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क्या CM गहलोत ने खुद ही राजस्थान में आरक्षण का आंदोलन शुरू करवा दिया है?

क्या है सैनी आरक्षण का बवाल? क्या CM गहलोत दिल्ली तक अपनी धाक जमाना चाहते हैं?

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राजस्थान में सैनी आंदोलन की तस्वीरें. (फोटो- सोशल मीडिया)
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सौरभ
14 जून 2022 (Updated: 14 जून 2022, 09:30 PM IST) कॉमेंट्स
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राजस्थान में एक बार फिर आरक्षण के लिए आंदोलन शुरू हो गया है. जाट और गुर्जर आंदोलन के बाद इस बार सैनी समाज के लोग सड़कों पर हैं. राजस्थान के भरतपुर में प्रदर्शनकारी 12 जून से जयपुर-आगरा हाईवे जाम कर धरने पर बैठे हैं. जिला प्रशासन की ओर से सोमवार, 13 जून को DM और SP बातचीत करने पहुंचे थे लेकिन बात नहीं बनी. प्रदर्शनकारी सरकार के प्रतिनिधि से ही बातचीत करने पर अड़े हैं.

क्या है सैनी आरक्षण?

सैनी समाज की राजस्थान में कुल आबादी करीब 5 प्रतिशत है. राजस्थान में सैनी समाज के लोग पहली बार अलग आरक्षण की मांग कर रहे हैं.  राजस्थान का सैनी समाज OBC (Other Backward Class) कैटेगरी में आता है. उन्हें OBC को मिलने वाले आरक्षण का फायदा मिलता रहा है. लेकिन अब सैनी समाज OBC से अलग 12 प्रतिशत आरक्षण मांग रहा है. ये आंदोलन भरतपुर के बांदीकुई में चल रहा है. दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक सोमवार को आंदोलनकारियों ने एक बैठक की. इस बैठक के बाद राजस्थान सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया है. उनका कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं सुनी गईं तो दौसा जिले में भी आंदोलन होगा.

राजस्थान में किसको कितना आरक्षण मिलता है?

राजस्थान में कुल 64 प्रतिशत आरक्षण लागू है. राज्य में OBC कैटेगरी में आने वालों की जनसंख्या 57 प्रतिशत है, इन्हें 21 प्रतिशत आरक्षण मिलता है. SC यानी अनुसूचित जाति की आबादी 16 प्रतिशत है, इन्हें 16 प्रतिशत आरक्षण मिलता है. EWS यानी इकोनॉमिकली बैकवर्ड सेक्शन की आबादी 10 प्रतिशत है, इन्हें 10 प्रतिशत आरक्षण मिलता है. MBC यानी मोस्ट बैकवर्ड क्लास (जिसमें गुर्जर भी आते हैं) की आबादी 5 प्रतिशत है, इन्हें 5 प्रतिशत आरक्षण मिलता है. और ST यानी अनुसूचित जनजाति की आबादी 12 प्रतिशत, इन्हें 12 प्रतिशत आरक्षण मिलता है.

क्या ये पॉलिटिक्स चल रही है?

सैनी समाज के इस आंदोलन को कुछ लोग सीएम अशोक गहलोत के दिमाग की चाल बता रहे हैं. खबरों के मुताबिक, आंदोलनकारी कह रहे है कि सरकार अगर हमसे बात कर ले तो हम आंदोलन बंद कर देंगे. कई सालों से राजस्थान की राजनीति को नज़दीक से देख रहे और इंडिया टुडे से जुड़े पत्रकार आनंद चौधरी कहते हैं कि,

हाल के दिनों में सचिन पायलट को अलग-अलग शहरों के दौरे में भारी भीड़ और समर्थन देखने को मिला है. इसलिए इसे गहलोत के दिमाग की उपज भी कह सकते हैं कि सैनी समाज आंदोलन करे, फिर गहलोत आंदोलन खत्म करा दें और दिल्ली तक ये संदेश चला जाए कि गहलोत का मान और समर्थन राजस्थान में किसी से कम नहीं है. बीते दिनों राज्यसभा चुनाव में भी गहलोत की चाणक्य बुद्धि चलती हुई दिखी जब बसपा के 5 विधायकों ने कांग्रेस का समर्थन करने से मना कर दिया और फिर कुछ ही घंटे बाद वो गहलोत के साथ चार्टर प्लेन से साथ जयपुर पहुंच गए.

आनंद कहते हैं कि जिस जगह पर आंदोलन हो रहा है वहां सैनी समाज की आबादी ज्यादा है. इन बातों के साथ एक ट्रिविया भी है. और वो ये कि अशोक गहलोत खुद सैनी समाज से आते हैं.

 

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