The Lallantop
Advertisement

चंदा देने वाली कंपनियों पर छापेमारी को लेकर क्या बोलीं निर्मला सीतारमण?

निर्मला सीतारामन ने आखिर में ये भी कहा कि ये (इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम) एक परफेक्ट सिस्टम नहीं है, लेकिन हम एक ऐसे सिस्टम से आगे बढ़े, जो सभी चाहते थे. एक ऐसा सिस्टम जो बिल्कुल भी सही नहीं था.

Advertisement
Nirmala Sitharaman on electoral bond
निर्मला सीतारामन ने फंडिंग के पुराने तरीके को खराब बताया (फोटो- पीटीआई)
15 मार्च 2024
Updated: 15 मार्च 2024 17:55 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral bond data) पर भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की तरफ से दिए गए आधे-अधूरे डेटा को लेकर बहस जारी है. आधे-अधूरे इसलिए, क्योंकि बैंक ने अभी तक बॉन्ड के यूनिक अल्फान्यूमेरिक नंबर (सीरियल नंबर कह सकते हैं) नहीं दिए हैं. डेटा जारी होने के बाद विपक्षी पार्टियां सरकार पर सवाल उठा रही हैं. इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली कुछ कंपनियों पर जांच एजेंसियों की छापेमारी को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. अब केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा है कि छापेमारियों और डोनेशन के बीच लिंक को जोड़ना महज कयासबाजियां हैं.

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में बातचीत के दौरान वित्त मंत्री से एक दिन पहले रिलीज हुए डेटा को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया, 

"मुझे लगता है कि आप पूरी तरह कल्पना पर आधारित बात कर रहे हैं कि ईडी की रेड के बाद कंपनियों ने पैसे दिये. अगर कंपनियों ने पैसे दिये और उसके बाद भी हम ईडी के जरिये उन तक पहुंचे, तो उसका क्या? ये महज अटकलबाजियां है कि ईडी ने कंपनियों का दरवाजा खटखटाया, और फिर उन्होंने खुद को बचाने के लिए फंड दे दिए."

उन्होंने आगे बताया कि ये कहां से साफ होता है कि जिन पर छापेमारी हुई, उन्होंने बीजेपी को ही डोनेट किया. हो सकता है उन्होंने क्षेत्रीय दलों को चंदे दिये.

चुनाव आयोग ने 14 मार्च को अपनी वेबसाइट पर इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा रिलीज किया था. 15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक करार दिया था. साथ ही नए इलेक्टोरल बॉन्ड जारी करने पर रोक लगा दी गई थी. एसबीआई को निर्देश दिया गया था कि वो बॉन्ड की खरीद-बिक्री का सारा डेटा चुनाव आयोग को उपलब्ध कराए. हालांकि एसबीआई ने बॉन्ड का यूनिक अल्फान्यूमेरिक नंबर सार्वजनिक नहीं किया है. इससे ये पता नहीं चल रहा है कि किस व्यक्ति/कंपनी का चंदा किस राजनीतिक दल के पास पहुंचा.

SBI को फिर फटकार लग गई

15 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए भी SBI को फटकार लगाई और कहा कि बॉन्ड का यूनिक अल्फान्यूमेरिक नंबर भी जारी करे. एसबीआई को नोटिस जारी किया गया है. कोर्ट में अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी.

इस मुद्दे पर भी निर्मला सीतारामन से कॉन्क्लेव में सवाल पूछा गया. उन्होंने जवाब दिया कि मामला अब भी कोर्ट में है और एसबीआई को जो भी जमा करने को कहा गया है वो करेगी.

सीतारामन ने ये भी कहा कि राजनीतिक दलों को चंदे का पुराना सिस्टम 'बिल्कुल सही' नहीं था. इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम से पहले राजनीतिक दलों को चंदे के लिए इलेक्टोरल ट्रस्ट स्कीम थी, जो 2013 में यूपीए सरकार ने लागू किया था. वित्त मंत्री ने पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली को याद करते हुए कहा, 

"उन्होंने (जेटली) कहा था कि ये (इलेक्टोरल बॉन्ड) पुराने सिस्टम से ज्यादा अच्छा सिस्टम है, क्योंकि पैसा अकाउंट से पार्टी के अकाउंट में जा रहा है."

वित्त मंत्री ने आखिर में ये भी कहा कि ये (इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम) एक परफेक्ट सिस्टम नहीं है, लेकिन हम एक ऐसे सिस्टम से आगे बढ़े, जो सभी चाहते थे. एक ऐसा सिस्टम जो बिल्कुल भी सही नहीं था.

वीडियो: इलेक्टोरल बॉन्ड से पहले ED का छापा, फिर टेंडर, Megha Engineering, Future Gaming के बारे में खुलासे!

thumbnail

Advertisement

Advertisement