विदेश में बैठ कर राहुल गांधी पीएम मोदी को कौन सा गणित समझा रहे हैं?
ट्विटर पर एक्टिव हैं राहुल.
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राहुल गांधी पहले भी फेसबुक पर बीजेपी और आरएसएस के साथ साठगांठ का आरोप लगाते रहे हैं लेकिन अब उन्होंने फेसबुक हेड को ही भाजपाई कह दिया है.
2 लाख 37 हज़ार 876 करोड़ रुपये का क़र्ज़ इस साल मोदी सरकार ने कुछ उद्योगपतियों का माफ़ किया. इस राशि से कोविड के मुश्किल समय में 11 करोड़ परिवारों को 20-20 हज़ार रुपये दिए जा सकते थे. मोदी जी के विकास की असलियत!
इस ट्वीट के बाद लोग उनके दिए आंकड़ों पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं. कुछ का कहना है कि यह रकम एनपीए है न कि माफ की गई है. कुछ का कहना है कि आंकड़ों का आधार क्या है. नौकरियों और 15 लाख का हिसाब? राहुल गांधी ने 30 दिसंबर को भी ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए निशाना साधा था. राहुल गांधी ने पीएम के दिए कुछ बयानों को ट्वीट कर कहा है कि पीएम मोदी का असत्याग्रह का लंबा इतिहास रहा है जिस वजह से किसान उन पर भरोसा नहीं करते. उन्होंने ट्वीट किया था,2378760000000 रुपय का क़र्ज़ इस साल मोदी सरकार ने कुछ उद्योगपतियों का माफ़ किया।
इस राशि से कोविड के मुश्किल समय में 11 करोड़ परिवारों को 20-20 हज़ार रुपय दिए जा सकते थे। मोदी जी के विकास की असलियत! — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 31, 2020
हर किसी के खाते में 15 लाख रुपए, हर साल दो करोड़ नौकरियां. मुझे 50 दिन का समय दीजिए, नहीं तो... कोरोना के खिलाफ जंग हम 21 दिनों में जीत जाएंगे... न ही किसी ने हमारी जमीन पर घुसपैठ किया है और न ही हमारे किसी पोस्ट पर कब्जा किया है... पीएम मोदी के लंबे ‘असत्याग्रह’ इतिहास के कारण किसान उन पर भरोसा नहीं करते.”
“15 lakh in every bank account & 2 crore jobs every year” "Give me 50 days time, else..." "We will win war against Corona in 21 days" "Neither has anyone intruded into our territory nor took over any post” Farmers don’t trust Modi ji due to his long history of ‘asatyagraha’. — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 30, 2020राहुल गांधी के विदेश जाने के बाद से ही कांग्रेस उनका बचाव कर रही है. कांग्रेस ने बताया है कि ये राहुल गांधी की व्यक्तिगत यात्रा है.