पैंटीन, हर्बल एसेंस जैसे ब्रैंड्स में कैंसरकारी केमिकल पाए जाने की बात सामने आई है. इसके चलते इन कंज्यूमर गुड्स को बनाने वाली कंपनी प्रॉक्टर एंड गैंबल (P&G) ने इन्हें बाजार से वापस ले लिया है. भारत के बाजार से नहीं, कनाडा और अमेरिका के मार्केट से. बताया गया है कि इन देशों में हुए परीक्षणों में इन ब्रैंड के शैंपू और कंडीशनर में कैंसर पैदा करने वाला रसायन बेंजीन पाया गया था. इसके बाद मंगलवार 21 दिसंबर को खबर आई कि P&G ने इन्हें कनाडा और अमेरिका के मार्केट से हटा लिया है. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार P&G ने कहा है कि उसने स्वेच्छा से ये फैसला किया है.
भारत में भी P&G के कई उत्पाद इस्तेमाल किए जाते हैं. यहां कई उपभोक्ता पैंटीन और हर्बल एसेंस के रेग्युलर यूजर हैं. उनके लिए ये खबर झटका देने वाली है. उधर P&G ने वापस बुलाए गए प्रोडक्ट्स की संख्या का खुलासा नहीं किया है, जिन्हें कनाडा और अमेरिकी बाजारों में फुटकर और ऑनलाइन वेबसाइट्स के माध्यम से बेचा गया था.
हालांकि उसने ये जरूर बताया है कि इन प्रोडक्ट्स में बेंजीन के "अप्रत्याशित स्तर" का पता चला है, जो एक कार्सिनोजेन, यानी कैंसरकारी तत्व है. इसकी वजह से कैंसर होने की संभावना रहती है. P&G ने ये भी कहा कि बाज़ार से वापस बुलाए गए प्रोडक्ट्स में ऑस्ट्रेलियाई और वाटरलेस बैंड्स के भी प्रोडक्ट्स शामिल हैं, जिनका निर्माण अमेरिका में किया गया था.
हालांकि कंपनी ने साफ किया है कि उसे इन प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से रिएक्शन होने की किसी घटना का पता नहीं चला है. उसका ये भी कहना है कि प्रोडक्ट्स में बेंजीन का स्तर इतना नहीं है कि दैनिक उपयोग से नकारात्मक स्वास्थ्य परिणाम देखने को मिलें.
J&J के मामले में भी ऐसा हुआ था
इस साल की शुरुआत में एक अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन के साथ भी ऐसा ही वाक्या पेश आया था. तब कहा गया कि कंपनी के बनाए कुछ संस क्रीम प्रोडक्ट्स में ऐसा ही रसायन मौजूद है जो कैंसर का कारण बन सकता था. इसके बाद J&J ने भी अपने प्रोडक्ट्स को बाज़ार से हटा लिया था.
बेंजीन क्या है?
बेंजीन को मानव कार्सिनोजेन के रूप में वर्गीकृत किया जाता है. इसके संपर्क में आने से कैंसर हो सकता है. इसे एक ऐसे पदार्थ के रूप में समझा जाता है जिसे जोखिम के स्तर को ध्यान में रखते हुए उचित मात्रा में इस्तेमाल किया जाना चाहिए. ऐसा न करने पर ये कैंसर का कारण बन सकता है. हालांकि अमेरिकी सरकार की Environmental Protection Agency (EPA) के परीक्षण में पाया गया कि बाज़ार से हटाए गए इन प्रोडक्ट्स के दैनिक उपयोग से स्वास्थ्य पर बुरे प्रभाव पड़ने की उम्मीद नहीं है.