पीएम मोदी ने नए संसद भवन की नींव रखते हुए क्या-क्या कहा, जान लीजिए
संसद की नई बिल्डिंग 2022 तक बनकर तैयार होने की उम्मीद है.
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PM मोदी ने नए संसद भवन का भूमि पूजन किया. इस मौके पर धर्मगुरुओं को भी मंच पर जगह दी गई थी. (फोटो-ANI)
पीएम ने संसद भवन के बारे में कहा,PM @narendramodi today laid the foundation stone for #NewParliamentBuilding
Here’s everything you should know about the New #ParliamentBuilding⬇️🎥 pic.twitter.com/aNnIoxIffA — PIB India (@PIB_India) December 10, 2020
मैं अपने जीवन में वो क्षण नहीं भूल सकता, जब सासंद के तौर पर मुझे संसद में आने का अवसर मिला. मैंने सिर झुकाकर, माथा टेककर लोकतंत्र के मंदिर को नमन किया था. आजाद भारत की पहली सरकार का गठन भी यहीं हुआ. पहले सांसद भी यहीं बैठे. इसी संसद भवन में संविधान की रचना हुई. बाबा साहब आंबेडकर और अन्य लोगों ने हमें संविधान दिया.मौजूदा संसद भवन हमारी चुनौतियां, आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतीक है. इस भवन में बना प्रत्येक कानून और उस दौरान कही गई एक-एक बातें लोकतंत्र की धरोहर हैं. लेकिन ससंद के शक्तिशाली इतिहास के साथ ये भी मानना पड़ेगा कि ये इमारत 100 साल की हो रही है. बीते दशकों में इसे अपग्रेड किया गया. लोकसभा में बैठने के लिए दीवारों को भी हटाया गया. लेकिन ये भवन अब विश्राम मांग रहा है.पीएम ने कहा,
बरसों से नए संसद भवन की जरूरत महसूस की जा रही थी. हमारा दायित्व बनता है कि 21वीं सदी के भारत को नया संसद भवन मिले, इसीलिए ये शुभारंभ हो रहा है. नए संसद भवन में ऐसी अनेक नई चीजें हैं, जिनसे सांसदों के वर्क कल्चर में आधुनिक तौर-तरीके आएंगे. सांसदों से मिलने संसदीय क्षेत्र से बहुत से लोग आते हैं. उन्हें अभी बहुत दिक्कत होती है. आम जनता को अपनी परेशानी बतानी है तो इसके लिए संसद भवन में जगह की कमी महसूस होती थी.मोदी ने आगे कहा,
पुराने संसद भवन ने स्वतंत्रता के बाद दिशा दी, तो नया संसद भवन आत्मनिर्भर भारत का गवाह बनेगा. आकांक्षाएं पूरी की जाएंगी. संसद का नया भवन अपनी पहचान स्थापित करेगा. आने वाली पीढ़ियां गर्व करेंगी कि ये स्वतंत्र भारत में बना है. संसद भवन की शक्ति का स्त्रोत हमारा लोकतंत्र है. आजादी के समय भारत के अस्तित्व पर संदेह जताया गया था. भविष्यवाणी कर दी गई थी कि लोकतंत्र असफल हो जाएगा. हम गर्व से कह सकते हैं कि देश ने उन आशंकाओं को गलत साबित किया है. दुनिया भारत को लोकत्रांतिक देश के रूप में बढ़ते देख रही है.
