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RJD सांसद मनोज झा को अल्पसंख्यकों पर लेक्चर देने पाकिस्तान जाना था, विदेश मंत्रालय ने मना किया

मनोज झा को गृह मंत्रालय से मिल गई थी मंजूरी. विदेश मंत्रालय ने राजनीतिक कारणों से मना किया.

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RJD सांसद मनोज झा. (फाइल फोटो)
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अभय शर्मा
3 अक्तूबर 2022 (Updated: 3 अक्तूबर 2022, 11:20 PM IST) कॉमेंट्स
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राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और राज्यसभा सांसद मनोज झा पाकिस्तान (Pakistan) नहीं जा पाएंगे. उन्हें पाकिस्तान (Pakistan) के लाहौर में होने वाली चौथी अस्मां जहांगीर कॉन्‍फ्रेंस (Asma Jahangir Conference) में हिस्सा लेना था. इसके लिए मनोज झा ने विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) से अनुमति मांगी थी, लेकिन मंत्रालय ने राजनीतिक कारणों से अनुमति देने से इनकार कर दिया.

'मंजूरी न देना दुर्भाग्यपूर्ण'

मनोज झा ने अपने आवेदन को खारिज किए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. आरजेडी नेता ने कहा कि उन्हें गृह मंत्रालय से विदेशी अनुदान (नियमन) अधिनियम (FCRA) संबंधी मंजूरी मिल गई थी, लेकिन विदेश मंत्रालय ने उन्हें राजनीतिक मंजूरी नहीं दी.

मनोज झा ने आगे कहा,

अगर मैं अस्मां जहांगीर फाउंडेशन की कॉन्‍फ्रेंस में हिस्सा लेने जाता तो हिंदुस्तान का नजरिया रखता. मुझे वहां भारतीय संसद की ओर से ये बताने का अवसर मिलता कि हम जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए सड़कों पर और संसद में कैसे लड़ते हैं. इससे हमारे सम्मान में और इजाफा होता, साथ ही हमारा कद बढ़ता.'

अस्मां जहांगीर के बारे में

अस्मां जहांगीर पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए लड़ने वाली कार्यकर्ता थीं. 2018 में उनका निधन हो गया था. अस्मां ने पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग की स्थापना की थी. वे आयोग की अध्यक्ष भी रहीं. अस्मां पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की अध्यक्ष बनने वाली पहली महिला थीं.

जनवरी 1952 में लाहौर में जन्मीं आस्मां जहांगीर ने 1978 में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में वकील के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की. इसके बाद वो लोकतंत्र की पुरजोर समर्थक बनीं. उन्होंने पाकिस्तान में सबसे लंबे समय तक राष्ट्रपति रहे मोहम्मद जियाउल हक के सैन्य शासन के खिलाफ 'मूवमेंट फॉर रिस्टोरेशन ऑफ डेमोक्रेसी' में भाग लिया था. इसके चलते 1983 में उन्हें जेल भी जाना पड़ा था.

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