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YES Bank: ED का दावा- राणा कपूर ने लोन के बदले 5 हजार करोड़ लिये, उससे विदेश में प्रॉपर्टी खरीदी

राणा कपूर ने 30 से ज्यादा शेल कंपनियों में पैसे लगाए.

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8 मार्च को ED ने राणा कपूर को गिरफ्तार किया था. फोटो: PTI
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12 मार्च 2020 (Updated: 12 मार्च 2020, 10:55 IST)
Updated: 12 मार्च 2020 10:55 IST
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यस बैंक की हालत डांवाडोल है. इसके को-फाउंडर राणा कपूर ने 30 हजार करोड़ रुपए लोन के रूप में बांटे, जिनमें 20 हजार करोड़ नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स (NPAs) में बदल गए. ये बात 11 मार्च को एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने बताई है. स्पेशल प्रिवेंशन मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (PMLA) कोर्ट में. बिजनेस टुडे

की रिपोर्ट के मुताबिक, ईडी ने ये भी दावा किया कि लोन देने के बदले राणा कपूर ने पांच हजार करोड़ लिए और 30 या उससे ज्यादा 'शेल' कंपनियों में लगाए. शेल कंपनियां वो होती हैं, जो काग़जों पर होती हैं लेकिन असल में नहीं. इसके अलावा ED ने कहा कि इन पैसों से भारत और विदेशों में प्रॉपर्टी खरीदी गई. इससे पहले कोर्ट ने राणा कपूर की ED हिरासत 16 मार्च तक बढ़ा दी थी.
हिंदुस्तान टाइम्स

के मुताबिक, ईडी के वकील सुनील गोंजालवेस ने कोर्ट को बताया कि कपूर और उनके परिवार के लोग 78 कंपनियों से जुड़े थे, जो निगरानी में हैं. इस बात की जांच की जा रही है कि क्या ये 20 हजार करोड़ रुपए इन 78 कंपनियों की तरफ डायवर्ट किए गए और बदले में कोई लाभ लिया गया.
वकील ने कहा- राणा कपूर को बलि का बकरा बनाया जा रहा
स्पेशल कोर्ट के जज ने इस दावे के आधार के लिए सबूत मांगे. जिसके लिए एजेंसी ने बैंक के फॉरेंसिक ऑडिट के रिकॉर्ड पेश किए हैं. राणा कपूर के वकील सतीश मानशिंदे ने दलील दी कि जब कपूर ने बैंक छोड़ा तब NPA कुल लोन का सिर्फ एक फीसदी था. उन्होंने आरोप लगाया कि कपूर को बलि का बकरा बनाया जा रहा है. उन्होंने केस दर्ज होने से पहले राणा कपूर के घर पर ED की छापेमारी पर भी सवाल उठाया. मानशिंदे ने कहा, 'CBI ने केस बाद में दर्ज किया. उससे पहले ही ED ने जांच शुरू कर दी और केस दर्ज किया.' उन्होंने कहा कि जब दूसरी एजेंसी ने फाइनेंशियल फ्रॉड का केस दर्ज किया हो, उसके बाद ED जांच तभी शुरू कर सकती है.
राणा कपूर पर कई डिफॉल्टर कंपनियों को अनाप-शनाप लोन देने का आरोप है. फोटो: India Today
राणा कपूर पर कई डिफॉल्टर कंपनियों को अनाप-शनाप लोन देने का आरोप है. फोटो: India Today

'लोन देने के लिए कोई फायदा नहीं लिया'
ED ने इसके जवाब में दावा किया कि छापेमारी DHFL के ख़िलाफ़ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हुई थी. एजेंसी ने कहा कि उन्हें छापेमारी में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मटेरियल मिले थे और एक अलग केस दर्ज किया है. मानशिंदे ने इस आरोप से इनकार किया कि राणा कपूर को लोन देने के लिए फायदा मिला. उन्होंने कहा कि कोई रिश्वत नहीं ली गई. बताया गया कि कपूर को बैंकर के रूप में उन्हें काफी पैसे मिलते थे. 2004 तक उन्हें यस बैंक की तरफ से 50 करोड़ रुपए सालाना मिलते थे और उन्हें बेस्ट बैंकर के अवॉर्ड भी मिले. जब कपूर ने बैंक छोड़ा तब बैंक अच्छी हालत में था.
बेटियों की कंपनी को लोन देने का आरोप
ED ने दावा किया कि यस बैंक ने DHFL के 3,700 करोड़ रुपए के डिबेंचर खरीदे. इसके बदले DHFL ने 600 करोड़ ने Doit Urban Venture Pvt Ltd. को 600 करोड़ रुपए दिए. ED का कहना है कि इस कंपनी में राणा कपूर की बेटियां डायरेक्टर हैं. इस बात पर राणा कपूर के वकील ने कहा कि राणा कपूर की तीनों बेटियों के पास सिक्योरिटी है और वो 600 करोड़ रुपए का लोन वापस करने में सक्षम हैं. उन्होंने कहा कि इसके डॉक्यूमेंट हैं कि पैसों का इस्तेमाल हुआ है. ED यस बैंक के मैनेजमेंट से जुड़े लोगों से पूछताछ करेगा. ED ने राणा कपूर को आठ मार्च की सुबह मुंबई से गिरफ्तार किया था. CBI भी कपूर के खिलाफ अलग से एक केस दर्ज कर चुकी है.


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