The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • National Herald case ED source...

नेशनल हेराल्ड केस: ED सूत्रों ने कहा, मोतीलाल वोरा के फाइनेंस संभालने के कोई सबूत नहीं

मोतीवाल वोरा सबसे लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष रहे थे, वे AJL के कामों को देखते थे.

Advertisement
Rahul Gandhi Sonia Gandhi
(बाएं से दाएं) मोतीलाल वोरा के साथ राहुल गांधी, सोनिया गांधी (फोटो- इंडिया टुडे/पीटीआई)
pic
साकेत आनंद
5 अगस्त 2022 (Updated: 5 अगस्त 2022, 06:58 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक दिन पहले 'हवाला लेनदेन' के लिंक मिलने की बात कही थी. अब ED सूत्रों का कहना है कि पूछताछ के लिए बुलाए गए किसी कांग्रेस नेता ने ऐसे कोई डाक्यूमेंट्स नहीं दिए हैं जिससे साबित हो सके कि असोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (AJL) और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े वित्तीय ट्रांजेक्शन मोतीलाल वोरा हैंडल करते थे. मोतीवाल वोरा सबसे लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष रहे थे. साल 2020 में उनका निधन हुआ था.

राहुल गांधी ने लिया था नाम

इंडिया टुडे से जुड़े मुनीष पांडे ने ED सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है. इसमें अहम बात यह है कि जब राहुल गांधी से ED ने वित्तीय लेनदेन को लेकर पूछताछ की थी तो उन्होंने बताया था कि सभी ट्रांजेक्शन मोतीलाल वोरा हैंडल करते थे. राहुल और सोनिया गांधी के अलावा कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पवन कुमार बंसल ने ED के सामने मोतीलाल वोरा का ही नाम लिया था. सूत्रों ने बताया कि इन सभी नेताओं ने कोई भी कागजात सबूत के तौर पर नहीं दिया.

कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि मल्लिकार्जुन खड़गे को संसद सत्र के बीच बुलाया गया. इस पर ED सूत्रों ने कहा कि जांच एजेंसी के पास खड़गे को बुलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था क्योंकि वे यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के एकमात्र कर्मचारी हैं. ED ने 3 अगस्त को यंग इंडियन के ऑफिस को अस्थायी रूप से सील कर दिया था.

रिपोर्ट के मुताबिक, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच के दौरान ED को कई शेल कंपनियों का पता चला है जो यंग इंडियन के साथ ट्रांजेक्शन के लिए इस्तेमाल की गई थीं. अभी तक इनमें से कोलकाता स्थित डोटेक्स मर्चेंडाइज का नाम पब्लिक डोमेन में है. इसके अलावा कई और शेल कंपनियों का पता चला है जो हवाला लेनदेन में शामिल रही हैं.

2008 में बंद हुआ AJL

नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना 1938 में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने की थी. यह अखबार असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड द्वारा प्रकाशित किया जाता था. धीरे-धीरे अखबार की बिक्री कम हुई. साल 2008 में 90 करोड़ के कर्ज के साथ AJL को बंद कर दिया गया.

फिर कुछ समय बाद कांग्रेस ने एक नई कंपनी बनाई, यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड. कंपनी के 76 फीसदी शेयर्स राहुल गांधी और सोनिया गांधी के पास थे. कांग्रेस ने इस कंपनी को AJL के 90 करोड़ रुपये के शेयर दे दिए थे. इसके बाद कांग्रेस ने 90 करोड़ का लोन भी माफ कर दिया. इससे हुआ ये कि यंग इंडियन को बिना पैसे खर्च किए AJL की स्वामित्व मिल गई. मोतीलाल वोरा तब कांग्रेस के कोषाध्यक्ष थे और AJL से जुड़े मामलों में काफी सक्रिय थे. उन्होंने जनवरी 2008 में नेशनल हेराल्ड अखबार के बंद करने के AJL के एग्रीमेंट पर भी साइन किया था.

सुब्रमण्यन स्वामी ने कार्रवाई की मांग की थी

बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने 2012 में कांग्रेस नेताओं पर आरोप लगाते हुए ट्रायल कोर्ट में एक याचिका डाली थी. कहा गया कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का अधिग्रहण धोखाधड़ी से किया गया. उन्होंने कहा था कि ये सब कुछ दिल्ली के हेराल्ड हाउस की 2 हजार करोड़ रुपये की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया था.

फिलहाल ED इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है. कांग्रेस सोनिया गांधी और राहुल गांधी से पूछताछ कर चुकी है. ED की कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस नेता लगातार विरोध कर रहे हैं. राहुल गांधी ने भी कहा कि ED की कार्रवाई डराने का प्रयास है लेकिन वो इससे नहीं डरते हैं और लोकतंत्र के लिए लड़ते रहेंगे.

दी लल्लनटॉप शो: संजय राउत को जिस पात्रा चॉल केस में ED ने लपेटा है, क्या है उसकी पूरी कहानी?

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement