The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Meet Amar Arshi, a little-known folk singer from Jalandhar, the original singer of current superhit song — Kala chashma

सुपरहिट गाने तैनूं काला चश्मा का फर्जीवाड़ा आया सामने

ये गाना तीसरी बार सुपरहिट हो रहा है. लेकिन इस बार एक झूठ की बुनियाद पर.

Advertisement
Img The Lallantop
फोटो - thelallantop
pic
कुलदीप
29 अगस्त 2016 (Updated: 29 अगस्त 2016, 02:26 AM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
'जो प्रतिबद्ध है, वही लथपथ है.'
पत्रकार रवीश कुमार की ये लाइन याद आती है, जब जालंधर के सिंगर अमर अर्शी की कहानी सुनते हैं. 47 साल का ये बंदा 'तैनू काला चश्मा जचदा ऐ' गाने का ओरिजिनल सिंगर है, लेकिन पर्याप्त क्रेडिट और मेहनताने के इंतजार में हैं.

अमर अर्शी के साथ ये गाना बनाने वालों ने बड़ा धोखा किया है.

फिल्म 'बार बार देखो' में कटरीना कैफ सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ इस दो दशक पुराने पंजाबी गाने पर थिरक रही हैं. यूट्यूब पर इसे 6 करोड़ से ज्यादा बार देखा जा चुका है. इस गाने का क्रेडिट फिल्म वालों ने चार लोगों को दिया है, आकृति कक्कड़ की आवाज, बादशाह की कंपोजिंग और इंदीप बक्शी का रैप. मेल वॉइस में एक ऐसा नाम है, जिसका मायानगरी मुंबई से कोई रिश्ता नहीं- अमर अर्शी.
जागरण और शादियों में गाने वाले जालंधर के अमर अर्शी ने दो दशक पहले 'काला चश्मा' गाया था. इसके ओरिजिनल कंपोजर थे प्रेम हरदीप. कोई पहले से मौजूद किसी गाने को दोबारा इस्तेमाल करना चाहे तो उसे सिंगर से परमिशन लेनी होती है और रॉयल्टी भी दी जाती है. लेकिन अमर अर्शी का कहना है कि उनसे इस बारे में झूठ बोला गया.
पत्नी नरेंदरज्योत के साथ अमर अर्शी.
पत्नी नरिंदर ज्योत के साथ अमर अर्शी.

सिंगर-रैपर बादशाह ने अमर अर्शी को ठगा है?

कुछ महीनों पहले पंजाब की म्यूजिक कंपनी 'एंजेल रिकॉर्ड्स' ने अर्शी से संपर्क किया. उनसे कहा गया कि वे उनके साथ 'काला चश्मा' गाने को दोबारा रिकॉर्ड करना चाहते हैं, क्योंकि इसका किसी विज्ञापन में इस्तेमाल करना है.
अमर के मुताबिक, 'मुझे इसके बदले एक बेसिक रिकॉर्डिंग मनी दी गई. मुझसे कहा गया कि इसमें से 10 सेकेंड एक ऐड के लिए यूज किया जाएगा. बाद में 'बॉम्बे स्टूडियोज' के एक बंदे ने बताया कि बादशाह जी इस गाने पर दोबारा काम कर रहे हैं और वो इससे कुछ बड़ा बना रहे हैं. लेकिन इसके लिए किसी ने मुझसे कुछ नहीं पूछा. कोई परमिशन नहीं ली गई. मैंने ये गाना वैसे ही सुना, जैसे इंडिया के बाकी लोग सुन रहे हैं.'
अमर अर्शी ने कहा, 'वो बहुत खुश हैं कि गाना अच्छा कर रहा है. लेकिन जो लोग मुझे जानते हैं, वो पूछते हैं कि आपकी आवाज होने के बाद भी आपका नाम क्यों नहीं दिख रहा? अच्छा होता कि वो मुझे थोड़ा अच्छे से क्रेडिट देते.'
अमर को नहीं पता कि उन्हें इस गाने की रॉयल्टी मिलेगी या नहीं. पूछने पर पंजाबी में बोले, 'देखो जी कुछ देंदेने अगर.'
अमर और उनकी पत्नी
अमर और उनकी पत्नी

छोटे शहरों के कलाकारों के अरमान भी कम होते हैं. इसलिए अमर अर्शी इस गाने से हुए मामूली फायदे का जिक्र भी करते हैं. गाने के नए वर्जन से उन्हें इतना फायदा हुआ है कि शोज में उन्हें अब पहले से थोड़ा ज्यादा पैसा मिलने लगा है. खास तौर से जब वो परफॉर्म करने ऑस्ट्रेलिया या ब्रिटेन जाते हैं. वो अपनी पत्नी नरिंदर ज्योत कौर के साथ शोज करते हैं और गाना आने के बाद उन्हें अच्छी संख्या में शो मिल रहे हैं.

इस गाने का सफर

1

ओरिजिनल गाना जालंधर के एक स्टूडियो में करीब 20 साल पहले रिकॉर्ड किया गया था. इसमें नए वाले गाने के मुकाबले तुम्बी की आवाज मुखर है. ये गाना सुपरहिट हुआ और पंजाब की हर शादी में बजने लगा. अमर अर्शी वीडियो में दिख रहे हैं.
https://www.youtube.com/watch?v=K2R8qOvDdoM

2

इसके 10 साल बाद म्यूजिक प्रोड्यूसर बलजीत सिंह पदम उर्फ डॉक्टर जियस इस गाने पर लट्टू हुए. उन्हें लगा कि इसे मिक्सिंग विक्सिंग करके दोबारा रिलीज करना चाहिए. वे इसे यूके ले गए और दोबारा रिकॉर्ड करके अंग्रेजीभाषी लोगों तक पहुंचाया. ये वर्जन बहुत हिट हुआ.
https://www.youtube.com/watch?v=7qpgWu2hXK4
3
जो सबसे नया है. कटरीना कैफ और सिद्धार्थ मल्होत्रा की फिल्म 'बार बार देखो' में ये गाना इस्तेमाल किया गया. 'डीजे वाले बाबू' फेम बादशाह ने ये गाना दोबारा बनाया है.
https://www.youtube.com/watch?v=k4yXQkG2s1E

जागरण में भी 'काला चश्मा' की फरमाइश करते हैं लोग

अमर अर्शी बहुत ही सामान्य परिवार से हैं. जालंधर के नंगल मज्जा की एक गरीब फैमिली में पैदा हुए थे. गुरदास मान, सुरिंदर शिंदा और कुलदीप मानक जैसे फोक सिंगर्स को सुनकर म्यूजिक में दिलचस्पी हुई. कोशिश करते रहे तो ऑल इंडिया रेडियो जालंधर पर मौका मिल गया. लेकिन टैलेंट तब निखरा, जब मशहूर पंजाबी सिंगर अमर सिंह चमकीला ने उन्हें शिष्य बना लिया. वो बताते हैं, 'सुबह 4 बजे उनके ऑफिस पहुंच जाता था, उनके लिए गाता था और उनसे सीखता था.'
अमर, परिवार के साथ.
अमर, परिवार के साथ.

ये गाना अर्शी की जिंदगी का सबसे बड़ा मुकाम है. वो बताते हैं, 'फनी बात ये है कि लोग माता के जागरण में भी मुझ से 'काला चश्मा' की फरमाइश करने लगते हैं. मुझे कहना पड़ता है कि ये इस गाने की सही जगह नहीं है.'

Advertisement