29 जनवरी 2016 (Updated: 29 जनवरी 2016, 02:50 PM IST) कॉमेंट्स
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पहला बाय बाय
पहली बार किसने किसको बाय बाय बोला. किस्सा बहुत पुराना है. लाखों साल पहले का. जब एडम ने एपल नहीं खाया था. पत्ते लटकाए घूमता था. नंगा ही रहता होगा. सेंसर बोर्ड के डर से बाद में पत्ते जोड़ दिए गए होंगे. उसकी पार्टनर ईव भी वैसी ही रहती थी. होगी लिख लो.
ईव एडम के पास आई. एडम ने हाथ पसार दिए. चुम्मी वगैरह करनी होगी. मगर कांख. साली ऐसी गंधा रही थी, जैसे यूरिया के तीन पैकेट चार महीने से स्टोर हो रखे हों. ईव ढुरिया गई. पीछे लौट गई. पर क्या करे. फेमिनिज्म तब आया नहीं था. अकेले रहना बोरिंग होता. सो गठबंधन धर्म सी स्माइल लाई. बाय किया. और निकल ली.
पक्का डियो खरीदने गई होगी. नहाता तो होगा नहीं घिनेड़ा. जबकि कित्ते झरने होते थे पहले.
पहला हैलो हाय
दो नवाब. वाजिद अली टाइप नहीं. और भी पहले. रजिया के गुंडों के बीच फंसने से भी पहले. चेस खेल रहे थे. अब तो फतवा आ गया है. सब हराम. हराम लिखना भी जल्द हराम होने वाला है. तब नहीं हुआ था. और वो तो हरामी भी नहीं थे. बाकायदा उच्च कुलोदभव सामंत थे. खाने खुजाने को बहुत था. तो खेलते रहते थे. अब खेल है. खत्म होगा. कोई जीतेगा. कोई हारेगा. और उसके बाद तशरीफ उठाकर दोनों गले मिलेंगे.
मगर यहां भी वही दिक्कत. एक नवाब, ससुरा गंधमान पर्वत का बेसरम वृक्ष. दूसरा क्या करे. तो उसने हाथ मिला लिया. और इस तरह हैंडशेक पैदा हुआ.
अब और क्या चाटें. तीसरी कहानी भी यूं ही फुदफुदाएगी. और आखिर में हाय फाइव भी किलकारी मार देगा. ये सब रायता है एक डियो के ऐड का. फंडू है. वायरल हो रहा है. तो सोचा लल्लन को देस तक पहुंचाना चाहिए.
और हां. रोज नहाया करो. कांख के बाल समय से छांटा करो. पानी पिया करो. बदबू कम मारोगे. गंदे.
देखिए आप भी. ये वायरल ऐड
https://www.youtube.com/watch?v=8pXmQAZvQHI