CM ममता बनर्जी के आरोपों पर नीति आयोग के CEO का जवाब- 'हमने सम्मान के साथ उनकी बातें सुनीं...'
पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी का दावा है कि नीति आयोग की बैठक में उन्हें 5 मिनट बोलने के बाद ही चुप करा दिया गया. वहीं इस पर नीति आयोग की सफाई आई है. नीति आयोग के CEO बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने कहा है कि मीटिंग में सभी को 7 मिनट का समय दिया गया था.

नीति आयोग की मीटिंग को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से लगाए गए आरोपों पर नीति आयोग की सफाई आई है. नीति आयोग के CEO बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने कहा है कि मीटिंग में CM ममता बनर्जी को सम्मान के साथ सुना गया. उनके मुताबिक मीटिंग में सभी को 7 मिनट का समय दिया गया था. बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने कहा कि CM ममता बनर्जी के बोलने का वक्त पूरा होने पर रक्षा मंत्री ने सिर्फ समय को लेकर इशारा किया था, इसके अलावा और कुछ नहीं हुआ था. नीति आयोग के CEO के मुताबिक 7 मिनट का वक्त खत्म होने पर ममता बनर्जी ने कहा कि वो और बोलना चाहती थीं, लेकिन अब नहीं बोलेंगी.
मीडिया से बात करते हुए नीति आयोग के CEO बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने बताया,
“मीटिंग में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लंच से पहले बोलने का मौका देने का अनुरोध किया था. आमतौर पर हम अल्फाबेटिकल क्रम से चलते हैं. तो ये आंध्र प्रदेश से शुरू होता है, फिर अरुणाचल प्रदेश. इस हिसाब से पश्चिम बंगाल की बारी लंच के बाद आती. हमने उनके अनुरोध पर इसे एडजस्ट किया और रक्षा मंत्री ने गुजरात से ठीक पहले ममता बनर्जी को बुलाया. उन्होंने अपनी बातें रखीं.”
बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने आगे कहा,
"हर मुख्यमंत्री को 7 मिनट दिया गया और स्क्रीन के ऊपर एक घड़ी दिखती है जो बोलने के दौरान बचा हुआ समय बताती है. तो ये 7 से 6, 5, 4 और 3 तक जाती है. अंत में, ये शून्य दिखाती है. इसके अलावा और कुछ नहीं हुआ. रक्षा मंत्री ने अपने टेबल पर सिर्फ समय खत्म होने का इशारा किया था. फिर उन्होंने (CM ममता ने) कहा कि मैं और बोलना चाहती थी, लेकिन मैं अब नहीं बोलूंगी, बस इतना ही हुआ और कुछ नहीं. हम सबने उन्हें सुना. उन्होंने अपनी बातें रखीं और हमने सम्मानपूर्वक उनकी बातें सुनीं और नोट कीं."
नीति आयोग के CEO ने बताया कि CM ममता बनर्जी को कोलकाता के लिए फ्लाइट लेनी थी, इसलिए वो चली गईं. लेकिन उनके जाने के बाद भी उनके मुख्य सचिव मीटिंग में मौजूद रहे.
बता दें कि दिल्ली में 27 जुलाई को पीएम मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की 9वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक हुई थी. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का आरोप है कि इस मीटिंग में उन्हें बोलने से रोका गया. CM ममता के मुताबिक 5 मिनट बोलने के बाद ही उन्हें चुप करवा दिया गया.
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इस बात से नाराज ममता बनर्जी ने मीटिंग बीच में ही छोड़ दी. उन्होंने कहा कि इस मीटिंग में विपक्ष की ओर से सिर्फ वो शामिल हुई थीं. CM ममता ने कहा कि बीजेपी के मुख्यमंत्रियों को बोलने के लिए 15 से 20 मिनट का समय दिया गया. उन्होंने इसे क्षेत्रीय पार्टियों के साथ पश्चिम बंगाल का अपमान बताया.
नीति आयोग की सफाई से पहले ममता बनर्जी ने कोलकाता में कहा,
“चंद्रबाबू नायडू को बैठक में बोलने के लिए 20 मिनट का समय मिला. असम, अरुणाचल, छत्तीसगढ़ और गोवा के मुख्यमंत्रियों ने भी 15-20 मिनट तक अपनी बात रखी. लेकिन मुझे सिर्फ 5 मिनट बोलने दिया गया. लोगों ने घंटी बजाकर मुझे चुप करा दिया, मैंने कहा कि ठीक है, आप बंगाल की बात नहीं सुनना चाहते और मैंने बैठक का बहिष्कार किया.”
साल 2015 में केंद्र सरकार ने 65 साल पुराने योजना आयोग की जगह नीति आयोग का गठन किया था. नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया को NITI आयोग के नाम से जाना जाता है. NITI आयोग भारत सरकार के काम और नीतियों की जानकारी देता है. लॉन्ग टर्म पॉलिसी और कार्यक्रमों के लिए रणनीति बनाने में भी इसकी अहम भूमिका होती है. आयोग के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. अध्यक्ष के अलावा एक उपाध्यक्ष होता है, जो इकोनॉमिस्ट सुमन बेरी हैं.
वीडियो: नीति आयोग की बैठक से भड़ककर निकलीं ममता ने क्या आरोप लगाए?