पीएम ने इतिहास को याद किया
पीएम मोदी ने कहा कि 12वीं शताब्दी में भगवान बसवेश्वर का अनुभव मंटन आ चुका था. अनुभव मंटन. एक ऐसी जनसभा थी जो राज्य और राष्ट्र के हित में सभी को एकजुट होकर काम करने के लिए प्रेरित करती है. इस कालखंड के और पहले जाएं तो चेन्नई से 80 किमी दूर एक बहुत ही ऐतिहासिक साक्ष्य दिखता है. 10वीं शताब्दी में पत्थरों पर पंचायत व्यवस्था का वर्णन किया गया था. इसमें बताया गया है कि कैसे हर गांव को एक वॉर्ड के रूप में बांटा गया था. एक-एक प्रतिनिधि भेजा जाता था. 1000 साल पहले जो महासभा लगती थी, वो आज भी मौजूद है. इन पत्थरों पर लिखा है कि उस वक्त भी जनप्रतिनिधि को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित करने का प्रावधान था. जो जनप्रतिनिधि अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं देगा, वो और उसके रिश्तेदार चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. पीएम ने कहा,आज भारत का लोकतंत्र पश्चिमी देशों से समझाया जाता है. जब हम विश्वास के साथ अपने लोकतंत्र का गुणगान करेंगे तो इंडिया इज मदर ऑफ डेमोक्रेसी की बात दुनिया करेगी. गुरुनानक देव जी ने भी कहा है कि जब लग दुनिया रहिए नानक, कुछ सुनिए कुछ कहिए. जब तक संसार है, कुछ कहना और कुछ सुनना चलते रहना चाहिए. संवाद संसद के भीतर हो या बाहर चलते रहना चाहिए.पीएम मोदी ने आगे कहा कि 1897 में विवेकानंद जी ने एक आह्वान किया था कि आने वाले 50 सालों तक भारत माता की आराधना सर्वोपरि होगी. इसके ठीक 50 साल बाद भारत को आजादी मिल गई. 1947 में. संसद के नए भवन के शिलान्यास के साथ हर नागरिक को संकल्प लेना है. संकल्प लेना है India first का. हमारा हर फैसला देश की ताकत बढ़ाए. देश का हित सर्वोपरि हो. हमारा हर फैसला वर्तमान और भावी पीढ़ी के हित में हो. उन्होंने कहा कि हमारे सामने 25-26 साल बाद जब देश 2047 में 100 साल में प्रवेश करेगा, तब देश कैसा हो, इसके लिए संकल्प लेकर काम शुरू करना है. हम भारत के लोग ये प्रण करें कि देश हित से बड़ा कोई हित नहीं होगा. प्रण करें कि देश की चिंता अपनी खुद की चिंता से बढ़कर करनी होगी. देश की एकता अखंडता से बढ़कर कुछ नहीं होगा.
क्या हैं नए संसद भवन की खासियतें # नए संसद भवन का डिजाइन पद्मश्री से सम्मानित गुजरात के आर्किटेक्ट विमल पटेल ने तैयार किया है. वह गुजरात हाई कोर्ट, IIM अहमदाबाद, IIT जोधपुर, अहमदाबाद के रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट, RBI अहमदाबाद जैसी इमारतों को भी डिजाइन कर चुके हैं. # संसद की नई बिल्डिंग बनाने का जिम्मा टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को सौंपा गया है. सितंबर 2020 में इसके लिए बोलियां लगाई गई थीं. नई संसद पार्लियामेंट हाउस स्टेट के प्लॉट नंबर 118 पर बनाई जाएगी. # संसद की नई इमारत 64,500 स्क्वायर मीटर में फैली होगी. इसके बनाए जाने पर कुल खर्च 971 करोड़ आएगा. # नई इमारत 2022 तक बनकर तैयार करने का लक्ष्य है. 2022 में संसद का सत्र नई बिल्डिंग में ही चलाया जाएगा, ऐसा कहा जा रहा है. नई इमारत के निर्माण में सीधे तौर पर 2000 लोग और अप्रत्यक्ष रूप से 9000 लोग जुड़ने वाले हैं. # फिलहाल लोकसभा में 590 लोगों के बैठने की जगह है, वहीं नई लोकसभा में 888 सीटें होंगी. विजिटर्स गैलरी में भी 336 लोग बैठ पाएंगे. नई राज्यसभा में 384 सीटें होंगी और विजिटर्स गैलेरी में 336 लोग बैठ सकेंगे. फिलहाल राज्यसभा में 280 लोगों के बैठने की जगह है. # इस नई संसद में कैफे, लाउंज, डाइनिंग एरिया, मीटिंग के लिए कमरे, अफसरों और बाकी कर्मचारियों के लिए हाईटेक ऑफिस बनाए जाएंगे. # बिल्डिंग को ऐसा बनाया जाएगा कि आसानी से मेंटिनेंस हो सके. अपग्रेड की जब भी जरूरत हो तो आसानी से काम किया जा सके. संसद के नए भवन को लेकर हाल में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि केंद्र सरकार सेंट्रल विस्टा रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट का शिलान्यास 10 दिसंबर को कर सकती है, लेकिन कोई कंस्ट्रक्शन, तोड़फोड़ या पेड़ काटने का काम तब तक नहीं होना चाहिए, जब तक कि पेंडिंग अर्जियों पर आखिरी फैसला न सुना दिया जाए.#WATCH Prime Minister Narendra Modi lays foundation stone of New Parliament Building in Delhi pic.twitter.com/gF3w7ivTDe
— ANI (@ANI) December 10, 2020