अम्मी कहती हैं मौत बर हक़ है. हर शै को मौत आनी है. और कब आ जाए कुछ नहीं पता. यानी एक कदम उठाओ तो दूसरे का पता नहीं कि वो कदम उठेगा या नहीं. अम्मी की ये बात एकदम जहन में हिचकोला खा गई जब सुना एक एक नामी डांसर स्टेज पर नाचते हुए मर गई. अफसोस और सिर्फ अफसोस.
रंगकर्मी, क्लासिकल डांसर अश्विनी एकबोटे. 44 साल की थीं. शनिवार शाम पुणे के भारत नाट्यमंदिर में परफॉर्म कर रही थीं. नाचते नाचते ही वो स्टेज पर गिर गईं. उन्हें हार्ट अटैक हुआ. फ़ौरन पास के अस्पताल ले जाया गया, लेकिन जान नहीं बच पाई.
कौन थीं अश्विनी?
पुणे की रहने वाली अश्विनी ने पोस्ट ग्रेजुशन के बाद एक्टिंग और डान्स कोचिंग शुरु की थी. वो मराठी रंगमंच का एक जाना-पहचाना नाम थीं. रंगमंच के अलावा उन्होंने मराठी सीरियल्स और फिल्मों में काम किया था. उनके कुछ हिट मराठी नाटकों में 'एका कशानात', 'नंदी', 'तया तिगनाची गोश्टा' शामिल हैं. साल 2001 में उन्होंने मराठी फिल्मों में कदम रखा. उनकी पहली मराठी फिल्म है 'अकलीचे कंडे.' इसके बाद वो साल 2007 में 'दुमकाता' और 2014 में 'बांवरे प्रेम हे' में भी नज़र आई थीं.
शोहरत उनको तब मिली जब अश्विनी की 'महागुरू', 'तप्तापाड़ी' और 'कॉफी आनी ब्राच काही' आईं. इस साल फरवरी में उनकी दो फिल्में एक साथ रिलीज हुई थीं मुंबई टाइम और मराठी टाइगर. मुंबई टाइम में अश्विनी मां के किरदार में थीं और मराठी टाइगर में उन्होंने एक कन्नड़ औरत का रोल निभाया था. आश्विनी ने दुहेरी, दुर्वा, राधा ही बावरी, 'तू भेटशी नव्याने', मराठी सीरियल्स में काम किया था.
अश्विनी के पति प्रमोद एकबोटे पुणे फायर ब्रिगेड के वायरलेस डिपार्टमेंट में सीनियर रेडियो टेक्निशियन हैं. अश्विनी के बेटे शुभांकर एकबोटे भी एक्टिंग में करियर बनाने में लगे हैं. अभी उनकी उम्र 20 साल है.