पंजाब में CM केजरीवाल का कार्यक्रम था, कार्यकर्ताओं की देखभाल की जिम्मेदारी टीचरों को दे दी?
अमृतसर में स्कूल ऑफ एमिनेंस का उद्घाटन था, CM Arvind Kejriwal और CM Bhagwant Mann आ रहे थे. आरोप है कि इसमें कार्यकर्ताओं का खयाल रखने की जिम्मेदारी टीचरों को दे दी गई. पंजाब सरकार का हालांकि दावा है कि ऐसा कोई आदेश नहीं जारी हुआ.
.webp?width=210)
13 सितंबर को अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की एक बस यात्रा थी. पंजाब के अमृतसर जिले में. प्रदेश भर से AAP कार्यकर्ताओं को वहां पहुंचना था. कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने. कार्यकर्ता आए भी. साथ ही आई एक खबर जिसमें आरोप है कि इन कार्यकर्ताओं का खयाल रखने की जिम्मेदारी पंजाब सरकार ने सरकारी टीचरों को दे दी. आरोप है कि प्रिंसिपलों को आदेश दिया गया कि "किसी भी टीचर को ड्यूटी में कोई छूट नहीं दी जाए."
इंडियन एक्सप्रेस की पत्रकार दिव्या गोयल की रिपोर्ट के अनुसार, लुधियाना जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) ने ये आदेश जारी किया. जिले के 130 शिक्षकों को ना केवल बसों में विधानसभा क्षेत्र से "जनता" के साथ यात्रा करनी थी, बल्कि प्रचार बैनर (जिसमें CM Bhagwant Mann की तस्वीर थी) की व्यवस्था भी करनी थी. आदेश में शिक्षकों को बस प्रभारी के रूप में नियुक्त किया गया था, जिन्हें खाद्य विभाग से रैली में आये लोगों के लिए नाश्ते और भोजन की व्यवस्था भी करनी थी. आदेश में PRTC ड्राइवरों और कंडक्टरों की एक लिस्ट भी थी, जिनके साथ शिक्षकों को रैली में आये लोगों के साथ तालमेल रखने को कहा गया था.
'ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है'इन आरोपों के मद्देनजर पंजाब AAP ने भी एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया कि “ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है. किसी भी शिक्षक को बस प्रभारी नियुक्त नहीं किया गया है. बल्कि, शिक्षकों को हमारे पहले स्कूल ऑफ एमिनेंस के भव्य उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है…”
पार्टी की सफाई के इतर एक ओर थ्योरी भी चल रही है. सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि ये सब काम एक अधिकारी का है, जो खुद को सरकार की गुड बुक्स में लाने के लिए अति उत्साह में ये आदेश दे बैठे.
कार्यकर्ताओं के साथ गए शिक्षक!इस दौरान ड्यूटी पर गए शिक्षक मनजिंदर सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ''जिन लोगों के साथ हमें यात्रा करनी थी, वे ज्यादातर AAP कार्यकर्ता थे. स्थानीय विधायक और उनकी टीम ने पहले से ही इसकी व्यवस्था की थी. हमें बताया गया कि हमारा काम ये सुनिश्चित करना था कि बस समय पर अमृतसर के लिए रवाना हो. मैं सुबह लगभग 8 बजे पहुंचा और बस पर प्रचार बैनर लेकर खाने के पैकेट भी बांटे, जिनकी व्यवस्था खाद्य विभाग द्वारा की गई थी. यह आदेश था इसलिए हमें जाना पड़ा. शिक्षकों की इसमें कोई भूमिका नहीं थी.”
डीईओ शमशेर सिंह, जो “नोडल अधिकारी” के रूप में ड्यूटी पर थे, ने कहा-
'हमारे डीईओ खुद ड्यूटी पर थे'“हमने अपने जिले के 18 अन्य शिक्षकों के साथ यात्रा की और हमसे कहा गया था कि बस में मौजूद पार्टी कार्यकर्ताओं का ध्यान रखना है. कोई विवाद न हो इसलिए समय पर नाश्ता और भोजन उपलब्ध कराना था.''
रिपोर्ट के मुताबिक, बरनाला डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (डीटीएफ) के जिलाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि, ‘उन्होंने राजनीतिक कार्यक्रम में सौंपी गई जिम्मेदारी का विरोध किया, लेकिन डीईओ ने कहा कि ऊपर से आदेश है. सुबह करीब 6 बजे हम यह देखकर हैरान रह गए कि हमारे डीईओ खुद ड्यूटी पर थे. वो हमारे साथ रैली में शामिल होने वाले थे. बुधवार को अमृतसर में रैली को आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के CM भगवंत मान ने संबोधित किया था.'
ये भी पढ़ें- झगड़ा सुलझाने के लिए बुलाई पंचायत में ही चली गोलियां, 5 की मौत
(ये खबर हमारे साथ इंटर्नशिप कर रहे सचेंद्र ने लिखी है)