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राजस्थान: पैसे देकर दलित बच्चे इंद्र मेघवाल के परिवार को चुप रहने को बोल रहा था आरोपी टीचर

आरोपी ने पीड़ित परिवार को कहा था कि पुलिस में शिकायत ना की जाए. वो उन्हें डेढ़ लाख रुपये देगा.

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इलाज के दौरान की बच्चे की तस्वीर. (फोटो: आजतक)
15 अगस्त 2022 (Updated: 15 अगस्त 2022, 18:23 IST)
Updated: 15 अगस्त 2022 18:23 IST
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राजस्थान (Rajasthan) के जालोर (Jalore) में पानी पीने की बात पर एक मासूम बच्चे (Dalit student died) की जान लेने का आरोपी टीचर गिरफ्तार हो चुका है. आजतक से मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी शिक्षक पर पीड़ित परिवार को पैसा देकर मुंह बंद कराने का आरोप भी लग रहा है. आरोपी टीचर ने बच्चे की पिटाई इतनी बेरहमी से की थी कि उसकी कान की नस फट गई और हालत बिगड़ गई. इलाज के दौरान बच्चे इंद्र मेघवाल की मौत हो गई. 

जालोर जिले के सायला थाना क्षेत्र के सुराणा गांव का निवासी 9 साल का इंद्र कुमार मेघवाल गांव के ही एक निजी स्कूल में तीसरी क्लास का छात्र था. 20 जुलाई के दिन उसे स्कूल में प्यास लगी, तो उसने मटके से पानी पी लिया. आजतक से जुड़े नरेश सरनाऊ से मिली जानकारी के मुताबिक, इस मटके से स्कूल संचालक छैल सिंह पानी पीता था. राजपूत समुदाय से आने वाला छैल सिंह इसी स्कूल में पढ़ाता भी है. छैल सिंह ने इंद्र कुमार की पिटाई कर दी. छैल सिंह की पिटाई से इंद्र मेघवाल के दाएं कान की नस फट गई और दाईं आंख में अंदरूनी चोट आई थी.

सुराणा गांव के राजपूत समुदाय के दूसरे लोगों ने इंद्र के परिजनों को छैल सिंह के खिलाफ पुलिस में शिकायत करने से मना किया और कुछ पैसे लेकर मामला रफा-दफा करने को कहा. दबाव में आकार पीड़ित परिवार ने बात मान ली. इंद्र के चाचा किशोर मेघवाल ने इंडियन एक्स्प्रेस को बताया, 

"कुछ दिन पहले राजपूत, देवासी और मेघवाल समुदायों के करीब 40 लोग छैल सिंह के स्कूल में जमा हुए थे. क्योंकि हमारे बच्चे उसी स्कूल में पढ़ते हैं. इसलिए सबने मिलकर ये तय किया कि कोई शिकायत दर्ज न कराई जाए. छैल सिंह ने खुद भी माना कि उसने जो किया वो गलत है. और उसने हमें डेढ़ लाख रुपये देने के लिए भी कहा. साथ ही ये भी कहा कि वो इंद्र के इलाज के लिए एक लाख रुपए अलग से देगा."

किशोर मेघवाल के मुताबिक, कुछ दिनों बाद दो हिस्सों में छैल सिंह ने पीड़ित परिवार को डेढ़ लाख रुपए दे दिए थे. पहले परिवार ने केमिस्ट की दुकान से दवाई लाकर इंद्र को खिला दी, लेकिन इससे उसे आराम नहीं मिला. जिसके बाद उसे उदयपुर भर्ती कराया गया. कुछ दिन वहां इलाज चला, लेकिन डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए. जिसके बाद उसे गुजरात के मेहसाणा ले जाया गया और आखिर में 13 अगस्त की सुबह उसे अहमदाबाद के सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां उसकी मौत हो गई. जिसके बाद छैल सिंह के खिलाफ IPC की धारा 302 (हत्या) और एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया.

डॉक्टरों ने क्या कहा?

इंद्र की मौत पर अहमदबाद अस्पताल प्रशासन का कहना है कि उसे 13 अगस्त की सुबह भर्ती कराया गया था और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. अस्पताल प्रशासन ने कहा, 

"शनिवार को पोस्टमॉर्टम पूरा कर लिया गया और इंद्र का विसरा जांच के लिए भेज दिया गया है. मौत की असल वजह क्या है, ये रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा."

इंडिया टुडे से जुड़े नरेश सरनाऊ की रिपोर्ट के मुताबिक, 14 अगस्त को बच्चे का शव गांव पहुंचा. इस दौरान उसके परिजन मांगें ना पूरी होने तक अंतिम संस्कार ना करने की बात कहने लगे. दरअसल मुख्यमंत्री गहलोत ने पीड़ित परिवार के लिए 5 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की थी. लेकिन परिजनों ने 50 लाख रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की. इस बीच प्रशासन और परिजनों के बीच कई बार बातचीत हुई.  

रिपोर्ट के मुताबिक, इस बीच प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के ऊपर पत्थर फेंके. जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया. इस लाठीचार्ज में पीड़ित बच्चे के पिता को भी चोटें आईं. पुलिस ने भीम आर्मी के दस लोगों को हिरासत में ले लिया. शाम को मुआवजे पर सहमति बनने के बाद बच्चे इंद्र मेघवाल का अंतिम संस्कार किया गया. 

वीडियो: वीडियो: राजस्थान के भरतपुर में दलित पलायन के वायरल वीडियो का सच क्या है?

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