प्रधानमंत्री मोदी मिल आए हैं रशिया के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से. वैसे तो इंडिया और रशिया के बीच पिछले 10-12 सालों से बातचीत चल रही है. तो ऐसा क्या खास है इस बार जो मोदी ने उखाड़ा है? देखेंगे वन बाय वन:
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1. दोनों देशों के बीच तय हुआ कि उनके रिश्ते में 'मेक इन इंडिया' अहम रहेगा. रशिया पहला देश है जो 'मेक इन इंडिया' के तहत भारत के साथ काम करेगा. जिन सेक्टरों में काम करेगा, वो हैं न्यूक्लियर और डिफेंस.
2. मोदी और पुतिन ने मिल कर 16 पैक्ट साइन किए, जिनमें शामिल थे न्यूक्लियर और डिफेंस से जुड़े इकरारनामे.
3. रशिया बनाएगा इंडिया के लिए 'कामोव-226' हेलिकॉप्टर. ऐसा मोदी ने रशिया को अपना 'डिफेंस पार्टनर' बताते हुए कहा.
4. रशिया बनाएगा टोटल 12 न्यूक्लियर रिएक्टर. जो कि इंडिया में दो जगह लगाए जाएंगे. इन रियेक्टरों के पार्ट्स बनेंगे भारत में, भारतीय कंपनियों की मदद से. न्यूक्लियर रिएक्टर वो होते हैं जो न्यूक्लियर पावर प्लांट में लगते हैं. और इनमें बनती है बिजली.
5. तमिलनाडु के कुडनकुलम में है एक न्यूक्लियर पावर प्लांट. रशिया इसका दूसरा यूनिट बनाएगा. मोदी का कहना है कि इसको बनाने के लिए भारत सरकार फटाफट पैसों का जुगाड़ करेगी और जल्द से जल्द प्रोजेक्ट शुरू हो जाएगा. इसके बाद बनेंगे तीसरे और चौथे यूनिट.
6. दूसरा न्यूक्लियर पावर प्लांट बनाने के लिए जगह की खोज शुरू की जाएगी फटाफट. यहां बनेंगे 6 यूनिट. सब होगा 'मेक इन इंडिया' के तहत देश में मैनुफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए.
7. हाई टेक्नोलॉजी मिलिट्री इक्विपमेंट, यानी बढ़िया वाली तोप-बंदूक दोनों देश मिल कर बनाएंगे. दोनों देशों की जिन एजेंसियों को ये काम करना है, उनको जरूरत की सभी चीजें जल्दी दी जाएंगी.
8. मोदी ने कहा कि रशिया के साथ मिल कर आतंकवाद से लड़ा जाएगा. बिना देशों और आतंकी संगठनों के बीच भेद भाव किए. दोनों देशों के जॉइंट स्टेटमेंट के मुताबिक, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कोई 'दोगलापन' नहीं करेंगे. लगता तो ऐसा है कि इशारा पाकिस्तान की तरफ था.
9. यूनाइटेड नेशन की सिक्योरिटी काउंसिल में भारत को परमानेंट मेंबर बनाने के सपोर्ट में खड़ा होगा रशिया. मोदी का मानना है कि भारत काउंसिल में होना डिजर्व करता है. अभी काउंसिल के परमानेंट मेंबर हैं: चाइना, फ्रांस, रशिया, UK और USA.
10. बिना सीरिया का नाम लिए मोदी ने कहा कि पश्चिमी एशिया में चल रहे डिस्टर्बेंस को खत्म करने के लिए सारे देशों को एकजुट होना चाहिए.
पुतिन को टाटा करते हुए मोदी ने कहा कि जिस तरह वो इस साल दो बार रशिया गए, वो चाहेंगे कि आने वाले साल में पुतिन भी BRICS समिट के लिए भारत आएं. देश उनका स्वागत करेगा.