दाऊद को छोड़ो, इस मुच्छड़ ठाकुर की धूम मची है पाकिस्तान में
रातोंरात ये मुच्छड़ पाकिस्तान में स्टार बना गया.

मूंछें हों तो नत्थू लाल जैसी वरना न हों. मूंछ तो मन का दर्पण है, लाख रुपये की बात है.
शराबी और गोलमाल फिल्म की ये दोनों लाइनें भले ही अब घिस चुकी हैं, लेकिन मूंछें कभी नहीं घिसतीं. कितना ही घर्षण से भरा ताव दे दीजिए. तनी मूंछों को जल्दी कोई टस से मस नहीं कर सकता, ऐसी विचारधारा बड़े वाले मुच्छड़ फॉलो करते हैं. बड़ी मूंछों को हिलाने में रेजर कमबख्त अपवाद है और रेंजर मिसाल है. पाकिस्तान का एक रेंजर अपनी मूंछों की वजह से इस पार, उस पार ट्रेंड कर रहा है. ये पाकिस्तानी रेंजर है राणा ठाकुर. तनी सख्त मूंछों वाला मुच्छड़ राणा ठाकुर. कराची में पॉलिटिकल पार्टी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (MQM) की चलती है. पाकिस्तानी हुकूमत MQM से बुरी तरह चिढ़ती है. MQM के टॉप लीडर अल्ताफ हुसैन का मीडिया, मुल्क दोनों में दिखना सख्त मना है. हां, तो इस पार्टी के एक लीडर हुए फारुक सत्तार. 23 अगस्त को मीडिया चैनलों में उत्पात मचाने का आरोप MQM वालों पर लगा. फारुक सत्तार समेत कुछ लीडर्स चैनलों के माइक मुख के आगे अड़ाए प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे. तभी वहां ऑन कैमरा होती है मूंछों की एंट्री... https://www.youtube.com/watch?v=yPuFHIHgu1I डिप्टी सुप्रीटेंडेंट रेंजर उर्फ मुच्छड़ राणा ठाकुर कुछ दूजे रेंजर्स के साथ आते हैं. लंबा कद, एक जेब में हाथ और दूजा हाथ शराफत के साथ करीब-करीब फारुक की गिरेबां तक डाल देते हैं. फारुक सत्तार संग जितने MQM लीडर्स वहां खड़े थे, रेंजर्स सबको उठाकर ले जाते हैं. हाय, कैमरे की ख्वाहिश धरी रह जाती है. हालांकि ये MQM लीडर्स बाद में छोड़ भी दिए जाते हैं, पर राणा ठाकुर मूंछों समेत कैमरों में कैद हो चुके थे. ये स्टोरी राणा की मूंछों के 'ट्रेंडिया' जाने की है. बिकॉज, राणा ठाकुर की मूंछें टाइट और रौला सेट हो चुका है. आफरीन, आफरीन, आफरीन... पाकिस्तान कोक स्टूडियो. ये न होता तो न जाने नए दौर के छोकरे एंड बालिकाएं कैसे 'डीजे वाले बाबू' टाइप से आगे निकल पाते. आफरीन आफरीन गाना आया है. अख्खा दुनिया में सुना जा रहा है. इस गाने की लिरिक्स को तोड़कर पाकिस्तान की क्रिएटिविटी फूट-फूट कर निकल रही है. फेसबुक, ट्विटर पर लोग राणा की मूंछों और रौले से मजा स्वादानुसार ले रहे हैं. एक पाकिस्तानी ने राणा की तस्वीर के साथ फोटो अपलोड की. फिर उस तस्वीर पर सैकड़ों कमेंट आए. और आफरीन, आफरीन वाले गाने का नया मुच्छड़ वर्जन सामने आया. पहले ये गाना पढ़ लो..ऐसा देखा नहीं खूबसूरत कोई जिस्म जैसे अजंता की मूरत कोई
मूंछें देखी तो मैं देखता रह गया चश्मे या मयकदी के ये दो बाद में खौफ-ए-ठाकुर की तारीफ मुमकिन नहीं
मूंछें देखी तो मैं देखता रह गया चश्मे या मयकदै के ये दो बाब हैं
मूंछें इनको कहूं या कहूं ख्वाब हैं मूछें नीचे हुईं तो हया बन गईं
मूंछ नगम कोई मूंछ खुशबू कोई मूंछ जैसे मचलती कोई रंगनी मूंछें-ए-जाना की तारीफ मुमकिन नहीं मूंछें जैसे हों मौत का पैगाम कोई
मूंछ जैसे कि सूरज की पहली किरण मूंछ तरशे होवे दिल कश ओ दिल नशीं
हुस्न-ए-ठाकुर की तारीफ मुमकिक नहीं आफरीन आफरीन आफरीन आफरीन
मूंछें झुककर उठीं, MQM की बर्बादी बन गईं
मूंछें तरशी हुई दिल कश-ओ-दिल नशीं संदली, संदली, मरमरी मरमरी हुस्न-ए-ठाकुर की तारीफ मुमकिन नहीं आफरीन आफरीन आफरीन आफरीन
मूंछें जैसे कोई उमड़ी हुई हो घटा मूंछें जैसे कोई हो काली बला


MQM और पाकिस्तानी सरकार के बीच का लफड़ा यहां समझिए...