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जिनके पास PAN कार्ड नहीं है उनके लिए बड़ी खुशखबरी है

बजट 2020 में फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया.

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निर्मला सीतारमण तबियत खराब होने की वजह से पूरा बजट नहीं पढ़ पाईं.
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2 फ़रवरी 2020 (Updated: 2 फ़रवरी 2020, 07:31 AM IST) कॉमेंट्स
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मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट 1 फरवरी, 2020 को पेश किया गया. देश के इतिहास का सबसे लंबा बजट 2 घंटे और 40 मिनट तक चला. इतने लंबे बजट में कन्फ्यूजन भी कुछ कम नहीं थे. जनता इस बजट में भूसे के ढेर में सुई की तरह अपने लिए फायदा खोज रही है. ऐसा नहीं है कि सब कुछ मुश्किल ही हुआ है, कुछ आसान भी हुआ है. और वो है परमानेंट अकाउंट नंबर यानी PAN कार्ड बनवाना.बजट में निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि अब PAN कार्ड बनवाने के लिए अलग से आवेदन नहीं करना होगा. कोई फॉर्म नहीं भरना पड़ेगा. अब से आधार कार्ड देखकर PAN कार्ड आवंटित कर दिया जाएगा. इससे ये होगा कि व्यक्ति को PAN कार्ड के लिए भागदौड़ नहीं करनी होगी और न ही लंबा इंतज़ार करना होगा. इसके लिए जल्द ही ऑनलाइन सिस्टम लाया जाएगा.इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने, बैंक में लेन-देन और अकाउंट खोलने जैसे कामों के लिए PAN कार्ड की ज़रूरत होती है. फिलहाल इनकम टैक्स डिपार्टमेंट National Securities Depository Limited (NSDL) और UTI Infrastructure Technology And Services Limited (UTI-ITSL) नामक दो एजेंसियों के जरिए PAN कार्ड जारी करता है. PAN में व्यक्ति को दस कैरेक्टर का एक यूनिक नंबर पहचान मिलती है. ये अल्फाबेट(A से Z) और नंबर(0 से 9) का मिला-जुला रूप होता है. इससे पहले नवंबर, 2019 में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इनकम टैक्स एक्ट 1961 में कुछ बदलाव किये थे. इस बदलाव के मुताबिक, टैक्सपेयर्स अपने दस्तावेज़ों में PAN की जगह 12 अंकों के आधार नंबर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. हालांकि, इसके साथ इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने जुर्माने का प्रावधान भी जोड़ दिया था. इसके तहत गलत आधार नंबर डालने पर, बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन फेल होने पर, जरूरी ट्रांसैक्शन में आधार या पैन देने में फेल होने पर 10 हज़ार के जुर्माने का प्रावधान जोड़ा गया था. इस नियम के मुताबिक, इस तरह की हर गलती के लिए हर बार 10 हजार का जुर्माना लगता है. उदाहरण के लिए, अगर आपने दो अलग-अलग फॉर्म्स में गलत आधार नंबर डाला है तो आपको 20 हज़ार रुपये का जुर्माना देना होगा.
वीडियो: अर्थात: निर्मला सीतारमण के बजट के बाद केंद्र और राज्य में अर्थव्यवस्था का संघर्ष

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