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PAYTM में दसियों करोड़ का कैशबैक घोटाला हो गया, किसी को पता भी नहीं चला

जानिए घोटाला पता लगने पर पेटीएम ने क्या किया?

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विजय शेखर शर्मा की कंपनी पेटीएम में चीन के अलीबाबा ग्रुप ने बड़ा निवेश किया है. फोटो. ट्विटर.
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अनिरुद्ध
15 मई 2019 (Updated: 15 मई 2019, 10:26 AM IST) कॉमेंट्स
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पेटीएम में कैशबैक घोटाला हो गया है. कपंनी ने 10 करोड़ रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी पकड़ी है. घपलेबाजी पेटीएम मॉल की ओर से ग्राहकों को दिए जाने वाले कैशबैक में हुई है. कंपनी के फाउंडर विजय शेखर शर्मा के मुताबिक इस फ्रॉड में सैकड़ों दुकानदार और पेटीएम के कुछ कर्मचारी शामिल हैं. जालसाजी का पता लगने के बाद कंपनी ने कई कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है. और सैकड़ों की तादाद में माल विक्रेताओं को अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया है. कैसे हुई धोखाधड़ी? विजय शेखर शर्मा ने बताया कि ये धोखाधड़ी कर्मचारियों और विक्रेताओं की साठगांठ से हुई. असल में कुछ छोटे विक्रेता पेटीएम के जूनियर लेवल के कर्मचारियों से मिलीभगत किए थे. ऐसे कुछ कर्मचारी कुछ विक्रेताओं के साथ मिलकर कंपनी को फर्जी ऑर्डर देते थे. फिर कैशबैक ऑफर का लाभ उठा लेते थे. दिवाली के बाद हमारी टीम ने इसकी जांच की. और पाया ऐसे छोटे विक्रेताओं को कैश बैक के तौर पर ज्यादा रकम मिल रही है. इस मामले की जांच के लिए ऑडिटर्स को लगाया गया. शर्मा ने बताया कि उनकी टीम ने ऑडिटर्स से कहा कि वे पूरे मामले की गहराई से पड़ताल करें. पेटीएम ने ऑडिट के लिए कंसलटेंसी फर्म अर्न्स्ट एंड यंग EY को हायर किया है. EY ने इस खेल को कुछ दिनों के भीतर पकड़ लिया. उसे पता चला कि कुछ विक्रेता, जूनियर स्तर के कर्मचारियों से साठगांठ करके कैशबैक कमा रहे थे. घोटाला पता लगने पर पेटीएम ने क्या किया? विजय शेखर शर्मा ने बताया, 1- मिलीभगत करने वाले कई कर्मचारियों को कंपनी से बाहर कर दिया गया है. 2- धोखाधड़ी कम से कम दहाई अंकों में है. ये निश्चित रूप से 10 करोड़ रुपए की तो होगी ही. 3- गलत करने वालों की पहचान करने के बाद कार्रवाई की जाएगी. 4- सैकड़ों सेलर्स को पेटीएम से डीलिस्‍ट किया जा रहा है. 5- कंपनी ये तय करेगी कि सिर्फ ब्रांडेड सेलर्स ही उसके प्‍लेटफॉर्म पर रहें. 6- सख्‍त कदम से सेलर्स की संख्‍या कम होगी. और उपभोक्‍ताओं के लिए बेहतर व्‍यवस्‍था हो सकेगी. कैसा चल रहा है पेटीएम का कारोबार? पेटीएम ने पिछले कारोबारी साल के दौरान 1800 करोड़ रुपए का नुकसान दिखाया था. फॉरेस्टर रिसर्च के अनुसार पेटीएम मॉल का टोटल रेवेन्यू साल 2017 के 5.6 फीसदी से घटकर 2018 में 3 फीसदी हो गया है. धोखाधड़ी रोकने के लिए और क्या कर रही है पेटीएम? कैशबैक धोखाधड़ी की घटनाओं से परेशान पेटीएम मॉल ने अर्न्स्ट एंड यंग EY के साथ साझेदारी का ऐलान किया है. अर्न्स्ट एंड यंग ग्लोबल प्रोफेशनल सर्विस प्रोवाइडर कंपनी है. ये पेटीएम को कैशबैक जैसी धोखाधड़ी से बचाने में मदद करेगी. पेटीएम के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट श्रीनिवास मोथे के मुताबिक इस साझेदारी से दुनिया का बेहतरीन वर्क सिस्टम स्थापित करने में मदद मिलेगी. हम अपने काम की जांच के लिए तकनीक आधारित सिस्टम बना रहे हैं. हमारी टीम लगातार ईवाई के साथ ज्ञान और सूचना को साझा करेगी. कैशबैक का यही मॉडल चलेगा कंपनी के फाउंडर विजय शेखर शर्मा से 14 मई को मुंबई में एक प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान जब ये पूछा गया कि क्या ये कैशबैक मॉडल गड़बड़ है. और मुफ्त में सुविधाएं देने का कारोबारी मॉडल ठीक नहीं हैं, तो उन्होंने कहा कि कैशबैक मॉडल ही टिकने वाला है. पेटीएम मॉल में कितना विदेशी निवेश? पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा ने अप्रैल, 2017 में पेटीएम मॉल की स्थापना की थी. पेटीएम मॉल ने अलीबाबा, सॉफ्टबैंक और एसएआईएफ पार्टनर्स से 650 मिलियन डॉलर यानी करीब साढ़े 45,000 करोड़ रुपए जुटाए हैं. अलीबाबा ग्रुप की कंपनी एंट फाइनेंशियल के पास पेटीएम मॉल में 42 फीसदी हिस्सेदारी है. अलीबाबा की पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन-91 कम्युनिकेशंस में भी बड़ी हिस्सेदारी है. अलीबाबा के संस्थापक चीनी मूल के जैक मा हैं. ऑनलाइन सामान बेचेने वाली कंपनियों में अलीबाबा काफी आगे है.
वीडियोः पेटीएम मालिक की सेक्रेटरी सोनिया धवन ने ब्लैकमेलिंग कर 20 करोड़ मांगे

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