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RJD नेता ने महिला आरक्षण को लेकर 'भद्दा' बयान दे दिया!

RJD के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीक़ी ने महिला आरक्षण पर विवादास्पद बयान दे दिया है. अब भाजपा और शिवसेना इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं.

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RJD leader Abdul Bari Siddiqui's controversial comment on women reservation bill.
RJD नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने महिला आरक्षण को लेकर दिया विवादित बयान. (फोटो क्रेडिट - X)
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प्रज्ञा
30 सितंबर 2023 (Updated: 1 अक्तूबर 2023, 10:46 AM IST) कॉमेंट्स
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राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीक़ी (Abdul Bari Siddiqui) ने महिला आरक्षण विधेयक (Women's reservation bill) को लेकर विवादित बयान दे दिया है. उन्होंने कहा कि इस आरक्षण के नाम पर ‘लिपिस्टिक लगाने वाली और बॉब-कट हेयर स्टाइल रखने वाली महिलाएं’ संसद में आ जाएंगी.

हाल ही में संसद के विशेष सत्र के दौरान महिलाओं के 33% आरक्षण के लिए ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ पास किया गया. लोकसभा में 20 और राज्यसभा में 21 सितंबर को ये बिल पास हुआ. 29 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मुहर भी लग गई. यानी अब ये कानून बन गया है. हालांकि, जितनी तेज़ी से ये पास हुआ, उतनी ही इसपर बहस हुई. कुछ का तर्क था कि कोटा के भीतर कोटा की व्यवस्था हो. जातिगत जनगणना करवाई जाए और उस आधार पर अलग-अलग जाति-वर्ग की महिलाओं को आरक्षण मिले.

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बहस और तर्क-वितर्क एक तरफ़, मगर इस विषय पर टिप्पणियां भी की जा रही हैं. राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने बिहार के मुज़फ्फरपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा,

“महिला आरक्षण के नाम पर लिपिस्टिक और बॉब कट हेयरस्टाइल वाली महिलाएं आगे आएंगी. इसके बजाय सरकार को पिछड़े समुदायों की महिलाओं के लिए आरक्षण देना चाहिए.”

भाजपा और शिवसेना का विरोध

अब्दुल बारी सिद्दीकी को अपने इस बयान के लिए आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. BJP के सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा,

"भारत की महिलाओं, बहनों और बेटियों के लिए उन्होंने जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया, वो शर्मनाक है. अपमानजनक और निंदनीय है. कैसी भाषा है ये? आपका असल इरादा क्या है? जब आप सत्ता में थे, तो आपने लोकसभा और विधानसभा में OBC के सशक्तिकरण के लिए कोई कोशिश की थी?"

BJP के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा का भी बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि ये लालू प्रसाद यादव की पार्टी का असला चेहरा दिखाता है. उन्होंने अपनी गंदी राजनीति के लिए महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुंचाई है.

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BJP ही नहीं, शिवसेना (UBT) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी सिद्दीकी के इस बयान की आलोचना की है. कहा,

"संसद में RJD का पक्ष साफ था. सिर्फ RJD ही नहीं, कई पार्टियों ने महिला आरक्षण बिल को समर्थन दिया है. उन्होंने कहा था कि इसमें OBC महिलाओं के लिए भी आरक्षण होना चाहिए. ऐसे में अब्दुल बारी सिद्दीकी के बयान के कोई मायने नहीं रह जाते हैं."

सिद्दीक़ी की सफ़ाई

इतनी आलोचना के रादज नेता ने सफ़ाई भी दी. न्यूज़ एजेंसी ANI से बातचीत के दौरान कहा,

"उस रैली में सैकड़ों की संख्या में गांव की महिलाएं थीं. मैंने उनकी भाषा में उन्हें समझाने के लिए ऐसा कहा. मेरा इरादा किसी को दुख पहुंचाने का नहीं था. अगर किसी को ठेस पहुंची है तो मैं इस पर खेद व्यक्त करता हूं. वो अति पिछड़े वर्ग की सभा थी. मैं उन्हें पढ़ा रहा था. RJD तो शुरू से ही महिला आरक्षण के समर्थन में रही है."

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मई 1997 में जब विधेयक को लोकसभा में चर्चा के लिए रखा गया था, तब बिहार के ही सांसद शरद यादव ने भी ऐसा ही एक बयान दिया था. "कौन महिला है.. कौन नहीं है.. केवल बाल-कटी महिला भर नहीं रहने देंगे!" उनका तर्क था कि अगर बिल पास हो गया तो 'शिक्षित और ऊंचे वर्ग की महिलाओं' का दबदबा स्थापित हो जाएगा.

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