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सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद अखबारों में रामदेव की नई माफ़ी, इस बार साइज़ बड़ा है

23 अप्रैल को Patanjali के भ्रामक विज्ञापन मामले में सुनवाई करते हुए Supreme Court ने योग गुरु Ramdev और Acharya Balkrishna को फटकार लगाई थी.

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Ramdev new apology bigger apology
पतंजलि, बाबा रामदेव और बालकृष्ण ने अखबारों में एक और माफीनामा छपवाया. (फ़ोटो - सोशल मीडिया)
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हरीश
24 अप्रैल 2024 (Updated: 24 अप्रैल 2024, 12:48 PM IST)
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योग गुरु रामदेव (Ramdev) और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balkrishna) ने पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali) के भ्रामक विज्ञापन मामले में अख़बारों में एक ताज़ा माफ़ीनामा (Fresh Apology) प्रकाशित किया है. इस बार माफ़ीनामे का साइज़ पिछले विज्ञापन से बड़ा रखा गया है. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने माफ़ीनामे के साइज को लेकर दोनों को फटकार लगाई थी.

24 अप्रैल को छपे नए विज्ञापन में कहा गया है,

"भारत के सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों/आदेशों का पालन न करने या अवज्ञा के लिए हम वैयक्तिक रूप से और कम्पनी की तरफ से बिना शर्त माफ़ी मांगते हैं."

माफीनामे में ये भी कहा गया है,

"हम अपने विज्ञापनों को प्रकाशित करने में हुई ग़लती के लिए ईमानदारी से माफ़ी मांगते हैं. ये हमारी पूरी प्रतिबद्धता है कि ऐसी त्रुटियां दोबारा नहीं दोहराई जाएंगी."

23 अप्रैल को भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि क्या पतंजलि का माफीनामे का साइज़ उतना ही बड़ा था, जितने साइज़ के पहले विज्ञापन थे. कोर्ट ने ये भी पूछ लिया था कि क्या आप हमेशा इतने ही साइज़ का विज्ञापन छपवाते हैं. जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी. रामदेव और बालकृष्ण ने कोर्ट को बताया था कि उन्होंने 67 अख़बारों में विज्ञापन देकर माफ़ीनाम छपवाया था.

इससे पहले रामदेव के वकील ने जवाब में कहा था कि माफ़ीनामे का साइज़ विज्ञापनों जितना बड़ा नहीं था, क्योंकि इसकी क़ीमत बहुत ज्यादा यानी लाखों में है.  इसमें 10 लाख रुपये का खर्चा आया था. इस मामले में अगली सुनवाई 30 अप्रैल को होनी है.

ये भी पढ़ें - कोरोनिल से एलोपैथी के दुष्प्रचार तक... रामदेव क्यों लगातार फटकारे जा रहे हैं?

सुप्रीम कोर्ट इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की तरफ़ से 17 अगस्त 2022 को दायर की गई याचिका पर सुनवाई कर रही है. IMA का तर्क है कि पतंजलि ने कोविड वैक्सीनेशन और एलोपैथी के ख़िलाफ़ निगेटिव प्रचार किया. वहीं खुद की आयुर्वेदिक दवाओं से कुछ बीमारियों के इलाज का झूठा दावा किया.

वीडियो: रामदेव और बालकृष्ण को सुप्रीम कोर्ट ने जमकर फटकारा, कहा 'कारवाई के लिए तैयार रहिए'

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