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GST काउंसिल ने ऐसा फैसला लिया है कि आपका इलाज पहले से और महंगा होने वाला है!

28-29 जून, 2022 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में कुछ बड़े फैसले लिए गए हैं.

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 GST Council
जीएसटी काउंसिल की 47वीं मीटिंग चंडीगढ़ में हुई.
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सुरभि गुप्ता
30 जून 2022 (Updated: 30 जून 2022, 11:45 PM IST) कॉमेंट्स
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हम में से कई लोग सरकारी अस्पतालों की बजाय प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराना पसंद करते हैं. खासकर अगर किसी को इलाज के लिए एडमिट होना हो. हालांकि, अब प्राइवेट अस्पतालों में इलाज महंगा हो जाएगा. जीएसटी काउंसिल की हुई बैठक में फैसला लिया गया है कि प्राइवेट अस्पतालों के उन कमरों के किराए पर 5 फीसदी जीएसटी लगेगा, जिनका किराया प्रति मरीज रोजाना 5 हजार रुपये से अधिक है. इसमें आईसीयू को शामिल नहीं किया गया है.

इसका मतलब है कि प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती मरीजों को आईसीयू छोड़कर 5 हजार रुपये से अधिक किराए वाले कमरों पर 5 फीसदी जीएसटी देना होगा, क्योंकि अस्पताल उन्हीं से ये टैक्स वसूलेंगे. इतना ही नहीं, इस पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का भी लाभ नहीं मिलेगा.

बिजनेस टुडे की नीतू चंद्रा शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक प्राइवेट हेल्थकेयर इंडस्ट्री का कहना है कि जीएसटी काउंसिल के इस फैसले से भारतीयों के लिए इन-पेशेंट डिपार्टमेंट (IPD) की लागत में और बढ़ोतरी होगी. रिपोर्ट में दिल्ली-एनसीआर स्थित आकाश हेल्थकेयर के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. आशीष चौधरी ने कहा,

आखिरी व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवा को सुलभ और सस्ता बनाने के लिए हेल्थकेयर को सबसे अधिक सब्सिडी और जीएसटी छूट मिलनी चाहिए. हालांकि, 5 फीसदी जीएसटी से चीजें मुश्किल होंगी. इस नए टैक्स से अस्पताल का खर्च बढ़ जाएगा और कई मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.

नेशनल सैंपल सर्वे (NSS) के आंकड़ों के मुताबिक देश में 62 प्रतिशत से अधिक मरीज प्राइवेट स्वास्थ्य सुविधाओं का इस्तेमाल करते हैं, जबकि केवल 38 प्रतिशत मरीज ही इन-पेशेंट सुविधाओं के लिए सरकारी हेल्थ फैसिलिटीज का रुख करते हैं. बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, चूंकि भारत में ज्यादातर मरीज प्राइवेट अस्पतालों की सर्विसेज लेना पसंद करते हैं, इसलिए इस फैसले का दूरगामी प्रभाव हो सकता है.

जीएसटी काउंसिल ने आम आदमी के इस्तेमाल वाली कई चीजों पर टैक्स रेट बढ़ाने का कदम उठाया है, तो कई सामानों पर मिल रही जीएसटी छूट को खत्म करने का फैसला किया है. वहीं कुछ सामान ऐसे भी हैं, जिन पर जीएसटी की दरों में इजाफा करने का फैसला लिया गया है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की दो दिनों (28-29 जून) की बैठक में ये निर्णय लिए गए हैं. जीएसटी काउंसिल की ये 47वीं मीटिंग चंडीगढ़ में हुई.

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