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पुलिस पर आरोप, कथित रेप पीड़िता का शव आरोपी से जलवाया कि सबूत मिट जाएं

लाश को जलाने का वीडियो वायरल हो गया.

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बाएं से दाएं. कुण्डवा चैनपुर थाना का साइबोर्ड. Motihari जिले के एसपी नवीन चंद्र झा.
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मुरारी
8 फ़रवरी 2021 (Updated: 8 फ़रवरी 2021, 02:55 PM IST) कॉमेंट्स
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बिहार का मोतिहारी जिला. यहां का कुण्डवा चैनपुर इलाका. 21 जनवरी को एक 12 साल की नाबालिग का शव कुछ लोग जला देते हैं. एक वीडियो वायरल होता है जो कथित तौर पर इसी घटना का है. देखने वालों की रूह कांप जाती है. शुरुआत में पुलिस मामले की FIR दर्ज नहीं करती है. फिर एक ऑडियो वायरल होता है, जिसमें कथित तौर पर कुण्डवा चैनपुर के थाना प्रभारी कथित तौर पर सबूत मिटाने के लिए बच्ची के शव को जलाने की बात कहते हैं. मामले में गैंगरेप का भी आरोप है. इसकी तुलना हाथरस मामले से की जा रही है. क्या है पूरा मामला? इंडिया टु़डे से जुड़े पत्रकार सचिन पांडे की रिपोर्ट के अनुसार,
"मामला करीब 16 दिन पहले का है. कुंडवा चैनपुर में किराए के मकान पर रहने वाले एक परिवार से जुड़ा है. परिवार मेहनत मजदूरी करके अपना पेट पालता है. पीड़ित परिवार ने बताया कि 21 जनवरी को उनकी बच्ची घर में अकेली थी. तभी वारदात हुई. मृतका के घर वालों ने आरोप लगाया है कि पहले बच्ची से चार लोगों ने बलात्कार किया और फिर 7 और लोगों ने शव जलाने में मदद की. पीड़िता को अस्पताल भी ले गए, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी."
इस घटना के नाम से चल रहे वीडियो को हमने देखा है. लेकिन हम उसे यहां नहीं दिखा सकते. यह वीडियो इतना डिस्टर्ब करने वाला है कि यहां 'इंसानियत शर्मसार हो गई' और 'क्रूरता की सभी हदें पार हो गईं' जैसे मुहावरों का प्रयोग करना भी बेमानी लगता है. वीडियो में एक आरोपी दूसरे आरोपियों से कहता है कि शव जलाने के लिए लकड़ी कम पड़ रही है, तेल कम पड़ रहा है. उधर से दूसरा आरोपी जवाब देता है कि और लकड़ी का इंतजाम हो जाएगा. इस बीच लगातार पीछे से किसी महिला के रोने की आवाज आती रहती है. सचिन पांडे के मुताबिक, इस मामले में पीड़ित परिवार ने मकान मालिक के परिवार के ऊपर बच्ची के शव को जलाने और मामले की FIR ना दर्ज कराने को लेकर दबाव बनाने का भी आरोप लगाया. और जब पीड़ित परिवार ने ऐसा करने से मना कर दिया, तो खुद ही मिट्टी का तेल डालकर शव जला दिया गया, ऐसे आरोप हैं. पुलिस की भूमिका पर सवाल इस जघन्य अपराध की तुलना उत्तर प्रदेश के हाथरस मामले से की जा रही है. हाथरस मामले की ही तरह इसमें भी पुलिस पर FIR दर्ज ना करने का आरोप लग रहा है. बाद में मृतका के पिता का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे अपनी बच्ची के लिए गुहार लगा रहे हैं. तब कहीं जिले के आला अधिकारियों की नींद टूटी और मामले में दो फरवरी को FIR दर्ज की गई. इस मामले में कुण्डवा चैनपुर के थाना प्रभारी पर आरोपियों के साथ सांठ-गांठ करने के आरोप भी लग रहे हैं. बीती पांच फरवरी को एक ऑडियो क्लिप वायरल हुआ है. इस क्लिप में कथित तौर पर थाना प्रभारी संजीव कुमार रंजन एक आरोपी रमेश सह से बात कर रहे हैं. रंजन ने आरोपी से कहा कि वो सबूत मिटाने के लिए शव को जला दे. कहां तक पहुंची कार्रवाई? इस मामले में कार्रवाई को लेकर Motihari के SP नवीन चंद्र झा का बयान सामने आया है. उनके अनुसार-
"इस मामले में गैंग रेप का आरोप लगाया गया है. डीएसपी सिकहना के नेतृत्व में एक एसआईटी गठित की गई है. कुल 11 आरोपियों में से 2 को गिरफ्तार कर लिया गया है. मजिस्ट्रेट के सामने उस कमरे को सील कर दिया गया है, जहां बच्ची की हत्या की गई. फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया है ताकि सबूत इकट्ठे किए जा सकें."
मोतिहारी के एसपी ने पीड़ित परिवार से भी मुलाकात की. उन्होंने बताया कि क्योंकि मामले में पुलिस की मिलीभगत की बातें सामने आई हैं, इसलिए वे खुद इसकी जांच कर रहे हैं. कुण्डवा चैनपुर के थाना प्रभारी संजीव कुमार रंजन को लेकर उन्होंने कहा कि पहली नजर में FIR दर्ज ना करने को लेकर उनकी लापरवाही सामने आई है, इसलिए उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है. उन्होंने यह भी बताया कि संजीव कुमार की भूमिका को लेकर SIT से रिपोर्ट मांगी गई है. अगर कुछ भी सामने आता है तो उनके ऊपर भी FIR दर्ज की जाएगी. एसपी ने बताया कि जैसे-जैसे इस मामले में सबूत मिलते जाएंगे, उसी के अनुसार कार्रवाई का दायरा बढ़ता जाएगा.

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