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"चिल्लाने वाले प्रवक्ताओं को बुला भड़काऊ डिबेट करा रहे न्यूज चैनल"- बोले अनुराग ठाकुर

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि ऐसा कर अपनी विश्वसनीयता कम कर रहे हैं. भड़काऊ बहसें देखकर लोग चैनल बदल देते हैं.

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केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर. (फोटो: PIB)
20 सितंबर 2022 (Updated: 20 सितंबर 2022, 20:13 IST)
Updated: 20 सितंबर 2022 20:13 IST
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केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने कहा है कि न्यूज़ चैनल ध्रुवीकरण करने वाले लोगों को अपने यहां बुलाते हैं, जिस वजह से उनकी विश्वसनीयता कम हो रही है. ठाकुर ने 19 सितंबर को ये बात एशिया-पैसिफिक इंस्टिट्यूट फॉर ब्रॉडकास्टिंग डेवलपमेंट (एआईबीडी) के एक कार्यक्रम में कही. अनुराग ठाकुर ने अपने संबोधन में कहा,

मेरी निजी राय में मुख्यधारा के मीडिया के लिए सबसे बड़ा खतरा नए जमाने का डिजिटल प्लेटफॉर्म नहीं, बल्कि खुद मुख्यधारा के मीडिया चैनल हैं. अगर आप उन मेहमानों को आमंत्रित करने का निर्णय लेते हैं, जो ध्रुवीकरण कर रहे हैं, जो झूठी खबरें फैलाते हैं और जो अपने फेफड़ों से पूरा दम लगाकर चिल्लाते हैं, तो इससे आपके चैनल की विश्वसनीयता कम होती है. ऐसे में आपका शो देखने के लिए दर्शक एक मिनट के लिए रुक तो सकते हैं, लेकिन वो कभी भी आपकी विश्वसनीयता पर भरोसा नहीं करेंगे. किसी टीवी चैनल पर बुलाया गया मेहमान कैसा है, उसकी आवाज कैसी है और आप कैसे सीन दिखाते हो, दर्शक इन सबसे आपकी विश्वसनीयता को परिभाषित करते हैं.

न्यूज़ चैनलों पर चलने वालीं शोर-शराबे वाली बहसों को भी केंद्रीय मंत्री ने दुखी करने वाला बताया. उन्होंने कहा कि आज टीवी चैनलों को चिल्लाने वाली डिबेट की जगह समझदारी और बेहतर मुद्दों वाली बहस की जरूरत है. उन्होंने चैनलों से अपील करते हुए कहा कि वो अपने कॉन्टेंट को सिर्फ साउंडबाइट्स के माध्यम से पेश न करें, बल्कि इसे खुद परिभाषित करें और मेहमानों के लिए शर्तें तय करें.

‘चैनल बदल रहे लोग’ 

अनुराग ठाकुर ने डिबेट में शामिल होने वाले उन सवालों को लेकर भी निराशा जाहिर की, जो दर्शकों को उकसाने का काम करते हैं. ठाकुर ने कहा कि युवा दर्शक ये सब देखकर चैनल बदल देते हैं. उन्होंने आगे कहा,

क्या आप युवा दर्शकों को सिर्फ तेज आवाज के जरिए अपनी ओर खिंचे चले आने वाले दर्शकों की तरह ही देखते रहेंगे? या इससे आगे बढ़कर प्रसारण की दुनिया में आगे बने रहने के लिए आप समाचारों में निष्पक्षता और बहस में सकारात्मक चर्चा को भी वापस लाने पर विचार कर रहे हैं?

अपने संबोधन के दौरान अनुराग ठाकुर ने मीडिया के प्रयासों की सराहना भी की, खासकर कोविड-19 के दौरान किए गए प्रयासों की. उनके मुताबिक, कोविड के दौरान मीडिया ने दिखाया कि कैसे समय पर लोगों तक सही जानकारी पहुंचा कर लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है.

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