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पाकिस्तान: कंदील बलोच के हत्यारे भाई को मां-पिता ने माफ किया, उम्रकैद की सजा से बरी हुआ

कंदील बलोच के मॉडर्न ख्यालों से नाराज होकर भाई ने ही की थी हत्या

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वसीम (दाएं) ने अदालत के सामने ये कुबूल किया कि उसने अपनी बहन कंदील (बाएं) की हत्या की है (फोटो: इंडिया टुडे)
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आयूष कुमार
15 फ़रवरी 2022 (Updated: 15 फ़रवरी 2022, 10:23 AM IST) कॉमेंट्स
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पाकिस्तानी सोशल मीडिया स्टार और मॉडल कंदील बलोच (Qandeel Baloch) की हत्या करने वाले उनके भाई को रिहा कर दिया गया है. सोमवार 14 फरवरी को लाहौर हाई कोर्ट की मुल्तान बेंच ने मोहम्मद वसीम को उम्रकैद की सज़ा से बरी कर दिया. जस्टिस सुहैल नासिर ने दोनों पक्षों में सुलह होने और गवाहों के बयानों से पलटने के बाद ये फैसला सुनाया.
साल 2019 में मुल्तान की एक अदालत ने वसीम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जबकि इस मामले में शामिल कंदील के एक अन्य भाई असलम शाहीन समेत पांच आरोपियों को बरी कर दिया गया था. इस फैसले के खिलाफ वसीम ने लाहौर हाई कोर्ट में अपील की थी. माता-पिता ने कर दिया था वसीम को माफ इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक कंदील की हत्या के बाद उनके पिता मोहम्मद अज़ीम बलोच ने 16 जुलाई 2016 को केस दर्ज कराया, जिसके बाद मामले की जांच शुरू हुई. पुलिस ने पाया कि वसीम ने अन्य पांच लोगों के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया था. अदालत में सुनवाई शुरू हुई और साल 2019 में वसीम को उम्रकैद की सजा हुई.
इंडिया टुडे के मुताबिक कंदील के माता-पिता ने वसीम को कुछ समय बाद माफ कर दिया था. जिसके बाद कंदील के वकील ने अदालत में पीड़िता के माता-पिता की तरफ़ से एक राजीनामा जमा कराया. इस राज़ीनामे के मुताबिक अगर अदालत वसीम को बरी करती है तो इससे पीड़िता के माता-पिता को कोई आपत्ति नहीं होगी. लेकिन मुल्तान की अदालत ने इसे स्वीकार करने से मना कर दिया था.
करीब एक महीने पहले कंदील के पिता की भी मौत हो गई, जोकि इस केस में अकेले वादी थे. इसके बाद वसीम के वकील ने लाहौर हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई के लिए एक अर्जी दाखिल की. हाई कोर्ट में माता-पिता का राजीनामा जमा किया गया, साथ ही कंदील के भाई वसीम ने कोर्ट से कहा कि पुलिस के दबाव में उसने हत्या का आरोप स्वीकार किया था, उसने कंदील की हत्या नहीं की. कंदील के वकील के मुताबिक माता-पिता के राजीनामा और वसीम के बयान के आधार पर ही हाई कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सज़ा से बरी कर दिया.
कंदील बलोच के माता पिता (फोटो गेटी इमेज्)स
कंदील बलोच के माता-पिता (फोटो: गेटी इमेज्स)

क्यों की थी कंदील की हत्या

मोहम्मद वसीम ने 2016 में 26 साल की कंदील बलोच की गला दबाकर हत्या कर दी थी. बलोच अपने सोशल मीडिया पोस्ट्स में पितृसत्तात्मक समाज के खिलाफ अपने खुले विचार रखने के लिए जानी जाती थीं. उनका भाई उनके इस रवैये से बेहद नाराज था. कंदील की हत्या करने के बाद उसने मीडिया को बताया भी था कि उसे अपनी बहन की जान लेने का कोई दुख नहीं है, क्योंकि उसका व्यवहार बर्दाश्त के बाहर हो गया था.


करना पड़ा था कानून में संशोधन पाकिस्तान में 2016 में कंदील बलोच हत्याकांड मामले के बाद ऑनर किलिंग के खिलाफ आंदोलन शुरू हुआ था. जिस वजह से पाकिस्तानी संसद को ऑनर किलिंग कानून में संशोधन करना पड़ा. इस संशोधन के मुताबिक मृतक के परिजनों द्वारा आरोपी को माफ किए जाने के बाद भी हत्यारे को उम्रकैद या 25 साल कैद की सजा होगी.
इस संशोधन से पहले पाकिस्तान में ऑनर किलिंग के ज्यादातर मामलों में यह पाया गया था कि अक्सर पीड़ित के माता-पिता या भाई-बहन हत्यारों को माफ कर देते थे, जिसके बाद उनके खिलाफ मुकदमा खत्म हो जाता था. लेकिन, दुर्भाग्य कि ऑनर किलिंग पर बने कानून में इस बड़े बदलाव के बाद भी कंदील बलोच के हत्यारे बरी कर दिए गए हैं. कंदील बलोच कौन थीं? कंदील बलोच का असली नाम फ़ौजिया अज़ीम था. कंदील का जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के दक्षिणी जिले मुल्तान के एक गरीब परिवार में हुआ था. कम उम्र में ही उनकी शादी कर दी गई, जिसके बाद उनको एक बेटा भी हुआ. लेकिन कंदील का पति उनके साथ मारपीट करता था, जिस वजह से कंदील ने अपने पति को छोड़ दिया. इसके बाद फ़ौजिया अज़ीम कंदील बलोच बनीं.
कंदील बलोच (फोटो: इंडिया टुडे)
कंदील बलोच (फोटो: इंडिया टुडे)


उन्हें पाकिस्तान की पहली सोशल मीडिया सेलिब्रिटी भी कहा जाता है. यही नहीं उनकी हत्या से पहले पाकिस्तान में इंटरनेट पर सबसे ज़्यादा सर्च की जाने वाली दस शख़्सियतों में भी उनका नाम शामिल था. सोशल मीडिया पर उनके हज़ारों फॉलोवर्स थे. कंदील सोशल मीडिया पर बेहिचक अपनी बात रखे जाने के लिए जानी जाती थीं. कंदील को उनकी बातों और विचारों के लिए धमकियां भी मिलती थीं, लेकिन उन्होंने कभी माफी नहीं मांगी. एक बार उन्होंने बीबीसी उर्दू को दिए अपने एक इंटरव्यू में कहा था,
"मुझे धमकियां मिलती हैं लेकिन मेरा यक़ीन है कि मौत का वक्त तय है और जब आपकी मौत का समय आता है तो आपको मरना ही पड़ता है."

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