सांसद सचिन की अटेंडेंस कम, पर रिपोर्ट कार्ड चकाचक
सचिन की संसद में अटेंडेस पर लाल निशान लगे हुए हैं. लेकिन फिर भी बतौर सांसद वह चुपके-चुपके रन बटोर रहे हैं.
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2012 में राज्य सभा की शपथ लेने के बाद सचिन. (Source: PTI)
1. जब से ये राज्य सभा के मेंबर बने हैं, 235 में से कुल 13 दिन ही 'प्रेजेंट' रहे हैं. 2. नवंबरमें सचिन को मेंबर बनाया गया इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी की एक कमिटी का. कमिटी के हेड थे भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर. न ही सचिन इसकी एक भी मीटिंग में गए, न ही कमिटी के नार्थ-ईस्ट स्टडी टूर पर गए. 3. अगस्त में जब सचिन ने लीव एप्लीकेशन भेजी, सभा के बाकी सदस्यों ने उनके गायब रहने पर नाराजगी जाहिर की. 4. राज्य सभा के विंटर सेशन में सचिन ने 15 दिनों में सात सवाल भेजे. ये पहली बार है जब किसी राज्य सभा सेशन के लिए सचिन के सवाल चुने गए. पर सचिन के सवालों के लिखित जवाब दिए गए क्योंकि वो सेशन अटेंड नहीं कर पाए.पर सचिन का स्कोर कार्ड तो अलग ही कहानी बयां करता है. असल में ये उन लोगों में से नहीं जो सांसद होने को हलके में लेते हों. बल्कि 'वर्क फ्रॉम होम' में विश्वास रखते हैं. इन्होंने साबित किया है कि संसद के सेशन में जाना, और चीखकर वापस आ जाने से बड़ा है काम करना. तो चेक करते हैं सचिन का रिपोर्ट कार्ड.

1. MP फंड के तहत मिले पैसों का 98 फीसदी हिस्सा ये काम में ला चुके हैं. जो इन्हें राज्य सभा के बेस्ट परफॉर्मर्स में से एक बनाता है. 2. इन पैसों का एक हिस्सा इन्होंने जम्मू कश्मीर में आई बाढ़ के रिलीफ फंड में लगाया. 3. उत्तराखंड में बाढ़ आने के बाद वहां एक स्कूल और एक पुल बनवाया. 4. बीते 14 दिसंबर को इन्होने तमिलनाडु बाढ़ के लिए रिलीफ फंड की ओर से 50 लाख रूपए देने का वादा किया. 5. स्वच्छ भारत अभियान के तहत मुंबई के गोरेगांव में टॉयलेटबनवाए. 6. महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधरवाया. 7. आंध्रप्रदेश के 'पुत्तमराजू कन्द्रिका' गांव को इन्होने 'प्रधानमंत्री सांसद आदर्श ग्राम योजना' के तहत गोद लिया हुआ है. मिनिस्ट्री ऑफ़ रूरल डेवलपमेंट कहती है कि इसी योजना के तहत गोद लिए गए बाकी गांवों में सचिन के गांव का विकास सबसे तेज हो रहा है. 8. स्कूलों में स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए ये अक्सर स्मृति ईरानी से बातचीत करते रहे हैं. बीते दिनों 'नेशनल अथलेटिक मीट' कराने की मांग करते हुए खेलमंत्री को चिट्ठी लिखी.वैसे तो क्रिकेट के 'भगवान' के पास 2018 तक का समय है अपनी अटेंडेंस सुधारने का. पर उम्मीद है तब तक उनका काम उनकी अटेंडेंस से ज्यादा बोलता रहेगा. जैसे उनसे ज्यादा उनका बल्ला बोला करता था.