मां ने गली-गली चूड़ियां बेचीं, पिता ने की मजदूरी, इस बेटे के CRPF अफसर बनने की कहानी दिल छू लेगी
कैसे 'समाज' के विरोध के बाद भी राजस्थान के एक छोटे से गांव में रहने वाले राहुल गवारिया CRPF अफसर बन गए?

राजस्थान के बाड़मेर में एक छोटे से गांव में रहने वाले राहुल गवारिया का सेलेक्शन CRPF (सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स) के सब-इंस्पेक्टर पोस्ट पर हुआ है. आजतक के दिनेश बोहरा की रिपोर्ट के मुताबिक राहुल बाड़मेर जिला ही नहीं बल्कि पूरे जोधपुर संभाग में अपने गवारिया समाज से ये एग्जाम पास करने वाले इकलौते शख्स हैं. राहुल गवारिया का कहना है कि उनके समाज में बेटे या बेटियों, किसी को भी पढ़ाया नहीं जाता है. लेकिन उनके माता-पिता ने चूड़ियां बेचकर और मजदूरी करके उन्हें पढ़ाया.
लोगों के तानों के बाद भी पढ़ायाराहुल गवारिया की मां कमला देवी चूड़िया बेचती हैं. राहुल को पढ़ाने के लिए वो टोकरी में चूड़ियां लेकर अपने गांव से ढाणी और फिर शहर-शहर जाया करती थीं. बाद में उन्होंने अपनी छोटी सी दुकान खोल ली. राहुल की मां खुद पढ़ी-लिखी नहीं हैं और पिता ने 8वीं तक की पढ़ाई की है. राहुल की मां ने कहा कि उन्होंने बोझ उठाया और उनके बेटे ने मेहनत की. समाज के तानों के बावजूद राहुल को उनके माता-पिता ने पढ़ाया. राहुल की मां कमला देवी कहती हैं कि बेटे की पढ़ाई को लेकर उन्होंने समाज के लोगों की कई तरह की बातें सुनीं. लेकिन, अब जब उनका बेटा सब-इंस्पेक्टर बन गया है तो उन्हें बेहद खुशी है.

राहुल के मुताबिक उन्होंने 2017 में 12वीं में ही फैसला कर लिया था कि उन्हें फोर्स में जाना है. बाड़मेर में कॉलेज की पढ़ाई के दौरान राहुल ने NCC ज्वॉइन की. 2019 में गणतंत्र दिवस कैंप में हिस्सा लिया और जोधपुर ग्रुप कैडेट्स में बेस्ट कैडेट का अवार्ड जीता. इसके बाद राहुल ने सेना में जाने की तैयारी शुरू की. कुछ असफलताएं भी मिलीं. हाल ही में CRPF भर्ती का रिजल्ट आया और राहुल को सब-इंस्पेक्टर की पोस्ट मिली. रिपोर्ट के मुताबिक CRPF में सब-इंस्पेक्टर बनने के लिए पांच स्तर पर होने वाली परीक्षा राहुल गवारिया ने पहले ही अटेम्प्ट में पास कर ली.
राहुल ने बताया कि इस एग्जाम में देशभर के 7 लाख युवाओं ने अप्लाई किया था. उसमें से एक लाख युवा ही प्रीलिम्स क्लियर कर पाए. इनमें से 68 हजार युवाओं को फिजिकल के लिए बुलाया गया था. फिर मेन एग्जाम के लिए 15 हजार युवाओं का सेलेक्शन हुआ. इसके बाद डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद 12 हजार लोगों को मेडिकल के लिए बुलाया गया. फाइनल लिस्ट में 4300 युवा चुने गए, उसमें राहुल का नाम भी शामिल था.
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