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भारत में RDX लाता था पाकिस्तानी जासूस नंदलाल महाराज, दबोचा गया

ISI के लिए काम कर रहा था. पकड़ा गया.

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पाकिस्तानी एजेंट नंदलाल महाराज.
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पंडित असगर
19 अगस्त 2016 (Updated: 19 अगस्त 2016, 11:14 AM IST) कॉमेंट्स
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जासूस. फिल्मों में बहुत देखे होंगे. हकीकत में पकड़ा गया है. पाकिस्तानी है. राजस्थान के जैसलमेर में धर लिया गया नंदलाल महाराज को. 26 साल का है, जो खिप्रो सानगढ़ पाकिस्तान का रहनेवाला है. पाकिस्तानी पासपोर्ट पर जैसलमेर आया था. और हां सबसे खतरनाक तो ये है कि कमबख्त अब तक 35 किलो आरडीएक्स भारत में पहुंचा चुका है. बम ब्लास्ट करने के लिए. पाकिस्तानी एजेंट राजस्थान के सरहदी इलाकों में अपना जाल बिछा रहे हैं. IB, RAW और राजस्थान की इंटेलिजेंस एजेंसी ने नंदलाल महाराज को धर लिया. जानकारी मिली है कि राजस्थान से लगते पाकिस्तानी बॉर्डर से अलग-अलग जगह पर भारत में RDX पहुंचाया गया है. वो भी 35 किलो.

पैसों के लिए आ गया जासूसी करने

नंदलाल के पास से एक डायरी भी मिली है. काफी सारी डिटेल है उसमें. डायरी से पता चलता है कि कब-कब पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसी उसके अकाउंट में पैसे डालती है. इस काम के बदले पाकिस्तानी एजेंसी ISI उसे 10 हजार से लेकर 60-70 हजार रुपये तक देती थी. उसकी पूरी फैमिली पाकिस्तान में ही है.

RDX कहां है, अभी कुछ पता नहीं

नंदलाल महाराज का पाकिस्तान में टेक्सटाइल का शोरूम है. रोजाना तीन हजार रुपये कमा लेता था. बीवी-बच्चे पाकिस्तान में ही हैं. इसके पास से दो मोबाइल और दर्जनों पाकिस्तानी सिम कार्ड मिले हैं. पाकिस्तान बात करता था वो भी बॉर्डर के पास ही जाकर. देश की तीनों इंटेलिजेंस एजेंसियां जैसलमेर में ही पूछताछ कर रही हैं. अब तक ये पता नहीं चल पाया है कि जो RDX वो लाया था, वो देश में कहां-कहां पहुंचा. जानकारी मिली है कि नंदलाल को आगे के नेटवर्क के बारे में कुछ पता नहीं है. वैसे इसके पास से कई आर्मी ठिकानों का मैप और आस-पास के फोन नंबर मिले हैं. RDX का पता लगाने के लिए एंटी टेरेरिस्ट स्क्वायड की टीम पहुंच गई है, एनआईए को इन्फॉर्म कर दिया है. बताया जा रहा है कि उसके सात से आठ साथी फरार हो गए हैं. सवाल तो ये है कि आखिर बीएसएफ के होते हुए कैसे इतना सारा RDX देश में एंट्री कर गया.

ISI जासूसी के लिए हिंदुओं का इस्तेमाल कर रहा है

कुछ दिनों से ISI ने जासूसी और आतंकी नेटवर्क का अपना तरीका बदला है. वो जान-बूझकर ऐसे हिंदू एजेंट चुन रहे हैं, जिनका पहनावा और बोलचाल सरहदी इलाकों में भारत में रहने वाले लोगों से मिलता हो. साथ ही सीमा पर पाकिस्तानी मोबाइल नेटवर्क होने से इनको पूरा फायदा मिल रहा है, क्योंकि पाकिस्तानी नेटवर्क से आई कॉल को कैच करना मुश्किल है.

पाकिस्तानी कॉल कैच करना मुश्किल

नंदलाल के पास से भी सैटेलाइट फोन मिले हैं. ये रेगिस्तानी और सुनसान इलाके का फायदा उठाकर सैटेलाइट फोन से पाकिस्तानी हैंडलर से बात कर लेते हैं. जब तक इंडियन इंटेलिजेंस एजेंसियां कॉल ट्रेस करती हैं, और जब तक स्टेट पुलिस और इंटेलीजेंस को खबर दी जाती है, तब तक पाकिस्तानी एजेंट सैटेलाइट फोन बंद कर फरार हो जाते हैं. देश में सैटेलाइट फोन के सिग्नल कैच करने के रिसोर्स सिर्फ RAW, IB और MI (मिलिट्री इंटेलिजेंस) के पास ही हैं.

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