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जिस पत्रकार के बहाने हामिद अंसारी बीजेपी के निशाने पर हैं, उसे पाकिस्तानी बड़बोला कहते हैं

पाकिस्तान में भूकंप और जापान में सुनामी को लेकर अफवाह इसी पत्रकार ने फैलाई थी.

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Pakistani Journalist Nusrat Mirza and Former vice president Hamid Ansari
पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा और भारत के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी. (फोटो: फेसबुक/पीटीआई)
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धीरज मिश्रा
15 जुलाई 2022 (Updated: 15 जुलाई 2022, 03:53 PM IST) कॉमेंट्स
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भारत में इस समय नुसरत मिर्जा नाम का एक पाकिस्तानी पत्रकार सुर्खियों में है. हाल में इस पत्रकार ने दावा किया था कि वो कई बार भारत के दौरे पर आया था और उस दौरान उसको जो भी जानकारी मिली वो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI से शेयर की गई थी. इस आधार पर दावा किया जा रहा है कि नुसरत मिर्जा ने भारत में पाकिस्तान के लिए जासूसी की थी.

बीजेपी ने मिर्जा का हवाला देते हुए पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी पर निशाना साधा है. पार्टी ने आरोप लगाया है कि हामिद अंसारी अपने कार्यकाल के दौरान पाकिस्तानी पत्रकार को आमंत्रित किया था, जिसने कई गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को मुहैया कराई थीं. हामिद अंसारी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय की मंजूरी के बाद ही उपराष्ट्रपति किसी विदेशी मेहमान को आमंत्रित कर सकते हैं.

इस सबके बीच सवाल उठता है कि बतौर पत्रकार खुद नुसरत मिर्जा की पाकिस्तान में क्या क्रेडिबिलिटी है. उनकी प्रतिष्ठा क्या है और वहां उन्हें कितनी गंभीरता से लिया जाता है. 

पाकिस्तान का बदनाम पत्रकार

नुसरत मिर्जा का विवादों से नाता कोई नया नहीं है. उन पर कई बार 'षड्यंत्रकारी कहानियां' फैलाने का आरोप लग चुका है. साल 2005 में पाकिस्तान में भूकंप और साल 2011 में जापान में आई सुनामी को लेकर भी उन्होंने कुछ ऐसा किया था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक कराची के रहने वाले नुसरत मिर्जा ‘नवा-ए-वक्त’ और ‘जंग’ अखबारों में लेख लिखते थे. इस समय वो ‘सच टीवी’ (Such TV) नाम के चैनल पर अपना एक कार्यक्रम होस्ट करते हैं. नुसरत एक अनुभवी पत्रकार हैं, लेकिन पाकिस्तान की मीडिया में उन्हें 'खुद का चेहरा चमकाने वाला पत्रकार' या ‘बड़बोला पत्रकार’ के रूप में ज्यादा जाना जाता है.

विवाद की शुरुआत

नुसरत पर आगे और जानकारी देने से पहले थोड़ी देर के लिए मौजूदा विवाद पर वापस लौटते हैं. बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने बीते बुधवार, 13 जुलाई को 'टेलिविजन और सोशल मीडिया' रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए हामिद अंसारी पर आरोप लगाया कि उन्होंने पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा से मुलाकात की और गोपनीय सूचनाएं मुहैया कराईं.

वैसे तो गौरव भाटिया ने स्पष्ट रूप से ये नहीं बताया कि वे किस 'रिपोर्ट' के आधार पर ये दावा कर रहे हैं. हालांकि इसे एक यूट्यूब वीडियो से जोड़ा जा रहा है. बीती 10 जुलाई को पाकिस्तान के एक यूट्यूबर शकील चौधरी ने नुसरत मिर्जा का एक इंटरव्यू अपलोड किया था, जिसमें वे भारत को लेकर तमाम तरह के दावे कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि संभव है गौरव भाटिया के आरोपों का आधार ये वीडियो है.

करीब 50 मिनट के इस इंटरव्यू में नुसरत मिर्जा ने कुल मिलाकर दो बार हामिद अंसारी का उल्लेख किया है. हालांकि उन्होंने कहीं भी ये नहीं कहा कि तत्कालीन उपराष्ट्रपति से उनकी कोई बातचीत हुई थी. वीडियो में अंसारी का पहला उल्लेख तब आता है जब मिर्जा ने बताया कि साल 2010 में उन्होंने दिल्ली में आतंकवाद पर एक कॉन्फ्रेंस में भाग लिया था 'जब हामिद अंसारी उप राष्ट्रपति थे.'

