पूजा खेडकर पर केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, IAS से तत्काल प्रभाव से मुक्त किया गया
केंद्र सरकार ने आईएएस (परिवीक्षा) नियम, 1954 के नियम 12 के अंतर्गत पूजा खेडकर को तत्काल प्रभाव से भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) से मुक्त कर दिया है.
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की ओर से बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर (Puja Khedkar) के खिलाफ सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है. केंद्र सरकार ने IAS (परिवीक्षा) नियम, 1954 के नियम 12 के अंतर्गत पूजा खेडकर को तत्काल प्रभाव से भारतीय प्रशासनिक सेवा से मुक्त कर दिया है. सरकार ने UPSC परीक्षा में OBC और दिव्यांगता कोटे का दुरुपयोग करने के आरोप में पूजा के खिलाफ कार्रवाई की है. इससे पहले UPSC ने 31 जुलाई को उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी थी. साथ ही उन्हें भविष्य की सभी परीक्षाओं/चयनों से स्थायी रूप से भी बर्खास्त कर दिया था.
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने परीक्षा नियमों में निर्धारित सीमा से ज़्यादा अटेम्प्ट लेने के लिए अपनी पहचान ग़लत बताई. उन्होंने अपना नाम, अपने माता-पिता का नाम, अपनी तस्वीर, हस्ताक्षर, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और पता बदलकर अपनी पहचान में हेराफेरी कर परीक्षा देने का प्रयास किया.पूजा खेडकर ने 2020-21 में ओबीसी कोटे के तहत 'पूजा दिलीपराव खेडकर' नाम से परीक्षा दी. 2021-22 में सभी अटेम्प्ट पूरे करने के बाद पूजा ओबीसी और PWBD (दिव्यांग व्यक्ति) कोटे के तहत परीक्षा में दोबारा शामिल हुईं. तब उन्होंने 'पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर' नाम का इस्तेमाल किया. इस बार पूजा ने AIR 821 रैंक हासिल की थी.
पूजा खेडकर ने दृष्टिबाधित श्रेणी से यूपीएससी परीक्षा पास की है और मानसिक बीमारी होने का प्रमाण पत्र पेश किया है. पूजा को इस आधार पर विशेष रियायत मिली और वे आईएएस बन गईं. जांच के बाद UPSC ने पूजा खेडकर के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के लिए एक आपराधिक मामला भी शुरू किया. इसके बाद पूजा खेडकर ने UPSC द्वारा उनकी उम्मीदवारी रद्द करने के फैसले को चुनौती देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट गईं. जहां कोर्ट के समक्ष अपने जवाब में पूजा ने दावा किया कि उन्होंने UPSC को अपने नाम में हेरफेर या गलत जानकारी नहीं दी थी.
बता दें पूजा खेडकर खबरों में पहली बार तब आईं, जब उन पर अपने पद का दुरुपयोग करने और अनुचित बर्ताव के गंभीर आरोप लगे. उन्होंने अपनी निजी गाड़ी (ऑडी) पर सायरन, VIP नंबर प्लेट और ‘महाराष्ट्र सरकार’ का स्टिकर लगवा रखा था. इन चीजों के चलते पूजा चर्चा में आई थीं. बाद में तो यहां तक खबर आई कि उन्होंने मुंबई में अपने सीनियर का चेंबर ‘कब्ज़ा’ लिया था. उन्होंने कथित तौर पर वहां अपने नाम का बोर्ड चस्पा कर दिया था और दफ़्तर का फर्नीचर हटा दिया और लेटरहेड मांगने लगीं. इस संबंध में अपर मुख्य सचिव मंत्रालय को रिपोर्ट दी गई और ट्रेनी IAS का तबादला कर दिया गया. इसके बाद मामले में समय-समय पर कई चौंकाने वाले खुलासे हुए. जिसके बाद पूजा खेडकर को बर्खास्त कर दिया गया. और अब सरकार ने भी उनके खिलाफ एक्शन लिया है.
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