23 अगस्त 2016 (Updated: 23 अगस्त 2016, 11:03 AM IST) कॉमेंट्स
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जेएनयू में AISA के एक नेता पर रेप के आरोप लगे हैं. ये यूनिवर्सिटी बहुत सेफ मानी जाती है, विचारों और इंसानों दोनों के लिए. जेंडर सेंसटिव भी है. इसलिए ऐसा कुछ होता है. तो ये शॉकिंग था. साथ में नारेबाजी वाले कांड के बाद ये ख़बरों और निशाने पर रही तो इसकी और ज्यादा बात हो रही है.
अब इस पर पॉलिटिक्स भी शुरू हो गई है. और पॉलिटिकल एंगल भी निकाले जा रहे हैं. एबीवीपी वालों ने रेप केस के बाद जेएनयू प्रशासन और लेफ्ट की आइडियोलॉजी वाले प्रोफेसर्स पर निशाना साधा है. रेप के आरोप जिस पर लगे हैं, वो AISA का है जो एबीवीपी की विपक्षी है. वसंत कुंज थाने में अनमोल रतन को पकड़वाने के लिए एबीवीपी वालों ने प्रोटेस्ट किया. वहीं रेप केस की विक्टिम छात्रा पटियाला कोर्ट पहुंचीं और सेक्शन 164 के तहत अपना बयान दर्ज कराया. एबीवीपी से जुड़े छात्र कह रहे हैं. कितने दिन हुए लेकिन रेप का आरोपी पुलिस की पहुंच से दूर है. कहीं ना कहीं जेएनयू के कुछ प्रोफेसरों का भी समर्थन मिला हुआ है
जेएनयू में एबीवीपी से संयुक्त सचिव का इलेक्शन जीतने वाले सौरभ शर्मा ने कहा.
"ये जेएनयू में हुई पहली घटना नहीं हुई है. 9 फरवरी को भी इन्होंने भारत की अस्मिता पे सवाल उठाया था और आज भारत की बेटी की अस्मिता पे सवाल उठा रहे हैं. यही लोग बेखौफ़ आज़ादी और महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं, लेकिन उसके आड़ में ये लोग क्या करते हैं पूरे देश को पता चल गया है."
वहीं इस पूरे मामले पर जेएनयू के वाइस चांसलर ने कुछ भी कहने से मना कर दिया है.