इसी इंटरव्यू के बाद विवाद खड़ा हुआ.

इस पर स्पष्टीकरण देते हुए हामिद अंसारी ने कहा कि 11 दिसंबर 2010 को उन्होंने 'इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ ज्यूरिस्ट ऑन इंटरनेशनल एंड ह्यूमन राइट्स' का उद्घाटन किया था, लेकिन इस कार्यक्रम में किसे आमंत्रित किया जाएगा, वो काम आयोजकों का था. पूर्व उपराष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने न तो मिर्जा को बुलाया था और न ही उनसे मुलाकात की थी.

मिर्जा के इंटरव्यू में दूसरी बार हामिद अंसारी का उल्लेख तब आता है जब वे कहते हैं कि उन्होंने 'अंसारी समेत कई कांग्रेस नेताओं' से मुलाकात की थी. हालांकि यहां भी अंसारी से कोई 'विशेष मुलाकात करने और उनसे बात करने' का उल्लेख नहीं किया गया है.

खुद को बताया ‘इंडिया एक्सपर्ट'

नुसरत मिर्जा ने इस इंटरव्यू में खुद को 'इंडिया एक्सपर्ट' बताया और कहा कि वे भारत में कई जगह घूमे थे, उनके पास भारत के लिए सात शहरों का वीजा था, वगैरह वगैरह. जबकि उस समय पाकिस्तानी नागरिकों को सिर्फ तीन शहरों का वीजा मिलता था.

इंटरव्यू के दौरान उन्होंने दावा किया कि भारत को लेकर उनकी विशेषज्ञता और उनके अनुभव को पाकिस्तानी सरकारों ने नजरअंदाज किया है, नहीं तो वे रणनीतिक मामलों में पाकिस्तान को बड़ी सफलता दिला सकते थे.

नुसरत मिर्जा यहीं नहीं रुके. उन्होंने दो कदम आगे बढ़कर कहा कि जब वे साल 2006 का अपना भारत दौरा समाप्त करके लौटे थे, तब पाकिस्तान के विदेश मंत्री खुर्शीद कसूरी ने उनसे कहा था कि वे सारी जानकारियां ISI के डीजी अशरफ परवेज कयानी को दे दें. मिर्जा ने कहा, 

'मैंने उनसे कहा कि मैं कयानी से नहीं मिलूंगा, आप खुद ये सूचनाएं उन्हें दे सकते हैं. कुछ दिन बाद मेरे पास एक ब्रिगेडियर का कॉल आया. उन्होंने पूछा कि क्या मैं और जानकारी दे सकता हूं. मैंने उनसे कहा- 'क्या मैंने आपको अभी तक पर्याप्त सूचनाएं नहीं दी है'.'

भारत को लेकर मिर्जा ने कहा, 

'क्योंकि हम मुगल हैं, हमने हुक्मरानी की है, हम उन्हें समझते हैं.'

बड़बोले मिर्जा

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के पत्रकारों का मानना है कि उन्हें इस बात पर भरोसा नहीं है कि खुर्शीद कसूरी ने मिर्जा जैसे व्यक्ति से कभी बात भी की होगी. कस्तूरी के करीबी पत्रकारों ने कहा कि उन्होंने कभी मिर्जा को देखा भी नहीं था और न ही कभी सुना की कसूरी ने उनसे कोई बात की है.

एक वरिष्ठ पत्रकार ने अखबार को बताया, 'उनकी पूरी स्टोरी फर्जी है.'

इससे पहले नुसरत मिर्जा ने एक और 'अफवाह' फैलाई थी. उन्होंने दावा किया था कि पाकिस्तान में जो साल 2005 में भूकंप और 2010 में बाढ़ आई थी, वो 'अमेरिकियों' की योजना थी. इसके साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया था कि साल 2011 में जापान की सुनामी के पीछे भी अमेरिका का हाथ था.

नुसरत मिर्जा ने कहा कि वे अब भी अपने इस बयान से सहमत हैं और कहा कि 'मौसम में परिवर्तन' करके अमेरिका दुनिया को नियंत्रित करना चाहता था. उन्होंने अमेरिकी सेना की HAARP निगरानी प्रोजेक्ट का हवाला दिया और कहा कि इसके कारण त्रासदी आई थी.

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