'च** की औकात नहीं' और 'आई लव मोदी' कहने वाली लड़की को पता तक नहीं कि मोदी क्या सोचते हैं
इसका एक वीडियो वायरल हुआ है. उसको देखकर आपको बुरा नहीं लगा, तो फिर कोई दिक्कत है आपमें भी.
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गोल घेरे में जो लड़की है, उसे गौर से देखिए. ये इस बात की मिसाल है कि बेहूदों और मानसिक विकृति वाले इंसानों के पीछे पूंछ नहीं होती. वो देखने में सामान्य होते हैं, मगर उनका दिमाग घिनौना होता है. लड़की के बगल में बैठा इंसान भी किसी तारीफ़ का पात्र नहीं. वायरल वीडियो में वो लड़की की बेहूदी बातें सुनकर मुस्कुराता है.
मनीष सर के सामने बोला था एक दिन. मैंने ऐसा ही बोला. अरे, वो अनमोल सर थे. मैंने कहा यार, गवर्नमेंट जॉब नहीं लगी यार. साला च** पैदा होना चाहिए था. गवर्नमेंट जॉब तो लग जाती एट लीस्ट. (सिर की तरफ इशारा करते हुए) च** को यहां बिठा दिया. जनरल वालों को नीचे कर दिया. च** च** होते हैं, उनकी कोई औकात नहीं होती है. आई लव मोदी. टट्टी है केजरीवाल. टट्टी है केजरीवाल.
एक वायरल वीडियो दिखा. उसमें एक महिला थी. युवा, नौकरीपेशा. देखकर लगता है, वो किसी दफ़्तर में बैठी है. ऑन-ड्यूटी है. ऊपर जो लिखा है, वो सब इसी महिला ने ऑन-ड्यूटी रहते हुए बोला होगा. उसने अपनी बातों में एक जाति के लोगों का अपमान किया. जहां-जहां वो शब्द था, हमने वहां स्टार लगाया है. वीडियो के आखिर में महिला पॉलिटिक्स पर भी आई. बोली, केजरीवाल टट्टी है. ये सब कहते हुए उसे सामने बैठे किसी इंसान ने मोबाइल पर रिकॉर्ड कर लिया. महिला जानती थी कि रिकॉर्डिंग हो रही है. वो फिर भी बोलती रही. बिल्कुल बेपरवाही से.

ये वीडियो वायरल हो चुका है. NBT के पॉलिटिकल एडिटर नदीम के ट्विटर से ही इसे सवा लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं. तमाम लोग इसे शेयर कर रहे हैं.
ऐसे 'बेख़ौफ' लोगों का ये है इलाज़! वीडियो देखकर लगता है कि वो वीडियो बनाए जाने से पहले भी कुछ अनाप-शनाप बोल रही थी. वहां बैठे किसी इंसान ने वीडियो रिकॉर्ड करना शुरू किया और उससे कहा, अब बोलकर दिखाओ. महिला रुकी नहीं. वो शान से कहती रही कि उसने फलां-फलां सीनियर के आगे भी ये सब बोल दिया था. उसके बगल में बैठा एक शख्स मुस्कुराता, हंसता रहा. फिर वीडियो में वो आगे कहती है, शायद रिकॉर्डिंग कर रहे इंसान से. कि उसे रिकॉर्डिंग किए जाने या उसकी कही बातें औरों के पास पहुंच जाने का कोई डर नहीं. हम चाहते हैं कि महिला के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो. ताकि उसे फर्क़ पड़े. दोबारा कभी वो या उसके जैसी सोच रखने वाले लोग कम से कम कानून के ही डर से सही, मगर इस तरह की गंदगी न उगलें. असल में तो ऐसे ही लोगों का सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए. करने को तो यह भी करना चाहिए कि ऐसे लोगों को सामाजिक न्याय, आरक्षण, संविधान आदि से जुड़ी चीजें पढ़ाई-समझाई जाएं, लेकिन इन्हें देखकर लगता नहीं कि ऐसी पढ़ाई-लिखाई का कुछ फायदा भी होगा.
महिला को नहीं पता कि अनुसूचित जाति के लोगों को लेकर PM मोदी के क्या विचार हैं एक और बात है. वीडियो में मोहतरमा 'आई लव यू मोदी' कह रही हैं. उन्हें शायद मालूम न हो कि मोदी जी अपनी रैलियों में दलितों के लिए कितना प्रेम, कितनी सद्भावना जताते हैं. भरोसा दिलाते हैं कि आरक्षण में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. बल्कि उन्होंने तो दलितों के पांव भी धुले थे. उनके प्रति सम्मान दिखाने के लिए.
लोग कह रहे हैं, किसी पोलिंग बूथ का मामला है कई लोगों का कहना है कि ये शायद किसी पोलिंग बूथ की घटना है. कि वो महिला शायद इलेक्शन ड्यूटी पर थी. हमें इस दावे की सच्चाई नहीं मालूम.
'केजरीवाल टट्टी है' पर गुस्सा नहीं करना चाहिए! जहां तक बात रही केजरीवाल टट्टी है वाली बात की, तो उस पर हमें इतना गुस्सा नहीं आया. इसलिए नहीं कि ये सही है. बल्कि इसलिए कि हम बड़े डरावने समय में रह रहे हैं. यहां लोग राजनैतिक पार्टियों के नाम का पट्टा पहनकर घूमते हैं. उसके दुमछल्ले बनकर खुश होते हैं. नेताओं के फैन बन जाते हैं. बाकी सारी पार्टियों के नेता और सपोर्टर उन्हें दुश्मन लगते हैं. मारपीट कर बैठते हैं. गंदी-गंदी गालियां देते हैं. बलात्कार की धमकियां दी जाती हैं. इतने ज़हर माहौल में कोई बददिमाग सपोर्टर दूसरी पार्टी के किसी नेता को 'टट्टी' कहे, तो गनीमत ही है. कम से कम ये सुकूं तो है कि टट्टी उसी खाने का अवशिष्ट है, जो किसी का पेट भरने के काम आया था. आप कहेंगे, आप बेवजह आशावादी हो रही हैं. गालियों में भी कुछ राहत खोज रही हैं. मैं कहूंगी, करना पड़ता है. हमारे समय में जाहिलों की इतनी भरमार है. दिमागी शांति के लिए खुद को किसी तरह समझाना हमारे दौर का 'डिफेंस मैकेनिजम' है.
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