया गया था और इस पर वॉर क्राइम के आरोप लगते रहे हैं. इमाम अली ब्रिगेड पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्सेज के छात्र संगठन के तहत एक समूह है. पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्सेज के तहत कई संगठनों को इस्लामिक स्टेट से लड़ने के लिए इराकी सेना में एकीकृत किया गया है.

सलवान मोमिका ने 2017 में इराकी शहर मोसुल के बाहरी इलाके में अपना सशस्त्र समूह बनाया था. एक अन्य ईसाई मिलिशिया संगठन बेबीलोन के प्रमुख रेयान अल-कलदानी के साथ सत्ता संघर्ष के बाद उन्हें 2018 में इराक छोड़ना पड़ा था.

वीडियो: 'सनातन धर्म और इस्लाम में कोई अंतर नहीं,' मौलाना ने भगवान राम पर क्या कह दिया?

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement