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ये काम करने जा रही थी अर्पिता मुखर्जी, पार्थ चटर्जी ने OK भी कर दिया था!

पूछताछ के दौरान पार्थ चटर्जी ने सिर्फ इतना कहा कि वो जन प्रतिनिधि हैं और इस प्रकार की NOC के लिए उनके पास कई लोग आते हैं.

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बाएं- पार्थ चटर्जी, दाएं- अर्पिता मुखर्जी (फोटो-आजतक)
21 सितंबर 2022 (Updated: 21 सितंबर 2022, 23:47 IST)
Updated: 21 सितंबर 2022 23:47 IST
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पश्चिम बंगाल के शिक्षा घोटाले से जुड़ी जांच में अर्पिता मुखर्जी को लेकर नया अपडेट सामने आ रहा है. ED ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee Child Adoption) एक बच्चे को गोद लेने की तैयारी कर रही थीं और इसके लिए पार्थ चटर्जी ने ही NOC जारी किया था. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक इस बात का खुलासा पार्थ चटर्जी और अर्पिता के फ्लैट से मिले दस्तावेजों के जरिए हुआ है.

दरअसल जुलाई में ईडी ने कोलकाता में पार्थ और अर्पिता के फ्लैट पर छापेमारी की थी. उस वक्त ED को भारी मात्रा में कैश मिला और साथ ही कुछ दस्तावेज भी हाथ लगे. दस्तावेजों की जांच के बाद अब ईडी ने PMLA कोर्ट में जानकारी देते हुए बताया है कि अर्पिता मुखर्जी एक बच्चे को गोद लेना चाहती थीं. ED ने बताया कि इस प्रक्रिया को लेकर पार्थ चटर्जी ने ही उनके लिए NOC जारी की.

पार्थ चटर्जी ने क्या कहा? 

मामले को लेकर ईडी ने पार्थ चटर्जी से सवाल-जवाब किए हैं. पूछताछ के दौरान पार्थ चटर्जी ने सिर्फ इतना कहा कि वो जन प्रतिनिधि हैं और इस प्रकार की NOC के लिए उनके पास कई लोग आते हैं.

जुलाई में सामने आया करोड़ों का घोटाला

बता दें ईडी ने शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़ी जांच में कई जगहों पर तलाशी अभियान चलाया था. 22 जुलाई को पार्थ चटर्जी की करीबी मानी जाने वालीं अर्पिता मुखर्जी के घर ED ने छापा मारा था. उनके घर से लगभग 20 करोड़ रुपये का कैश बरामद हुआ था. अर्पिता के घर से बरामद हुए नोटों की तस्वीरें काफी वायरल हुई थीं. इसके बाद 23 जुलाई को पश्चिम बंगाल सरकार के तत्कालीन मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को अरेस्ट करके पूछताछ शुरू की गई. 

उस वक्त अर्पिता ने बताया कि 2016 में एक बंगाली ऐक्टर ने उनका परिचय पार्थ चटर्जी से कराया था. तब से ही दोनों एक-दूसरे के करीब थे. खबरों के मुताबिक, अर्पिता ने पूछताछ में कथित तौर पर मान लिया है कि ये रकम ट्रांसफर पोस्टिंग के बदले ली गई घूस और कॉलेजों को मान्यता दिलाने के एवज में लिए गई थी.

आगे की जांच के बाद ईडी ने ये दावा किया कि पार्थ ने सिर्फ शिक्षा घोटाले के जरिए ही नहीं बल्कि दूसरे गैर कानूनी कामों से भी पैसे कमाएं हैं. ईडी ने चार्जशीट में कहा है कि जब्त की गई संपत्ति में 40.33 करोड़ रुपये की 40 अचल संपत्ति और 7.89 करोड़ रुपये की शेष राशि वाले 35 बैंक खाते शामिल हैं. जब्त की गई संपत्तियों में फ्लैट, एक फार्म हाउस, कोलकाता शहर में प्राइम लोकेशन की जमीन और बैंक बैलेंस शामिल हैं.

देखें वीडियो- भर्ती घोटाले के आरोपी पार्थ चटर्जी को ममता बनर्जी ने इतने दिनों तक क्यों बचाया?

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