'कोई टैलेंट न हो तो पढ़ाई कर लो, खेलने में तो मेहनत चाहिए '
साइना नेहवाल आपको बता रही हैं एक जरूरी बात.
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फोटो - thelallantop
हमारे स्कूल में स्पोर्ट्स वाली मैडम कहा करती थीं, कुछ न आता हो तो पढ़ाई कर लो. सबसे आसान होता है. कुछ न कुछ तो बन ही जाओगे.
जब करियर बनाने की उम्र आई, उनकी बात समझ में आई. जो लड़कियां स्कूल में खेलों में खूब बढ़िया परफॉर्म करती थीं, बोर्ड की पढ़ाई के चक्कर में उन्होंने सारे खेल छोड़ दिए. फिर मैंने उन्हें कभी खेलते नहीं देखा. कोई इंजीनियरिंग करने लगी, कोई डॉक्टरी की पढ़ाई. शायद उनसे लोगों ने कहा होगा कि स्पोर्ट्स में कोई करियर नहीं होता है.
ऐसे ही लोगों को सैवलॉन के इस नए ऐड में जवाब दिया है साइना नेहवाल ने. जो बच्चों से कहते हैं कि वो कुछ बन नहीं पाएंगे.
https://www.youtube.com/watch?v=swmzYEAQ4JE
ये ऐड हमें दो चीजें बताता है. पहली ये, कि लाइफ में आई हर निगेटिव चीज को पॉजिटिव में बदल दो. हजारों लोग आएंगे जो कहेंगे कि तुम ये काम नहीं कर सकते. तुम खिलाड़ी, पेंटर, म्यूजिशियन नहीं बन सकते. आप उनसे लड़कर, रोकर या हथियार डालकर कुछ नहीं कर सकते. आपको उन्हें इग्नोर कर आगे बढ़ना होगा.
दूसरा ये हमें धीरज रखना सिखाता है. कि रुको, मेहनत करो, और समय आने पर अपने काम से उन्हें जवाब दो, बातों से नहीं. और जब तुम्हारे विपक्षी तुम्हारे सामने हों, उन्हें चुन-चुन कर जवाब दो. जैसे ये वही लोग हों जो तुम्हें नीचे खींचना चाहते हो.
साइना जब खेलती हैं, हम देखते हैं पूरा स्टेडियम खाली पड़ा है. सिर्फ वो हैं. और उनके विपक्ष में वो लोग जो उन्हें नीचे खींचने की कोशिश करते हैं. साइना एक एक कर सबको धराशाई करती जाती हैं. और जबतक सामने वाले को हरा नहीं देतीं, उनके चारों ओर स्टेडियम खाली रहता है. ये ऐड हमें एक खिलाड़ी के दिमाग के अंदर ले चलता है. कि खेलते समय खिलाड़ी ये नहीं देखता कि कोई देख रहा है या नहीं. उसका बस एक ही लक्ष्य होता है, अपनी बेस्ट परफॉरमेंस देना.
अगर आप खुद को हतोत्साहित करने वाली चोटें झेल ले जाएं. तो शारीरक चोटें महत्व नहीं रखतीं.