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"रिहाई से जस्ट पहले..."- कतर से वापस आए पूर्व नेवी अफसरों के घरवालों ने क्या बताया?

कतर की इंटेलिजेंस एजेंसी ने आठों पूर्व अधिकारियों को जासूसी के आरोप में 30 अगस्त, 2022 को गिरफ्तार किया था.

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navy veterans family werent informed about release till they boarded flight back home qatar
कतर ने आठ पूर्व भारतीय नेवी अफसरों को रिहा कर दिया है. (फोटो- ANI)
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ज्योति जोशी
12 फ़रवरी 2024 (Updated: 12 फ़रवरी 2024, 03:10 PM IST) कॉमेंट्स
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कतर (Qatar) की जेल में जासूसी के आरोप में बंद रहे आठ पूर्व नेवी अफसरों को रिहाई मिल गई है (Eight Navy Veterans). उनमें से सात भारत अपने परिवार के पास लौट आए हैं. पता चला है कि उनके परिवारों को देर रात तक रिहाई के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी. 11 फरवरी की रात को जब सातों अधिकारी भारत लौटने के लिए फ्लाइट बोर्ड कर रहे थे, तब जाकर उनके परिवारों को मामले की सूचना दी गई.

आठ अफसरों में से एक के फैमिली मेंबर ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि वो व्यक्तिगत हस्तक्षेप के लिए प्रधानमंत्री और रिहाई के लिए सहमत होने पर कतर के आभारी हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें रिहाई की जानकारी 11 फरवरी की रात को दी गई. उस वक्त पूर्व नेवी अफसर परिवार के पास वापस लौटने के लिए भारत की फ्लाइट में बैठ रहे थे. रिपोर्ट के मुताबिक, परिवार वालों को इस बात की भी कोई जानकारी नहीं है कि ये रिहाई कैसे संभव हुई.

रिहाई पर विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया,

भारत सरकार, डहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है. उन्हें कतर में हिरासत में लिया गया था. आठ में से सात भारत लौट आए हैं. हम कतर के फैसले की सराहना करते हैं.

ये भी पढ़ें- कतर से पूर्व भारतीय नौसैनिकों को जल्दी रिहा कराइए... कहने वाली कांग्रेस ने अब क्या बोला है?

Qatar में क्या हुआ था?

कतर की इंटेलिजेंस एजेंसी ‘स्टेट सिक्योरिटी ब्यूरो’ ने आठों पूर्व अधिकारियों को जासूसी के आरोप में 30 अगस्त, 2022 को गिरफ्तार किया था. आरोप क्या थे, ये बात कतर ने सार्वजनिक नहीं की. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि उन पर कतर के सबमरीन प्रोग्राम की गोपनीय जानकारी इजरायल के साथ साझा करने का आरोप लगा है. इसके बाद कतर की अदालत ने 26 अक्टूबर को अधिकारियों को फांसी की सजा सुनाई थी. फिर मामले में भारत सरकार ने हस्तक्षेप किया. दिसंबर 2023 में भारत के अनुरोध पर उनकी सजा को कतर के अमीर ने उम्रकैद में बदल दिया था. और अब उन्हें आजाद कर दिया गया है.

वीडियो: आसान भाषा में: इंडियन नेवी आधे घंटे लेट होती तो लक्षद्वीप हाथ से निकल जाता

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