बीवी को बोल दिया तलाक-तलाक-तलाक, दहेज में स्कॉर्पियो नहीं मिली, केवल इसलिए
Triple Talaq का ये मामला UP के Banda जिले से सामने आया है, आरोप है कि मोटा दहेज लेने के बाद भी तीन तलाक दे दिया, केवल Mahindra Scorpio न मिलने पर, क्या है पूरा मामला?
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उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में एक शख्स पर अपनी पत्नी को तीन तलाक देने का आरोप है. पत्नी का आरोप है कि दहेज में स्कॉर्पियो कार नहीं मिलने पर उसने तलाक दिया है. महिला ने बताया कि शादी के वक्त उसके पिता ने दहेज दिया था. लेकिन शादी के कुछ समय बाद से उसके ससुराल वाले उस पर और दहेज लाने का दबाव बनाने लगे थे. आरोप है कि इसी वजह से पिछले साल उसे ससुराल वालों ने घर से भी निकाल दिया था. महिला की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.
Triple Talaq का ये पूरा मामला क्या है?आजतक से जुड़े सिद्धार्थ गुप्ता की रिपोर्ट के मुताबिक ये मामला बांदा के पैलानी थाना क्षेत्र का है. यहां रहने वाली एक महिला का आरोप है कि साल 2015 में उसकी मुस्लिम रीति रिवाज से फतेहपुर में रहने वाले एक शख्स से शादी हुई थी. शादी के वक्त महिला के पिता ने दहेज में ससुराल वालों को 15 लाख रुपए दिए थे. महिला का आरोप है कि शादी के बाद से ही ससुराल वालों ने स्कार्पियो कार की डिमांड करनी शुरू कर दी. ससुराल के लोग कार की मांग पूरी न कर पाने पर उसके साथ मारपीट किया करते थे और मानसिक रूप से प्रताड़ित भी करते थे. महिला ने अपनी शिकायत में ये भी आरोप लगाया है कि उसके पति ने साल 2023 में उसे घर से निकाल दिया था और दूसरी शादी करने की धमकी दी थी. तभी से महिला अपने मायके में रह रही है.
रिपोर्ट के मुताबिक महिला का पति कुछ दिन पहले उसके मायके आया. जहां उसका पीड़ित महिला के साथ लड़ाई-झगड़ा हुआ और दहेज में स्कॉर्पियो न मिलने की बात पर सभी के सामने तीन बार तलाक-तलाक बोलकर उसे तलाक दे दिया.
पुलिस ने क्या बताया?घटना को लेकर पैलानी थाना प्रभारी अनिल कुमार ने बताया,
बैन है Triple Talaq'दहेज को लेकर तीन-तलाक का मामला संज्ञान में आया है. महिला ने अपने पति और ससुराल वालों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है. हमने पति पर तीन तलाक को लेकर शिकायत दर्ज की है. मामले को लेकर तुरंत FIR दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.'
भारत में 19 सितंबर 2018 को तीन तलाक कानून लागू हुआ था. इसके तहत अगर कोई मुस्लिम शख्स अपनी पत्नी को एक बार में तीन तलाक देता है तो उसे तीन साल तक कैद की सजा हो सकती है. और इस मामले में पुलिस आरोपी को बिना वारंट भी गिरफ्तार कर सकती है. इस कानून के बनने से पहले 22 अगस्त, 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने भी तीन तलाक पर छह महीने की रोक लगा दी थी.