केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कोरोना वैक्सीन पर ऐसा क्या कह दिया कि सफाई देनी पड़ी
गडकरी कौन सी सलाह देकर सोशल मीडिया पर घिर गए?
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केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कोरोना वैक्सीन का प्रॉडक्शन बढ़ाने के लिए जो सुझाव दिया, उस पर लोग कहने लगे- ये बात वो अपनी सरकार से क्यों नहीं कहते. (फाइल फोटो- इंडिया टुडे)
कोरोना वैक्सीन की किल्लत के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक सुझाव दिया. देश में वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाने का सुझाव. कई और कंपनियों को वैक्सीन उत्पादन के काम में लगाने का सुझाव. लेकिन इस पर विवाद हो गया. सोशल मीडिया पर लोग कहने लगे कि वो ये बात खुद अपनी सरकार से क्यों नहीं कहते. अरविंद केजरीवाल भी ऐसा सुझाव दे चुके हैं. इसके बाद गडकरी ने सफाई दी. कहा कि उन्हें नहीं पता था कि उनकी सरकार पहले ही इस पर काम शुरू कर चुकी है. इसके लिए टीम को बधाई कि वो सही दिशा में हैं.
क्या कहा था नितिन गडकरी ने?
परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 18 मई मंगलवार को विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की थी. इस दौरान गडकरी ने कहा कि कोरोना वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाने के लिए कुछ और दवा कंपनियों को इसका लाइसेंस दिया जाना चाहिए. कोविड के इलाज में काम आ रही दवाओं की कमी पूरा करने के लिए दवा कंपनियों को मंजूरी देने के लिये कानून बनाया जाना चाहिये. उन्होंने कहा था-
‘‘यदि टीके की आपूर्ति के मुकाबले उसकी मांग अधिक होगी तो इससे समस्या खड़ी होगी. इसलिये एक कंपनी के बजाय 10 और कंपनियों को टीके का उत्पादन करने में लगाया जाना चाहिये. इसके लिये वैक्सीन का पेंटेंट रखने वाली कंपनी को दूसरी कंपनियों द्वारा रॉयल्टी का भुगतान किया जाना चाहिये. वैक्सीन वाली कंपनी एक के बजाए 10 लोगों को लाइसेंस दे.''#WATCH
— ANI (@ANI) May 19, 2021
| If vaccine demand is more than supply it creates problem. Instead of 1, let 10 more companies be given license for vaccine manufacture...Let them supply in country & later if there's surplus, they may export. It can be done in 15-20 days: Union Min Nitin Gadkari (18.05) pic.twitter.com/gVOqMuVRNr
नितिन गडकरी ने ये भी कहा था कि हर राज्य में ऐसी लैब मौजूद हैं, जिनके पास क्षमता है. अगर उनसे वैक्सीन का फॉर्मूला शेयर किया जाए तो वैक्सीन का प्रोडक्शन बढ़ सकता है. अगर ऐसा होता है तो 15 दिनों में ही इसका असर भी दिखाई देने लगेगा. देश में सप्लाई पूरी करने के बाद वैक्सीन बचें तो एक्सपोर्ट भी की जा सकती है.
विवाद बढ़ा तो क्या सफाई दी
नितिन गडकरी का ये बयान वायरल हो गया. लोगों ने गडकरी को सुझाव देना शुरू कर दिया कि वो ये बात केंद्र में अपनी सरकार को क्यों नहीं बताते. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने तंज कसते हुए कहा कि क्या उनके बॉस ये सुन रहे हैं? इशारा पीएम मोदी की तरफ था. रमेश का कहना था कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 8 अप्रैल को भी ऐसा ही सुझाव दिया था. विवाद बढ़ा तो 19 मई की दोपहर नितिन गडकरी के एक के बाद एक तीन ट्वीट आए. इसमें उन्होंने लिखा,
स्वदेशी जागरण मंच की ओर से आयोजित कॉन्फ्रेंस में मैंने कोविड वैक्सीन के लिए सजेशन दिया था. मुझे नहीं पता था कि रसायन व उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने सरकार को पहले ही वैक्सीन का प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए सजेशन दे रखा है. इस कॉन्फ्रेंस के बाद उन्होंने मुझे फोन करके ये भी बताया कि भारत सरकार कोरोना वैक्सीन के उत्पादन के लिए 12 अलग-अलग कंपनियों और प्लांट्स के साथ संपर्क में है. मुझे नहीं पता था कि मंत्रालय मेरे सजेशन से पहले ही इस पर काम कर रहा है. मैं बहुत खुश हूं और टीम को बधाई देना चाहता हूं कि वो सही दिशा में हैं.Yesterday while participating at the conference organised by Swadeshi Jagaran Manch, I had made a suggestion to ramp up vaccine production. I was unaware that before my speech Minister for Chemical & Fertilizers Shri @mansukhmandviya
had explained government’s efforts to ramp up — Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) May 19, 2021

नितिन गडकरी का ट्वीट.
बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ऐसा सुझाव कुछ समय पहले दे चुके हैं. उन्होंने केन्द्र से कहा था कि देश में अगर दूसरी कंपनियों को वैक्सीन बनाने का फॉर्मूला दिया जाए तो प्रोडक्शन बढ़ाया जा सकता है. इस तरह देश में कम समय में बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन किया जा सकेगा.
हाल में सरकार ने पोलियो वैक्सीन बनाने वाली हैदराबाद की कंपनी बिबकोल को बुलंदशहर प्लांट में कोवैक्सीन के उत्पादन की मंजूरी दी है. ये हर महीने 2 करोड़ कोवैक्सीन बनाएगी. अभी तक देश में कोरोना की तीन वैक्सीन को ही मंजूरी मिली है. कोवैक्सीन, कोविशील्ड और स्पूतनिक-वी. कोवैक्सीन को भारत बायोटेक ने विकसित किया है. कोविशील्ड का उत्पादन पुणे का सीरम इंस्टिट्यूट कर रहा है. स्पूतनिक-वी को रूस से मंगवाया जा रहा है.