ये तो अति है! म्यांमार की सेना ने अपने ही लोगों पर गिराए बम, 100 से ज्यादा की मौत
मरने वालों में महिलाएं-बच्चे शामिल

म्यांमार में हुई मिलिट्री एयरस्ट्राइक में 100 से ज्यादा लोगों की मौत की जानकारी मिली है. ये हवाई हमले वहां की सेना ने किए हैं (Military Airstrike in Myanmar). सैन्य सरकार ने हमले की बात भी कबूली है. मंगलवार, 11 अप्रैल को वहां के नागरिकों पर बम बरसाए गए और कई राउंड तक फायरिंग हुई. सोशल मीडिया पर हमले की तस्वीरें वायरल हो रही हैं. ये विचलित करने वाली हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना सागैंग प्रांत के कनबालु टाउनशिप में स्थित पजीगी गांव की है. मंगलवार को सैन्य सरकार के विरोध में यहां एक समारोह रखा गया था. विद्रोही ग्रुप के ऑफिस के उद्घाटन के लिए कई लोग जमा हुए. इसी दौरान उन पर एयरस्ट्राइक की गई. एक प्रत्यक्षदर्शी ने द एसोसिएटेड प्रेस को बताया-
एक लड़ाकू विमान ने पजीगी गांव के बाहर इकट्ठा हुई भीड़ पर बम गिराए और फिर हेलीकॉप्टर से फायरिंग की.
लोकल मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, मौत का आंकड़ा 100 से भी ज्यादा है. इसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. खबर है कि समारोह में विरोधियों के अलावा कई आम लोग भी शामिल हुए थे.
सैन्य सरकार ने ली जिम्मेदारीसैन्य सरकार के प्रवक्ता, मेजर जनरल ज़ॉ मिन टुन ने सरकारी टेलीवीजन को फोन पर दिए गए एक बयान में स्वीकार किया कि विद्रोही गुट के ऑफिस के उद्घाटन के दौरान यह हमला किया गया था. उन्होंने सरकार विरोधी ताकतों पर हिंसक अभियान चलाने का आरोप लगाया है.
रेस्क्यू में जुटे प्रतिरोध इकाई के एक सैनिक ब्यार की ने कहा-
हमले पर UN का रिएक्शनये एक वॉर क्राइम है. जिस जगह पर हमला किया गया वो सैन्य लक्ष्य नहीं था. हमले में बचे लोगों ने बताया कि एयरस्ट्राइक फाइटर जेट और एक लड़ाकू हेलीकॉप्टर द्वारा किया गया था.
हमले पर संयुक्त राष्ट्र की भी प्रतिक्रिया आई है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने बताया कि वो इस हवाई हमले की सूचना से 'भयभीत' हैं. वो कहते हैं-
ऐसा लग रहा है कि वहां डांस कर रहे स्कूली बच्चे और कई अन्य नागरिक हमले का शिकार हुए हैं.
राष्ट्रीय एकता सरकार के मानवाधिकार मंत्री आंग मायो मिन ने कहा-
शासन ने अपना सैन्य बजट बढ़ा दिया है और हवाई हमले बढ़ रहे हैं. म्यांमार के लोग अपने खून से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सेना के क्रूर युद्ध अपराधों के बारे में संदेश दे रहे हैं.
सोशल मीडिया पर हमले की तस्वीरों में जले हुए क्षत-विक्षत शव, टूटी इमारतें, जली हुई मोटरसाइकिलें और बिखरा पड़ा मलबा दिख रहा है.
म्यांमार में क्या हो रहा है?म्यांमार में 1 फरवरी 2021 को सेना ने तख्तापलट कर सत्ता हासिल की थी. इसके बाद देश में इमरजेंसी लगा दी गई. इस दौरान म्यांमार की नेता आंग सान सू की और नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था. तब से ही देशभर में लोकतंत्र बहाली की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है. अनुमान है कि तब से 3,000 से ज्यादा नागरिक सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए हैं.
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