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जब घरवालों के इनबॉक्स में आने लगी बेटियों की गंदी फोटो

लड़कियां डिप्रेशन में. पिछले नौ महीने से जगह-जगह शिकायत करने को भटक रहे थे परिवार. अब हुई FIR.

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अविनाश जानू
24 अगस्त 2016 (Updated: 24 अगस्त 2016, 09:02 AM IST) कॉमेंट्स
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13 अगस्त को श्याम चौधरी नाम के एक पुजारी के पास 50 से ज्यादा टीनएज लड़कियों की तस्वीरें आईं. ये तस्वीरें 'फोटोशापित' थीं. यानी मॉर्फ्ड. यानी उन लड़कियों के चेहरे किसी दूसरे के शरीर पर लगा दिए गए थे. जिन लड़कियों के चेहरे उन तस्वीरों में थे, उनमें से ज्यादातर वृंदावन की रहने वाली हैं. इस पोस्ट में उन सारी लड़कियों के नाम थे, उनके पते थे और साथ ही हर फोटो पर अलग-अलग रेट लिखा हुआ था. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक जब पुजारी के पास ये फोटोज आईं, तो उसने जिस नंबर से तस्वीरें भेजी गईं थीं, उस पर कॉल किया. वो नंबर स्विच ऑफ आया. चौधरी ने फिर वृंदावन के ही अपने एक दोस्त को फोन किया, जिसकी लड़की की फोटो भी उन तस्वीरों में थी. उस लड़की के पापा का कहना है,
'श्याम चौधरी मेरे पास आए और मुझे तस्वीरें दिखाईं. मुझे पहले से ही पता चल चुका था कि मेरी बेटी की कुछ तस्वीरें किसी ने फोटोशॉप की हैं. मेरी बेटी अभी ग्रेजुएशन की स्टूडेंट है. पर मैं ये देख कर गुस्से में था कि उसने तस्वीरों पर रेट भी लिख रखा था.'
अब लड़की डिप्रेशन में है. उसने जबसे अपनी इन फोटोज के बारे में सुना है, उसने कॉलेज जाना बंद कर दिया है. उसके पापा ने वृंदावन और मथुरा पुलिस में इस बात की कंप्लेन 9 महीने पहले की थी, पर अभी तक इस पर पुलिस का कोई रिस्पॉन्स नहीं आया है. उन्होंने कहा, 'नवंबर में मेरे बेटे और मेरे वॉट्सऐप पर मेरी बेटी की तस्वीरें आईं. जिसके बाद मैं शिकायत करने के लिए वृंदावन कोतवाली पुलिस स्टेशन गया. जहां पर मुझसे कहा गया कि मुझे साइबर सेल में शिकायत करनी चाहिए. जब हम साइबर सेल गए तो हमसे SSP की परमिशन लेने को कहा गया. कई बार SSP ऑफिस के चक्कर लगाने के बाद भी मेरी शिकायत नहीं सुनी गई. मैं पुलिसवालों के खराब रवैये से परेशान आ चुका था, तो मैंने इस मामले में कुछ भी करना बंद कर दिया.' उन्होंने आगे बताया, 'तब हमने वृंदावन की ही एक सोशल एक्टिविस्ट लक्ष्मी गौतम की मदद ली. लक्ष्मी ने मामले की जांच-पड़ताल की. लक्ष्मी का कहना है कि जो 50 से ज्यादा फोटोज वॉट्सऐप पर शेयर की जा रही हैं, उनमें से 35 वृंदावन से हैं. बहुत से परिवार तो इस मामले में कोई भी कदम उठाने से बचते रहे, क्योंकि मामला जवान लड़कियों का है. उनमें से कई लड़कियों ने घर से निकलना बंद कर दिया है और वो डिप्रेशन में हैं.' पर बहुत से पैरेंट्स ने पुलिस के पास जाने में उनका साथ दिया. नौ परिवारों ने उनके साथ जाकर मथुरा के SP सिटी आलोक प्रियदर्शी से शिकायत की. जब इस बारे में मथुरा के SSP बबलू कुमार से बात की गई, तो उन्होंने इस मामले में FIR दर्ज करने का आदेश दे दिया.

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