रेणुका शहाणे ने राज ठाकरे और MNS की बोलती बंद कर दी है
'ऐ दिल है मुश्किल' की रिलीज़ को मुश्किल में डालने वालों ये खबर तुम्हारे नाम.
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फोटो - thelallantop
कुछ भी ऐसा नहीं, जहां पॉलिटिक्स नहीं. बस लोगों के नजरिये की बात है, वो उसे देख पाते हैं या नहीं. या फिर भावनाओं में ही बह जाते हैं. क्योंकि सबसे खतरनाक होता है भावना का भड़क जाना. ये भावना लोगों की अक्ल को हजम कर जाती है और पॉलिटिक्स का चारा बनती है. क्योंकि पॉलिटिशियन अच्छे से जानते हैं कि भावनाओं को कैसे इस्तेमाल किया जाए. इन्हीं भावनाओं को उड़ी अटैक के बाद पॉलिटिक्स के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है पाकिस्तानी कलाकारों पर बैन लगाने के लिए. ये सिर्फ पॉलिटिकल गेम है, जो महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना खेल रही है.
पॉलिटिक्स नहीं जानते कैसे होती है, तो जान लो. क्योंकि रेणुका शहाणे ने फेसबुक पर एक ऐसी टाइम लाइन शेयर की है, जिससे सबक जरूर लिया जाना चाहिए. रेणुका शहाणे को जानते हो. महाराष्ट्र की एक्ट्रेस हैं. फिल्मों और टीवी सीरियल में काम करती हैं. ऐसे समझिये रेणुका शहाणे वो एक्ट्रेस हैं, जिन्होंने 'हम आपके हैं कौन' फिल्म में सलमान खान की भाभी का किरदार अदा किया था. अब उन्होंने MNS की पॉलिटिक्स समझाई है. समझाया है कि MNS कितने रंग बदलती है. और ये भी बताया है कि वो कितने बड़े देशभक्त हैं, जिसकी वजह से करण जौहर की 'ऐ दिल है मुश्किल' फिल्म के खिलाफ हंगामा कर रहे हैं. पढ़ लो.
कुछ बातें लोगों के लिए कुछ ही टाइम के लिए होती हैं और फिर उसे भुला देते हैं.
3 फ़रवरी 2008 जब MNS मुंबई में नॉर्थ इंडिययंस को निशाना बनाती है, तो जया बच्चन पूछती हैं, राज ठाकरे कौन हैं? 8 सितंबर 2008 जब अमिताभ बच्चन को यूपी का ब्रांड एम्बेसडर बनाया जाता है और वो मुंबई के बजाय वहां गर्ल्स स्कूल खुलवाते हैं तो MNS अमिताभ को टारगेट करती है. जया बच्चन फिल्म के म्यूजिक लॉन्च के वक्त हिंदी में बोलते हुए उस पर व्यंग करती हैं. तब MNS अमिताभ बच्चन की फिल्म 'द लास्ट लियर' की रिलीज़ को लेकर हंगामा करना शुरू कर देती है. और फिर ये वो वक्त होता है, जब राज ठाकरे को न जानने वाली जया बच्चन को अपने कमेंट के लिए माफ़ी मांगनी पड़ती है. अक्टूबर 2016 अमिताभ बच्चन को बर्थडे पर राज ठाकरे पर्सनली उनकी एक तस्वीर गिफ्ट करते हैं. और अमिताभ बच्चन राज ठाकरे के बेटे को घड़ी गिफ्ट करते हैं. जब अमिताभ बच्चन गुजरात के एम्बेसडर बनते हैं. तब MNS उनके खिलाफ कोई प्रोटेस्ट नहीं करती. क्योंकि गुजराती और मराठी भाई-भाई हैं. बस यूपी और मराठी भाई-भाई नहीं हैं.और अब करण जौहर अक्टूबर 2009
करण जौहर के धर्मा प्रोडेक्शन की मूवी 'वेक अप सिड' में मुंबई की जगह बॉम्बे यूज होता है. इसके लिए MNS हंगामा करती है. इसके बाद करण ने यह कहते हुए माफी मांगी थी, ‘यह हमारी ओर से गलती हुई है. हम लोग बॉम्बे की जगह मुंबई यूज करेंगे. और फिर MNS ने प्रोटेस्ट करना बंद कर दिया. फिर बॉम्बे टाइम्स छपा और अभी तक छप रहा है. लेकिन MNS ने कोई प्रोटेस्ट नहीं किया. सितंबर 2016 अब MNS ने ‘ऐ दिल है मुश्किल’ में पाकिस्तानी एक्टर को लेने पर प्रोटेस्ट करना शुरू किया है. उन्होंने यह विरोध उड़ी हमले के बाद किया. फ़्लैशबैक साल 2008 के 26/11 के हमले में पाकिस्तानी आतंकियों ने कई लोगों को मार दिया था. कई जवान शहीद हो गए थे. कई पाकिस्तानी कलाकार, सिंगर और राइटर उसके बाद आए, काम किया और चले भी गए. 2 जनवरी 2016 में पठानकोट हमले में कई जवान शहीद हो गए. मार्च 2016 में कपूर एंड सन्स रिलीज हुई और हिट भी हुई. इसमें पाकिस्तानी कलाकार फवाद खान भी थे. लेकिन MNS ने कोई हंगामा नहीं किया.अब क्या 18 अक्टूबर 2016
करण जौहर को पाकिस्तानी एक्टर को फिल्म में लेने के लिए माफ़ी मांगनी पड़ी. और कहा कि वो अब पाकिस्तानी कलाकारों को लेकर फिल्म नहीं बनाएंगे. होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह कहते हैं कि वीजा देने पर पाबंदी नहीं लगायी जाएगी. सेंटर गवर्नमेंट पाकिस्तानी एक्टर को बैन नहीं करेगी. अब MNS सरकार के खिलाफ हंगामा नहीं करती. फ़्लैश फॉरवर्ड
अब क्या करण जौहर राज ठाकरे के हाथों से बनाई हुई तस्वीर लेंगे. जैसे अमिताभ बच्चन को मिली. प्रेजेंट में फिर से 3 वॉर जीतने के बाद मैं सोचती हूं कि हमारी आर्मी दुनिया की सबसे अच्छी आर्मी है. लेकिन कांग्रेस और बीजेपी में सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर तू-तू मैं-मै हो रही है. हम इंडियंस होने के नाते अपने मतभेदों को एक तरफ रखकर इंडिया को कला और खेल से ऊपर रख सकते हैं, लेकिन क्या हमारे नेता भारत को राजनीति से ऊपर रख रखते हैं? मुझे ऐसा नहीं लगता. मुझे नहीं लगता कि जो वो उपदेश देते हैं, खुद उन पर अमल करते हैं.उम्मीद है कि रेणुका की इस पोस्ट से आप कुछ समझने की कोशिश करेंगे और अपनी अक्ल के घोड़े दौड़ाएंगे. ताकि देशभक्ति और पॉलिटिक्स के फर्क को समझ सकें. बाकी आपके गलियाने के लिए सोशल मीडिया का प्लेटफार्म तो है गलियाते रहिये. और नेताओं के फायदे के लिए उनके मोहरे बनते रहिये.