पटना कूड़े का ढेर क्यों बन गया है?
पटना नगर निगम के आठ हज़ार कर्मचारी 35 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले पांच दिनों से हड़ताल पर हैं.

बिहार की राजधानी पटना में बीते कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है और मौसम विशेषज्ञों की मानें तो आने वाले कुछ दिन ये बारिश बदस्तूर जारी रहेगी. बारिश होने पर हम गाने बजा लेते हैं, पकौड़े तल लेते हैं. लेकिन पटना वाले इन दिनों ऐसा नहीं कर पा रहे. इसकी वजह है शहर में चारों और फैला कूड़ा. बिहार की राजधानी इन दिनों कूड़े का ढेर बन गई है. पटना नगर निगम के आठ हज़ार कर्मचारी 35 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले पांच दिनों से हड़ताल पर हैं.
पटना नगर निगम के कर्मचारी 21 सितंबर से हड़ताल पर हैं. उनकी मुख्य मांग है कि जो दैनिक वेतन भोगी बीते कई सालों से पटना नगर निगम में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, उन्हें पक्की नौकरी दी जाए. दूसरी मांगें हैं:
न्यूनतम वेतन 18-21 हजार किया जाए;
समाप्त किए गए चतुर्थ वर्ग के पदों को फिर से बहाल किया जाए;
आउटसोर्सिंग समाप्त कर संबंधित कामों में कार्यरत कर्मियों को नगर निगम में नौकरी दी जाए;
समान काम का समान वेतन लागू किया जाए.
पटना नगर निगम के कर्मचारी 25 सितंबर सुबह मौर्य लोक के बाहर जमा होने लगे. उनका कार्यक्रम आज सीएम आवास के बाहर प्रदर्शन करने का था. लेकिन प्रशासन ने इन कर्मचारियों को सीएम आवास तक पहुंचने ही नहीं दिया.
इस पूरे मामले पर पटना नगर निगम की तरफ से भी जवाब आ गया है. 25 सितंबर को ही पटना नगर निगम ने कहा कि सभी कर्मचारियों को एक अक्टूबर से बढ़ा हुआ वेतन दिया जाएगा. नई दर के हिसाब से दैनिक कर्मियों को 490 रुपए रोज़ाना और सफाई पर्यवेक्षकों को 540 रुपए रोज़ाना वेतन दिया जाएगा. इसके लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी सोमवार से शुरू हो गई है. सभी अंचल कार्यालयों में दैनिक कर्मियों को प्रतिवेदन देना होगा जिसके आधार पर उन्हें बढ़े हुए वेतन का लाभ मिलेगा.
दूसरी तरफ शहर में फैले कूड़े की सफाई की ज़िम्मेदारी सेक्टर सुपरवाइजर्स को दी गई है. जो कि डोर टू डोर वाहनों के जरिए शहर की सफाई करवाएंगे. नगर निगम का ये भी कहना है कि हड़ताल के दौरान भी पटना नगर निगम की सेवाएं जारी रही हैं. सार्वजनिक स्थलों पर फॉगिंग और एंटी लार्वा दवा का छिड़काव किया जा रहा है. जबकि सोमवार सुबह से लगभग सौ गाड़ियों के साथ शहर में सफाई का काम चालू कर दिया गया है.
इस मामले में हड़ताल पर गए कर्मचारियों को लेकर निगम ने कहा है कि उनके साथ सहयोग किया जा रहा है. लेकिन अगर कोई ब्लैकमेल करेगा तो उसके सामने झुका नहीं जाएगा. दूसरी तरफ हड़ताली कर्मचारी अब भी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं.