'प्रियंका गांधी नहीं लड़ेंगी चुनाव', राहुल गांधी के अमेठी से लड़ने पर ये पता चला है
सूत्रों के हवाले से ख़बर चली है कि प्रियंका गांधी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी, सिर्फ़ चुनाव प्रचार करेंगी.
अमेठी और रायबरेली. उत्तर प्रदेश के अवध अंचल की ‘हाई-फ़ाई’ सीटें. कभी कांग्रेस का गढ़ थीं, अब ‘धर्मसंकट’ बनी हुई हैं. इन दोनों लोकसभा सीटों के लिए पार्टी सस्पेंस बनाए हुए है. आलोचक कहते हैं, मुमकिन है कांग्रेस ख़ुद सस्पेंस में हो. इस रस्साकशी के बीच सूत्रों के हवाले से टीवी चैनलों में ख़बर चल गई कि प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी. इंडिया टुडे के सूत्रों के मुताबिक़, प्रियंका सिर्फ़ चुनाव प्रचार में हिस्सा लेंगी. वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) अमेठी से लड़ेंगे या रायबरेली से? इसका अंतिम फ़ैसला 24 घंटों के भीतर ले लिया जाएगा.
एक दिन पहले ही सूत्रों के हवाले से चर्चा थी कि कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) को सुझाव दिया गया था, कि राहुल और प्रियंका गांधी को अमेठी और रायबरेली से उम्मीदवार बनाया जाए. बैठक में उत्तर प्रदेश के प्रभारी महासचिव समेत कांग्रेस नेताओं ने राहुल-प्रियंका की पुरज़ोर वकालत की.
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दी लल्लनटॉप के साप्ताहिक पॉलिटिकल शो ‘नेतानगरी’ में इस मसले पर विस्तार से चर्चा हुई थी. कांग्रेस को लंबे समय से कवर कर रहे पत्रकार आदेश रावल ने तभी (27 अप्रैल को) बहुत विश्वास के साथ बताया था कि प्रियंका गांधी चुनाव नहीं लड़ेंगी. कारण? बकौल आदेश रावल, अगर तीनों गांधी चुनाव लड़ कर संसद पहुंच जाते हैं तो कांग्रेस पर जो परिवारवाद के आरोप लगते हैं, उन्हें और हवा मिलेगी. पार्टी के लिहाज़ से संदेश अच्छा नहीं जाएगा और ख़ुद को डिफ़ेंड करना मुश्किल हो जाएगा.
राहुल पर क्या फ़ैसला होना है? इसपर आदेश ने बताया,
आज (27 अप्रैल को) वायनाड में वोटिंग हो रही है. आज रात राहुल गांधी वापस दिल्ली आएंगे. अगर राहुल लड़ेंगे, तो रायबरेली से लड़ेंगे. अमेठी से नहीं. हालांकि, ये फ़ैसला गांधी परिवार करेगा.
केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में भले ही इस बात पर ज़ोर दिया गया हो कि कांग्रेस को दोनों सीटें लड़नी चाहिए, मगर पार्टी नेतृत्व ने इस सुझाव को बहुत उत्साह के साथ लिया नहीं. सोनिया गांधी इस बैठक में थीं. सबको सुना मगर कुछ कहे बिना ही चली गईं.
हालांकि, आदेश ने ये भी कहा कि राहुल की भी रायबरेली से लड़ने की संभावना बहुत कम है.
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शनिवार, 27 अप्रैल को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से पूछा गया था कि भाजपा राहुल गांधी के अमेठी के बजाय, वायनाड से चुनाव लड़ने की आलोचना कर रही है. जवाब में उन्होंने कहा कि सीट बदलने पर सवाल उठाने वालों को पहले ये बताना चाहिए कि अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी ने कितनी बार अपनी सीटें बदली थीं.
रायबरेली और अमेठी छठे चरण में हैं. सोमवार, 20 मई को यहां वोट पड़ने हैं.
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