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'यासीन मलिक ने किया था मेरा अपहरण', 33 साल पुराने मामले में कोर्ट में बोलीं रूबिया

ये मामला 8 दिसंबर 1989 का है. जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया का अपहरण कर लिया गया था. रूबिया सईद को छोड़ने के एवज में पांच आतंकियों को छोड़ने की मांग की गई थी.

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रूबिया सईद (बाएं) और यासीन मलिक (दाएं) (फोटो: पीटीआई)
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आयूष कुमार
16 जुलाई 2022 (Updated: 23 जुलाई 2022, 02:42 PM IST)
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जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की छोटी बेटी डॉ रूबिया सईद (Rubaiya Sayeed) 33 साल पुराने अपहरण मामले में शुक्रवार 15 जुलाई को पहली बार टाडा कोर्ट में पेश हुईं. इस दौरान रूबिया ने जेकेएलएफ (JKLF) चीफ यासीन मलिक (Yasin Malik) की पहचान अपहरणकर्ता के तौर पर की है. कोर्ट में रूबिया ने बताया कि दिसंबर 1989 में यासीन मलिक ने तीन अन्य लोगों के साथ मिलकर उनका अपहरण किया था. सीबीआई की वकील मोनिका कोहली ने मीडिया से बात करते हुए ये जानकारी साझा की है.  

इस मामले की जांच कर रही सीबीआई ने 1990 में रूबिया को गवाह बनाया था. रूबिया को पहली बार अपना बयान दर्ज कराने के लिए अदालत में पेश होने के लिए कहा गया था. शुक्रवार, 15 जुलाई को सुबह करीब साढ़े दस बजे रूबिया कोर्ट में पेश हुईं. इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए यासीन मलिक भी कोर्ट में मौजूद था. रूबिया ने सुबूत के तौर पर पेश तस्वीरों में से यासीन मलिक को पहचान लिया. रूबिया ने कहा कि अपहरण के दौरान यासीन ने ही उन्हें बस से घसीट कर बाहर लाने की धमकी भी दी थी.  

यासीन मलिक के अलावा रूबिया ने मोहम्मद जमां मीर, मेहराज-उद-दीन शेख और मंजूर अहमद सोफी की पहचान अपहरणकर्ता के रूप में की है. इनके अलावा इस केस में अली मोहम्मद मीर, इकबाल अहमद, जावेद अहमद मीर, मोहम्मद रफीक, वजाहत बशीर और शौकत अहमद बख्शी को भी आरोपी बनाया गया है.   

इस मामले में कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 23 अगस्त तय की है.

क्या था मामला?

90 के दशक में जम्मू कश्मीर में आतंकवाद घटनाएं काफी बाढ़ गई थीं. तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद लाल देद मेमोरियल अस्पताल में बतौर मेडिकल इन्टर्न काम कर रही थी. 8 दिसंबर 1989 को रूबिया मिनी बस से अपने घर लौट रही थी, तभी अचानक चार लोगों ने उनका अपहरण कर लिया था. इस घटना की जिम्मेदारी JKLF ने ली थी.  

उस समय रूबिया के अपहण की खबर से पूरे देश में हड़कंप में मच गया था. अपहरणकर्ताओं ने रूबिया को छोड़ने के बदले 5 खतरनाक आतंकवादियों को जेल से रिहा करने की मांग की थी. जिसे तत्कालीन केंद्र सरकार ने मान लिया था. और करीब पांच दिन बाद रूबिया को सुरक्षित छोड़ दिया गया था. 

यासीन मलिक इस समय आतंकवादियों को फंडिंग के अपराध मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है. हालांकि उसके ऊपर कई और आरोपों में मुकदमा भी चल रहा है.

वीडियो: यासीन मलिक ने आतंकवादियों को पैसे दिए, जानिए किस भयानक केस में नपे अलगाववादी नेता?

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