इस साल अलीगढ़ यूनिवर्सिटी (AMU) अपनी स्थापना के 100 बरस का समारोह मना रहा है. इस मौके पर चीफ गेस्ट होंगे पीएम नरेंद्र मोदी. 56 साल में ये पहला मौका है, जब देश के प्रधानमंत्री AMU के किसी कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे. इससे पहले, 1964 में लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री रहते हुए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. AMU का शताब्दी समारोह 22 दिसंबर को आयोजित होगा. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पीएम मोदी ऑनलाइन जुड़ेंगे. उनके साथ शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी शामिल होंगे.
पहले राष्ट्रपति कोविंद होने वाले थे चीफ गेस्ट
इस महीने की शुरुआत में विश्वविद्यालय ने घोषणा की थी कि शताब्दी समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मुख्य अतिथि हो सकते हैं. विश्वविद्यालय सूत्रों के अनुसार, मुख्य अतिथि में बदलाव अंतिम समय में किया गया है. एएमयू की ओर से जारी बयान में कहा गया कि वाइस चांसलर प्रोफेसर तारिक मंसूर ने विश्वविद्यालय के 100 वर्ष पूरे होने पर कार्यक्रम में शामिल होने की मंजूरी देने के लिए पीएम मोदी का आभार जताया है. मंसूर ने सभी स्टाफ सदस्यों, छात्रों, पूर्व छात्रों और शुभचिंतकों से अपील की है कि वे प्रोग्राम में सक्रिय रूप से भागीदारी करें. उन्होंने अपील की कि शताब्दी वर्ष के कार्यक्रम राजनीति से ऊपर रहने चाहिए, ठीक वैसे ही जैसे गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, मिलाद उन नबी, गांधी जयंती राजनीति से ऊपर हैं.
अभी ये घोषणा नहीं की गई है कि 22 दिसंबर को प्रोग्राम में क्या-क्या होंगे. लेकिन सूत्रों का मानना है कि पीएम कैंपस के नए गेट के उद्घाटन के अलावा कैंपस में एक टाइम कैप्सूल को जमीन में डालने के कार्यक्रम का हिस्सा बन सकते हैं.
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की 100वीं वर्षगांठ में शामिल होने के लिए वीसी ने सभी को मौजूद रहने को कहा है.
सीएए-एनआरसी आंदोलन के दौरान निशाने पर रही थी एएमयू
1875 में सर सैयद अहमद द्वारा स्थापित मुहम्मद एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज एक दिसंबर 1920 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय बना. उसी साल 17 दिसंबर को विश्वविद्यालय के रूप में इसका औपचारिक रूप से उद्घाटन किया गया था.
नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ हुए आंदोलन में एएमयू में भी तगड़े प्रदर्शन हुए थे. कई स्टूडेंट्स दिल्ली में हुए प्रोटेस्ट में भी शामिल हुए थे. अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के कई स्टूडेंट लीडर इस मामले में पुलिस के रडार पर रहे थे.